मनोरंजनमंदसौरमध्यप्रदेश
चुरा लिया है तुमने जो दिल को नजर नहीं चुराना सनम
दशपुर रंगमंच ने किया सुरों से सजी संगीत संध्या का का आयोजन
मन्दसौर। नगर की दशपुर रंगमंच द्वारा सूरों से सजी हुई संगीत संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें गायकों ने एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम की शुरुआत आबिद भाई के गीत ‘‘आने से उसके आए बहार जाने से उसके जाए बहार’’ से हुई। रानी राठौर ने ‘‘चुरा लिया है तुमने जो दिल को नजर नहीं चुराना सनम’’ सुनाया। वहीं स्वाति रिछावरा ने गाया ‘‘दीवाना हुआ बादल यह देखकर दिल झुमा’’ सुनाकर दाद बटोरी।
सतीश सोनी ने ‘‘बातें यह कभी ना तू भूलना’’ को बखूबी निभाया। लोकेंद्र पांडे ने ‘‘चांद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था’’ को सुनाया। तेजकरण चौहान ने गीत ‘‘महफिल में सितारों की रात है‘‘ सुनाकर माहौल को रंगीन किया।
डॉ. निलेश नागायच ने ‘‘एक रास्ता है जिंदगी जो थम गए तो कुछ नहीं’’ से जिंदगी का फलसफा बताया। डॉ. महेश शर्मा ने ‘‘चोधवी का चांद हो या आफताब हो’’ सुनाकर नारी की सुंदरता का बखान किया। ललित बटवाल ने ‘‘का करूं सजनी आए ना बालम’’, चेतन व्यास ने ‘‘हमें और जीने की चाहत ना होती अगर तुम ना होते’’, अनुराधा त्यागी ने ‘‘ए मेरे दिल ए नादा तू गम से ना घबराना’’, राजकुमार अग्रवाल ने ‘‘सात अजूबे इस दुनिया में और आठवीं अपनी जोड़ी’’ सुनाया।
हरीश लक्कड़ ने ‘‘चले थे साथ मिलकर चलेंगे साथ मिलकर’’, श्याम गुप्ता ने ‘‘जनम जनम का साथ है निभाने को’’, हिमांशु वर्मा ने ‘‘बिति ना बीताइ रेना, सुनाया।
कार्यक्रम में नंदकिशोर राठौर, अनुष्का मांदलीया, आशीष मराठा, कवि धु्रव जैन, अजय डांगी, चंदा डांगी, नरेंद्र भावसार, राजा भैया सोनी, डॉ. प्रवीण मंडलोई आदि ने प्रस्तुति दी।
डॉ मिनाज कुलकर्णी, मनीष रिछावरा, दिनेश कल्याणी, सरल कल्याणी, स्नेहलता सोनी, डॉ. उषा शर्मा, डॉ. आकांक्षा त्यागी, राजेश रघुवंशी ने उपस्थिति दर्ज कराई।
दशपुर रंगमंच के संस्थापक अभय मेहता ने संस्था के बारे में जानकारी दी। इस दौरान सतीश सोनी का जन्मदिन व अजय-चंदा डांगी एवं प्रवीण मंडलोई की शादी की सालगिरह भी मनाई गई। कार्यक्रम का संचालन ललिता मेहता ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत आबिद भाई के गीत ‘‘आने से उसके आए बहार जाने से उसके जाए बहार’’ से हुई। रानी राठौर ने ‘‘चुरा लिया है तुमने जो दिल को नजर नहीं चुराना सनम’’ सुनाया। वहीं स्वाति रिछावरा ने गाया ‘‘दीवाना हुआ बादल यह देखकर दिल झुमा’’ सुनाकर दाद बटोरी।
सतीश सोनी ने ‘‘बातें यह कभी ना तू भूलना’’ को बखूबी निभाया। लोकेंद्र पांडे ने ‘‘चांद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था’’ को सुनाया। तेजकरण चौहान ने गीत ‘‘महफिल में सितारों की रात है‘‘ सुनाकर माहौल को रंगीन किया।
डॉ. निलेश नागायच ने ‘‘एक रास्ता है जिंदगी जो थम गए तो कुछ नहीं’’ से जिंदगी का फलसफा बताया। डॉ. महेश शर्मा ने ‘‘चोधवी का चांद हो या आफताब हो’’ सुनाकर नारी की सुंदरता का बखान किया। ललित बटवाल ने ‘‘का करूं सजनी आए ना बालम’’, चेतन व्यास ने ‘‘हमें और जीने की चाहत ना होती अगर तुम ना होते’’, अनुराधा त्यागी ने ‘‘ए मेरे दिल ए नादा तू गम से ना घबराना’’, राजकुमार अग्रवाल ने ‘‘सात अजूबे इस दुनिया में और आठवीं अपनी जोड़ी’’ सुनाया।
हरीश लक्कड़ ने ‘‘चले थे साथ मिलकर चलेंगे साथ मिलकर’’, श्याम गुप्ता ने ‘‘जनम जनम का साथ है निभाने को’’, हिमांशु वर्मा ने ‘‘बिति ना बीताइ रेना, सुनाया।
कार्यक्रम में नंदकिशोर राठौर, अनुष्का मांदलीया, आशीष मराठा, कवि धु्रव जैन, अजय डांगी, चंदा डांगी, नरेंद्र भावसार, राजा भैया सोनी, डॉ. प्रवीण मंडलोई आदि ने प्रस्तुति दी।
डॉ मिनाज कुलकर्णी, मनीष रिछावरा, दिनेश कल्याणी, सरल कल्याणी, स्नेहलता सोनी, डॉ. उषा शर्मा, डॉ. आकांक्षा त्यागी, राजेश रघुवंशी ने उपस्थिति दर्ज कराई।
दशपुर रंगमंच के संस्थापक अभय मेहता ने संस्था के बारे में जानकारी दी। इस दौरान सतीश सोनी का जन्मदिन व अजय-चंदा डांगी एवं प्रवीण मंडलोई की शादी की सालगिरह भी मनाई गई। कार्यक्रम का संचालन ललिता मेहता ने किया।