✍️ राजेन्द्र देवड़ा
आलोट। डॉक्टर्स के पास क्लिनिक पर आने वाले मरीज क्लिनिक पर लगे KYD सर्टिफिकेट पर दिखाई दे रहे क्यूआर कोड को अपने मोबाइल फोन से स्कैन कर सकेंगे। क्यूआर कोड स्कैन होते ही मरीजों को डॉक्टर की डिग्री, रजिस्ट्रेशन जैसी सभी जानकारियां मरीजों के मोबाइल पर शो होंगी। जिससे आसानी से पता चल जाएगा कि डॉक्टर फर्जी है या रियल।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत अब पूरे प्रदेश सहित देशभर के डॉक्टरों को सरकार डिजिटल डॉक्टर प्रमाणपत्र जारी करेगी । केवाईडी यानी नो योर डॉक्टर की शुरुआत हो चुकी है। सभी पंजीकृत चिकित्सकों को यह प्रमाण पत्र अपनी क्लीनिक पर लगाना होगा। मरीज सीधे सर्टीफिकेट के क्यूआर कोड को स्कैन करके डॉक्टर की डिग्री, रजिस्ट्रेशन आदि कई पूरी जानकारी ले सकेगा । आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डाँ राकेश पाण्डेय ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि पूरे देश के डिजिटल हेल्थ केयर इन्फास्टकर को मजबूती मिल सके।
अब मरीज भी क्यूआर कोड से चेक करके फर्जी डॉक्टरों से इलाज कराने से बच सकेंगे। साथ ही वे सीधे शासन को शिकायत भी कर सकेंगे। मध्य-प्रदेश में मेडिकल डेंटल व आंयुष मिलाकर शासकीय स्तर पर 9500 से ज्यादा और प्रायवेट को मिलाकर एक लाख से अधिक डॉक्टर्स है।