रतलामताल

नागदा जिले में ताल को जबरन शामिल करने के खिलाफ बढ़ रहा जन आक्रोश 

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नगर परिषद ताल द्वारा प्रस्ताव पारित किया जाएगा व 45 पंचायत सरपंच मुख्यमंत्री को लिखेंगे पत्र 

ताल -शिवशक्ति शर्मा

रतलाम जिले की तहसील को नागदा जिले में शामिल नहीं करने की मांग को लेकर नगर परिषद ताल द्वारा प्रस्ताव पारित करके शासन को भेजा जाएगा। साथ ही ताल तहसील की सभी 45 पंचायतों के सरपंचों द्वारा भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर ताल को रतलाम जिले में ही बने रहने देने का अनुरोध किया जाएगा । यह निर्णय रविवार की देर रात पोरवाल धर्मशाला में नगर के नागरिकों की बैठक में किया गया। बैठक में नगर परिषद अध्यक्ष पार्षद समाजसेवी व्यापारी गण एवं सभी दलों के जनप्रतिनिधि उपस्थित हुए । 20 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागदा को जिला बनाए जाने की घोषणा की है। जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि नागदा जिले में स्वेच्छा से शामिल होने पर ही उसे नागदा जिले में शामिल किया जाएगा । उज्जैन जिले की नागदा व खाचरोद तथा रतलाम जिले की ताल और आलोट तहसील को जबरन शामिल किया जाना प्रस्तावित है। ताल तहसील के नागरिक नागदा जिले में सम्मिलित होने का विरोध कर रहे हैं । बैठक में उपस्थित लोगों का कहना है कि ताल तहसील को किसी भी प्रकार (जबरन) से नागदा में सम्मिलित करना उचित नहीं है ।

वहीं बैठक में इस बात पर भी गहरा आश्चर्य व्यक्त किया कि उज्जैन जिले का विभाजन करके नागदा को जिला बनाया जा रहा है और उसमें उज्जैन जिले की महिदपुर तथा बड़नगर जैसी तहसील को सम्मिलित नहीं किया जा रहा है जब कि रतलाम की ताल और आलोट तहसील को शामिल करने का प्रस्ताव ताबड़तोड़ तरीके से शासन को प्रशासन ने भेजा है । इस संबंध में गांधीवादी तरीके से ताल तहसील के जनप्रतिनिधियों नागरिकों एवं व्यापारियों द्वारा लगातार विरोध किया जाएगा । बैठक में यह निर्णय भी किया गया कि नगर के नागरिकों का प्रतिनिधिमंडल भी शीघ्र ही इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलेगा तथा उन्हें ताल को रतलाम जिले में ही यथावत रखने की मांग करेगा। बैठक में भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेश परमार, नगर परिषद ताल अध्यक्ष मुकेश परमार, व्यापारी संघ अध्यक्ष श्याम महेश्वरी, पूर्व अध्यक्ष व लोकतंत्र सेनानी रामचंद्र शर्मा, पूर्व कृषि उपज मंडी ताल के अध्यक्ष व पत्रकार रमेश पाठक समाजसेवी राजेंद्र सिंह सिसोदिया, कांतिलाल सिसोदिया, नरेंद्र भरगट, मनोज जैन भोला परमार संजय धाकड़ हरि राठौर नवीन मेहता निर्मल भाटिया पंकज सोनी सुधीर पितलिया गोवर्धन पोरवाल पार्षद पवन मोदी अखलाक खान राकेश जैन कालू पोरवाल बंसी पोरवाल सुशील सकलेचा गोपाल पोरवाल , गोल्डी धनोतिया पुष्कर धनोतिया शिव शुक्ला मनोहर राठौर दीपक महेश्वरी अशोक चौधरी कांग्रेस नेता व पार्षद बकट राठौर आदि अनेक जनप्रतिनिधि व्यापारियों एवं गणमान्य नागरिकों ने अपना विरोध प्रकट करते हुए एक स्वर में कहा है कि ताल के नागरिक प्रस्तावित एवं विवादित नागदा जिले में शामिल नहीं होना चाहते हैं ।

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