भोपालमध्यप्रदेश

नर्सिंग घोटाले में विकेट गिरना शुरू, डॉक्टर्स समेत 79 कर्मचारियों पर लटकी तलवार

नर्सिंग घोटाले में विकेट गिरना शुरू, डॉक्टर्स समेत 79 कर्मचारियों पर लटकी तलवार

भोपाल। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपपत्र जारी कर विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं कुल मिलाकर 70 कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच होगी वहीं, भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) की नर्सिंग प्राचार्य राधिका नायर को पद से हटाया गया है इस मामले में NSUI ने आरोप लगाया सरकार कुछ चुनिंदा लोगों को बचने का प्रयास कर रही है नर्सिंग प्रिंसिपल को केवल पद से हटाया गया है, इन्हें सस्पेंड क्यों नहीं किया गया।

NSUI ने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की भूमिका पर उठाए सवाल

NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार का कहना है वर्तमान चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरूण राठी की भूमिका संदिग्ध है। घोटाले के कई आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है एक वर्ष पूर्व तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने लगभग 110 नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे, लेकिन वर्तमान आयुक्त द्वारा केवल 70 के लगभग लोगों के विरुद्ध ही आरोप पत्र जारी किए गए हैं। यह कहीं न कहीं दोषियों को बचाने का प्रयास है।

भोपाल जीएमसी नर्सिंग प्रिंसिपल को पद से हटाया

इन डॉक्टर्स के खिलाफ जारी हुए थे नोटिस

NSUI ने प्रदेशभर में व्यापक आंदोलन करने की चेतावनी दी है। अगर सभी 110 संदिग्ध नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई तो सड़कों पर उतरेंगे रवि परमार का कहना है नर्सिंग घोटाले में जिनको नोटिस जारी हुए थे, उनमें जीएमसी के पूर्व प्राचार्य रोसी शाहुल समेत प्रोफेसर में डॉ. जितेंद्र महावर, डॉ. हरिसिंह मकवाना, डॉ. संदीप कुमार मर्सकोले, डॉ. वीरेंद्र धुर्वे. नर्सिंग स्टाफ में रजनी नायर, प्रियदर्शनी डेहरिया, दीपिका कुंभारे, राजश्री मालवीय शामिल हैं, लेकिन इन पर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई गांधी मेडिकल कॉलेज की नर्सिंग प्राचार्य राधिका नायर पर अनियमितताओं के आरोप हैं उन्हें तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए।

नर्सिंग घोटाला मामले की हाई कोर्ट में लगातार सुनवाई

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाले की जबलपुर हाई कोर्ट में सुनवाई जारी है दरअसल, नर्सिंग कॉलेजों को मनमाने तरीके से मान्यता देने का मामला गर्माने के बाद इसकी जांच सीबीआई ने की इसके बाद कई कॉलेज अपात्र पाए गए इस दौरान नर्सिंग के हजारों स्टूडेंट्स का भविष्य चौपट हो गया सीबीआई ने जांच करके इसकी रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की थी।

हाई कोर्ट में दायर याचिका में क्या है

इस मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी इसमें कहा गया था मध्यप्रदेश में नियम विरुद्ध नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं नियमों को ताक पर रखकर कॉलेजों को मान्यता प्रदान की गयी है तत्कालीन अधिकारियों द्वारा मान्यता नियम 2018 में 3 बार संशोधन किए गए अपात्र कॉलेजों को निरंतर लाभ पहुंचाया गया बता दें कि साल 2018 से 2022 तक कई नर्सिंग कॉलेजों को नियमों को दरकिनार कर मान्यता दी गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}