आलेख/ विचारउत्तर प्रदेशदेश
– मौन ने जो कहा
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– मौन ने जो कहा
इस दिवाली किसी , का भला कीजिए ।
जो बुझे दीप है , वें जला दीजिए ।।
हैं बुझी सी निगाहें , दियें बेचतीं ,
आस ले ताकती , कुछ सिला दीजिए ।
मौन ने जो कहा , नैन ने वो सुना,
अनसुना करके’ यूं , मत चला कीजिए ।
हर्ष का पर्व है, हॅंस के मिलना सभी ,
अजनबी बन के यूॅं मत चला कीजिए ।
है खुदा का दिया , आज रहमों करम,
नेकियों का सदा, सिलसिला कीजिए।
आज इंसानियत , है रखी ताक पर ,
हे प्रभो दुर्गति ,को टला दीजिए ।
स्वरचित मौलिक
नीरू जैन निरुपमा
मेरठ उत्तर प्रदेश