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31 दिसंबर से 4 जनवरी के शीतकालीन अवकाश का कोई औचित्य नहीं-रमेशचन्द्र चन्द्रे


जबकि इस बार बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में है

मन्दसौर। स्वतंत्रता के पश्चात से ही शीतकालीन अवकाश दिनांक 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक होता आया है बीच में कुछ सरकारों ने इसे केवल 3 दिन का कर दिया था किंतु मध्य प्रदेश की तत्कालीन शिवराज सरकार ने एक बड़ा परिवर्तन कर 12 अप्रैल 2023 के आदेश अनुसार 31 दिसंबर से 4 जनवरी तक अवकाश घोषित किया है जिसका कोई औचित्य नहीं है।
उक्त विचार व्यक्त करते हुए शिक्षाविद एवं और अशासकीय शिक्षण संस्था जिला मंदसौर के संरक्षक श्री रमेशचन्द्रचन्द्रे कहा कि,यह प्रत्यक्ष रूप से ईसाई मिशनरियों को लाभ पहुंचाने वाला सिद्ध होगा, क्योंकि वैसे 25 से लेकर 31 दिसंबर तक क्रिश्चियन मिशनरियों के स्कूल में सरकार के बिना आदेश के ही अवकाश घोषित कर दिए जाते हैं और ऊपर से चार दिन और इनको मिल जाएंगे पर इससे हिंदू, सिक्ख, मुसलमान और बौद्ध धर्म को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है।
यह भी स्मरण योग्य है कि बोर्ड परीक्षाएं इस बार फरवरी में आयोजित की गई है जिसके कारण माता-पिता या बच्चे इस 31 दिसंबर से 4 जनवरी तक की छुट्टी का कोई लाभ नहीं ले सकते।
श्री चन्द्रे ने कहा कि 25 दिसंबर से 4 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश के संबंध में मध्य प्रदेश शासन का शिक्षा विभाग परिवर्तन के नाम पर कुछ भी निर्णय करें, यह प्रशंसा योग्य नहीं है।
अब चूँकि नई सरकार बन गई है इसलिए उसके मुखिया मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव से अपेक्षा और मांग है कि शीतकालीन अवकाश केवल 25 से 27 दिसंबर तक किया जावे शेष 28 दिसंबर से 4 जनवरी तक तत्काल प्रभाव से अवकाश निरस्त किए जाने चाहिए।

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