नीमचमध्यप्रदेश

समाचार नीमच मध्य प्रदेश से 21 अप्रैल 2023

जिला अस्पताल की घोर दुर्गति के लिये क्यों नहीं लेते जिम्मेदारी..? – भानुप्रताप सिंह
मेडिकल कॉलेज के बेस अस्पताल और बढ़ती आबादी एवं बीमारियों के मद्देनजर जिला चिकित्सालय सहित जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के अविलम्ब उन्नयन की मांग ।

नीमच । नीमच युवा काँग्रेस जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह राठौड़ भाटखेड़ा ने यहां जारी एक बयान में कहा है कि नीमच में मेडिकल कॉलेज स्थापना का निराधार श्रेय बटोरने में लगे भाजपा के निर्वाचित नेतागण दो दशक में जिला चिकित्सालय सहित नीमच जिले के तकरीबन सभी स्वास्थ्य केंद्रों की हुई घोर दुर्दशा की जिम्मेदारी क्यों  नहीं लेते..? उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि , मेडिकल कॉलेज का बेस अस्पताल घोषित होने के बाद भी जिला चिकित्सालय की क्षमता वृद्धि और सुनियोजित उन्नयन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।
जिला चिकित्सालय नीमच में रोगियों के समुचित उपचार प्रबंधों को लेकर लगातार सामने आ रही शिकायतों का उल्लेख करते हुए जिला युवा काँग्रेस नीमच के अध्यक्ष  भानुप्रताप सिंह राठौड़ ने कहा कि , जब नीमच के सरकारी अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा मिला था तब यहां दो सौ बेड की क्षमता तय की जाकर 30 प्रथम श्रेणी चिकित्सक , 24 द्वितीय श्रेणी चिकित्सक , चिकित्सा अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारी , 209 तृतीय श्रेणी और 59 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद स्वीकृत किये गए थे ।
श्री राठौड़ ने कहा कि , समग्र रूप से जिला चिकित्सालय में ट्रामा सेंटर के लिये स्वीकृत पदों सहित सभी श्रेणियों को मिला कर 322 पद निर्धारित हैं । पिछले बीस सालों से नीमच क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं और कुछ महीनों को छोड़ कर प्रदेश में सरकार भी भाजपा की ही रही है । इस दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार में दावे तो बड़े – बड़े किये गए लेकिन संवेदनहीन अकर्मण्य निर्वाचित नेता जिला चिकित्सालय की घोषित उक्त वर्णित क्षमतानुसार स्वीकृत पदों की पूर्ति भी नहीं करवा पाए हैं ।
श्री राठौड़ ने कहा कि , आज भी जिला चिकित्सालय में स्वीकृत प्रथम श्रेणी चिकित्सकों के लगभग 70 प्रतिशत , द्वितीय श्रेणी के 50 प्रतिशत , तृतीय श्रेणी के करीब 39 प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी के 75 प्रतिशत पद खाली पड़े हुए हैं ।समग्र रूप से देखें तो जिला अस्पताल के लिए स्वीकृत 322 पदों में से कोई 50 प्रतिशत से ज्यादा पद रिक्त हैं । यही स्थिति , उपचार के लिए जरूरी संसाधनों और उपकरणों को लेकर भी कही जा सकती है । इसी कारण से कोरोना त्रासदी के दौरान क्षेत्र के नागरिकों ने कितनी पीड़ा झेली है यह सभी जानते हैं जिसकी दोषी स्पष्ट रूप से भाजपा सरकार है ।
श्री राठौड़ ने कहा कि , यह सही है कि , पिछले सालों में  जिला चिकित्सालय में कई नये भवन जरूर बने हैं और अभी भी बन रहे हैं लेकिन क्या फकत पत्थरों की इमारतों से मरीजों का उपचार संभव हैं..? ट्रामा सेंटर इसका बढ़िया उदाहरण है ।यहां भवन तो बना दिया लेकन स्वीकृत स्टॉफ और उपकरणों के अभाव में यह केंद्र स्थापना के उद्देश्यों के अनुरुप काम ही नहीं आ रहा है और जनरल वार्ड बन कर रह गया है ।
श्री राठौड़ ने कहा कि , बात हमारे कहने की ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता ने भी 29 मार्च 2018 को नीमच में आयोजित जिला स्तरीय अंत्योदय मेले के मंच पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की मौजूदगी में खुले शब्दों में कहा था कि , नीमच और मन्दसौर जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं छिन्न – भिन्न हो गई है । उन्होंने भी साफ कहा कि बनाये जाने वाले भवन और संसाधन तभी उपयोगी हो सकते हैं जब अस्पतालों में पर्याप्त चिकित्सक और स्टॉफ की नियुक्तियां  की जाए ।
श्री राठौड़ ने कहा कि , इसके बाद पांच साल बीत गए हैं और मुख्यमंत्री ने अपनी ही पार्टी के सांसद की बात को पूरी तरह अनदेखा किया है । इसी कारण नीमच जिला चिकित्सालय में अभी भी मानव संसाधन की भारी कमी है और नीमच जिला अस्पताल अभी भी रेफर हास्पिटल ही बना हुआ है और मरीजों को विवशतावश बाहर प्रायवेट अस्पतालों में महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है । जो महंगा इलाज नहीं करवा सकते वह जिला चिकित्सालय की आधी – अधूरी व्यवस्थाओं के बीच यातनाएं भुगतने और कई मामलों में अकाल मृत्यु का ग्रास बनने के लिए बाध्य है ।
श्री राठौड़ ने कहा कि , सभी जानते हैं कि , नीमच में मेडिकल कॉलेज यहॉं की जनता के संघर्ष और प्रदेश की तत्कालीन काँग्रेस की कमलनाथ सरकार के प्रबल समर्थन से मंजूर हुआ है । लेकिन प्रदेश भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री और क्षेत्रीय निर्वाचित नेता बेशर्मी से इसका श्रेय ले रहें हैं । जनता सच जानती है और इसमें हमें कोई परेशानी नहीं है लेकिन इन सत्तारूढ़ नेताओं को जिला चिकित्सालय और जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की बदहाली की जिम्मेदारी भी लेना चाहिए ।
श्री राठौड़ ने कहा कि , भाजपा के निर्वाचित नेताओं के बीच भूमि चयन को लेकर चली स्वार्थगत जद्दोजहद के कारण मेडिकल कॉलेज का निर्माण कई साल पिछड़ गया है । अब मेडिकल कॉलेज  जब बनेगा तब बन जायेगा लेकिन आम जनता को हो रही भारी परेशानी के मद्देनजर हमारी मांग है कि जिला चिकित्सालय नीमच को मेडिकल कॉलेज के बेस अस्पताल के रूप में उन्नयन कर इसकी क्षमता पांच सौ बेड की तय की जाए और इसी के अनुरूप सभी श्रेणी के चिकित्सकों , सहायक स्टॉफ ,  अस्पताल प्रबंधक , रोग परीक्षण और उपचार के सभी संसाधनों की व्यवस्था अविलम्ब की जाए ।
श्री राठौड़ ने कहा कि , पीड़ा से छटपटाते रोगी और उपचार के अभाव में टूटती साँसे , मेडिकल कॉलेज का इंतज़ार नहीं कर सकती है । श्रेय का फर्जी साफा बांधने वाले भाजपा नेताओं में अगर थोड़ा बहुत भी दायित्व बोध और शर्म बची है तो अब जिला चिकित्सालय के साथ – साथ जिले के सभी उप – स्वास्थ्य केंद्रों और ग्रामीण इलाकों में जन – जीवन की रक्षा के लक्ष्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर ध्यान दें ।

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34 वॉ उत्सव व तुलसी विवाह का दो दिवसीय आयोजन 11 से रामपुरा में

पत्रिका का हुआ विमोचन 8 हजार स्क्वायर फिट डूम का लोकार्पण भी होगा 12

नीमच। सकल लखेरा लक्षकार समाज के द्वारा 34 वां चैना माता कुशला माता उत्सव व तुलसी विवाह का दो दिवसीय आयोजन 11 मई से रामपुरा में धूमधाम के साथ मनाया जायेगा। जिसको लेकर गुरुवार को सकल लक्षकार लखेरा मंदिर समिति के द्वारा समाज की आमंत्रण पत्रिका का विमोचन चंन्द्र भवन नीमच में किया गया। जिसमें जिले के समाज के पदाधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए महेश चौहान ने ताया की जयंती महोत्सव के तहत  11 मई को दो दिवसीय कार्यक्रम का शुभारम्भ होगा जिसमेंं प्रथम दिवस पशुपति नाथ महादेव का अभिषेक व हनुमान महाराज मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा त्वं पश्चात चैना-कुशला माता का श्रांगार पूजन-महाआरता के बाद भोजन प्रसादी का आयोजन किया जायेगा।रात्रि मेंं माता रानी का भव्य दरबार भी सजाया जायेगा जिसम आकर्षक झांकी के बीच भव्य भजन संध्या का आयोजन होगा। कार्यक्रम के दूसरे दिन सुबह समाज की कुलदेवी चैना माता-कुशला माता की महाआरती े होगी।माता रानी का हवन चल समारोह निकलेगा। विमोचन कार्यक्रम में  सकल लखेरा-लक्षकार समाज रामपुरा के अध्यक्ष महेश लखेरासचिव कैलाश लखेराउपाध्यक्ष अशोक बागड़ीलखेरा समाज के वरिष्ठ बालकिशन नैनवायागोपाल भाटीलखेरा समाज नीमच के अध्यक्ष किशोर चौहानलालचंद बागड़ीरामनिवास केथुनियापत्रकार राजेश लक्षकार(जीरन)राजू बागड़ीमुकेश हाटड़ियाकिशोर राठौड़रतन लखेराओमप्रकाश परिहारपत्रकार मनीष बागड़ी कुलदीप बागड़ीमनीष राठौड़आकाश बागड़ीआदि की उपस्थिति में समाजजनों ने पत्रिका का विमोचन किया। इस अवसर पर सकल लक्षकार लखेरा पंच रामपुरा के अध्यक्ष महेश लखेरा ने बताया कि दो दिवसीय आयोजन को लेकर समाज में घर घर जाकर आमंत्रण पत्र बांटे जाएंगे। इस आयोजन में विशाल डैम का लोकार्पण होगा जो मप्र में लखेरा समाज की धर्मशाला में पहली बार बना है।

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सांसद खेल महोत्सव में खिलाड़ी कर रहे शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन
नीमच – सांसद खेल महोत्सव के अंतर्गत होने वाले आयोजन में नीमच जिले के खिलाड़ी शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं।  निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में जिले के साथ पूरी दुनिया में अपना नाम व जिले का नाम रोशन करेंगे। ग्राम पंचायतों और वार्डों की इकाई से उभरते हुए निरंतर प्रयासरत खिलाड़ी आगे बढ़ रहे हैं और अच्छा खेल प्रदर्शन कर रहे हैं जो प्रशंसनीय है। उक्त बात सांसद सुधीर गुप्ता ने सांसद खेल महोत्सव के दौरान कहीं।
गुरूवार को नीमच जिले के सिंगोली, कुकडेश्वर, डिकेन, सावन, पालसोडा एवं चचौर में सांसद खेल महोत्सव का आयोजन हुआ। जहां पर विद्यार्थियों ने अद्भुत खेल प्रतिभा का परिचय दिया।
डिकेंन जसवंत बंजारा, श्रवन पाटीदार, सिंगोली  सुरेश चंद जैन भाया, मोतीलाल धाकड़, अशोक सोनी विक्रम, गोपाल धाकड़, निर्मल जैन, प्रशांत पालीवाल, राकेश जोशी उपस्थित थे। वहीं सावन दिलीप सिंह परिहार, अर्जुन सिसोदिया, राकेश जैन पप्पू, महेश गुर्जर, निलेश बैरागी, प्रह्लाद भट्ट, जितेन्द्र माली, कैलाश पाटीदार, गोविन्द भरद्वाज, धनसिंह कैथवास एवं पालसोडा में  दिलीप परिहार, सज्जन सिंह चौहान, वीरेंदर पाटीदार, राकेश, जैन, अर्जुन सिसोदिया, महेश गुर्जर, रामनारायण जाट शांतिलाल पाटीदार, चचोर में गोपाल गुर्जर, नरेन्द्र माली , हीरालाल धनगर सत्तू मंद्वारिया , मुकेश मेघवाल , अशोक पाटीदार , नागेश गुर्जर , सुनील पाटीदार और कुकड़ेश्वर में विधायक माधव मारू, राजेश लड्ढा, मदन रावत, उर्मिला महेंद्र पटवा, सोनाली उज्जवल पटवा, पुष्कर झंवर आदि उपस्थित थे।आदि उपस्थित थे।

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पद का दुरूपयोग या तगड़ी सेंटिंग
नियम कायदों को ताक में रखकर नगरपालिका के कर्मचारियों ने अपने बेटों को दिलवाई नौकरी
नीमच। नीमच नगरपालिका में नियम कायदों को ताक में रखने की परंपरा चली आ रही है।  यहां आये दिन मनमाना और अनैतिक कार्य के घटनाक्रम सभी सुनते आ रहे है अब तो हालात और बदतर हो चुके है अब नीमच नगरपालिका में अनीति की परंपरा का निर्वहन  जनप्रतिनिधियों के साथ वहां के कर्मचारी भी करते आ रहे है लेकिन अब तो नीमच नगरपालिका के कर्मचारियों ने नियम कायदों को ताक में रखकर स्वयं के सुपुत्रों को नीमच नगरपालिका में तगड़ी सेटिंग के चलते नौकरी दिलवा दी है जिसकी जानकारी सभी को है लेकिन कौन विरोध करें क्यों कि नपा नीमच में दाल में काला नहीं यहां तो पूरी दाल ही काली है।
जी हां बात करे नीमच नगरपालिका के अधिकारियों व कर्मचारियों की तो यहां वर्तमान में प्रमुख पदों को सुशोभित करने वाले नपा अधिकारी व कर्मचारियों के साथ ही अन्य कर्मचारियों ने अपने अपने बेटों को नीमच नगरपालिका मंे तगड़ी सेटिंग कर नौकरी दिलवाई है और अब वे उन्हें विस्थापित करने की जुगाड़ में लगे है।
शहर में जहां बेरोजगार लोग रोजगार के लिये जंग लड रहे है वहीं नीमच नपा के अधिकारी कर्मचारी तगडी सेंटिंग कर नियम कायदों को ताक में रखकर खुद के बच्चों को भविष्य संवारने में लगे है। यह सब जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की आंखों के सामने हुआ है। कलेक्टर को इस और ध्यान देकर नपा में बीते 6 सालों में जो भी भर्ती हुई है उसकी गंभीरत से जांच कर नियम अनुसार कार्यवाही करना चाहिये और अनीति करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध कठौर कार्यवाही होना चाहिये।

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आमजनता की सहायता में 24 घंटे सेवा में तत्पर रहने वाली रेडक्रास को खुद मदद की दरकार*
*रेडक्रास में अनियमतताओं पर नहीं दे रहा कोई ध्यान,लोगो की मदद को तैयार रहने वाली रेडक्रास पहुंची बदतर हालातों में*
*रसीद कट्टे गायब, अनैतिक गतिविधियां, ब्लड बैंक की तुडवाई एफडी का आज तक हिसाब नहीं*
नीमच। भारतीय रेडक्रास सोसायटी नीमच जिले में एक समय आमजन के हितार्थ काम करने वाली प्रमुख संस्था होकर मानव सेवा का पर्याय बन चुकी थी, चाहे एम्बूलेंस सेवा की बात हो, मेडिकल की बात हो, फिजियोथैरेपी सेंटर की बात हो, वृद्धाश्रम की बात, जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र (डीडीआरसी) की बात, मूकबधिर स्कूल की बात हो, किलकारी की बात हो ऐसे रेडक्रास की विभिन्न ईकाईयां है जो वर्तमान में दयनीय हालातो में पहुंच चुकी है।
मूकबधिर विद्यालय में कई बच्चों का भविष्य संवर रहा है लेकिन वहां व्यवस्थाओं के नाम पर हालात बदतर हो रहे है।
वर्तमान में रेडक्रास के हालात ये हो रहे है कि आमजनता के हित में यहां निःशुल्क रूप से व वाजिब दामों पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जब से इस संस्था में चुनाव हुए थे और चुने हुये पदाधिकारियों ने खूब मनचाहा कार्य किया । तब से लेकर आज तक रेडक्रास दयनीय हालातो ंमें पहुंच चुकी है। जो रेडक्रास लोगों की सहायता करती थी वो आज खुद मोहताज नजर आ रही है। वर्तमान में रेडक्रास में स्वार्थ सिद्ध करने का क्रम चल रहा है।
पीड़ित मानवता के नाम पर काम करने वाली संस्था अब एक दुकान बन चुकी है जहां आमजनता को सेवा के नाम पर आर्थिक रूप से लूटने का काम हो रहा है।
सूत्रों की माने तो रेडक्रास में कोरोना काल में दानवीरों ने खूब धन दिया था खुले मन से रेडक्रास को आर्थिक मदद की थी सूत्रों से जानकारी मिली व जानकारों द्वारा बताया जा रहा है कि रेडक्रास में करीब 39 लाख रूपये लोगो की आर्थिक मदद से एकत्रित हो गये थे उसके बाद भी आज रेडक्रास की विभिन्न संस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिये परेषानियां आ रही है।
वृद्धाश्रम में सही खाना नहीं मिल पा रहा है। वृद्धाश्रम का स्टिंग ऑपरेशन करे तो वृद्धों के साथ क्या बितती है पता चलेगा।  लोगो को आसानी से कम दाम में उपलब्ध होने वाली रेडक्रास की एम्बूलेंस सेवा बंद कर दी गई।, फिजियोथेरेपी सेंटर में रेडक्रास द्वारा दानदाता के सहयोग से लगाई गई मशीनों का दुरूपयोग हो रहा है फिजियोथैरेपी सेंटर को निजी हाथों में देकर आमजनता को आर्थिक रूप से खूंन के आंसू रूलाने का काम किया जा रहा है। फिजियोथेरेपी सेंटर निजी हाथों में जाने से तब दान की मशीनों से खूब व्यापार हो रहा है वह अब व्यापार सेंटर बन गया है। बदतर हालातों में रेडक्रास पहुंच चुकी है।
रेडक्रास की वर्तमान में निजी हाथो में व्यवस्था जाने के बाद यहां सेवा नाम की चीज ही नहीं बची है यहां हो रहा है तो  खुद की स्वार्थ पूर्ति का काम हो रहा है। जबकि पूर्व में जब रेडक्रास का संचालन प्रशासन के हाथो में था तब यहां की व्यवस्था सुचारू रूप से चलती थी। लेकिन अब यहां बदतर हालात हो रहे है। यदि 2008 के समय काम करने वाले रेडक्रास के सचिव जाधव साहेब व कोषाध्यक्ष रहे पुरोहित जी आदि पदाधिकारियों से चर्चा की जाये तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा और वस्तुस्थिति सामने आ जायेगी। बाद में कैसे रेडक्रास बदतर हालातों में पहुंची। वर्ष 2009 तक तो रेडक्रास एम्बूलेंस, रेडक्रास मेडिकल, रेडक्रास फिजियोथैरेपी सेंटर आदि विभिन्न शाखाएं सही ढंग से आमजनता की सेवा में समर्पित थी लेकिन आज रेडक्रास पीडित मानवता के लिये संस्था ना होकर असहाय हो चुकी है।
रसीद कट्टे गायब-
सूत्रों से एक जानकारी ये भी निकलकर सामने आ रही है कि रेडक्रास को कोरोना काल में जिन लोगो ने आर्थिक मदद की थी उस समय काटी गई रसीद के करीब 8 से 10 बीच रसीद कट्टे गायब है जो गंभीर चिंतन के साथ जॉंच का विषय है। बड़े घपले की संभावना रेडक्रास में नजर आ रही है। रेडक्रास मुख्य कार्यालय में सेवा देने वाले कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। जरूरत है कलेक्टर को यहां गंभीरता से जॉंच करवाने की। यदि गंभीरता से यहां की जॉंच होती है तो निश्चित ही बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।
*जिला विकलांग एवं पुनर्वास केन्द्र की अनैतिक गतिविधियां-*
जिला विकलांग एवं पुनर्वास केन्द्र नीमच में शासन से कई योजनाओं के तहत काफी महंगा और कीमती सामान मिलता है लेकिन वो जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाता है इसकी पूर्व में कई बार शिकायते हुई थी लेकिन आज दिन तक इस और ध्यान देने वाला कोई नहीं है। डीडीआरसी के माध्यम से दिव्यांगो के हितों का ध्यान रखा जाता है लेकिन बीते कुछ सालों से आने वाले सामानो के लिये जरूरतमंद यहां वहां गुहार लगाते फिरते है लेकिन वो सामान उन्हें नहीं मिल पाता है आखिर वह सामान जाता है कहा है यह गंभीर जॉंच का विषय है वहीं दिव्यांगों के लिये शासन से आने वाले फंड रूपयों का क्या होता है यह भी जॉंच का विषय है क्यों कि दिव्यांगों के लिये विभिन्न सुविधा हेतु कार्यक्रम हेतु रूपये आते है लेकिन उनका सदुपयोग नहीं होते हुए दुरूपयोग होता है जिसकी गंभीरता व गोपनीयता से जॉंच की जाना अनिवार्य हो गई है।
जिला पंचायत में सेवा देने वाले कर्मचारी जो सामाजिक न्याय से फंड जारी करने हेतु रेडक्रास नीमच को शासन से मिलने वाली चीजों का रूपयों का हिसाब किताब रखता है उनकी भी गंभीरता से जॉच होना जरूरी है।
*रेडक्रास ब्लड बैंक में 32 लाख की एफडी का क्या हुआ?-*
रेडक्रास को सबसे अधिक आय देने वाले रेडक्रास का ब्लड बैंक है जो आज भी अनवरत पीड़ित मानवता की सेवा में लगा है। वर्ष 2009-2010 में जब यहां चुनाव हुए थे जिसमें रेडक्रास के आजीवन सदस्यों ने चेयरमेन और अन्य सदस्यों का चुनाव किया था बाद में चेयरमेन ने अपनी सेटिंग के माध्यम से अपने चहेते को यहां सचिव पद पर आसीन करवाया था जिससे की तत्समय खूब मनमर्जी की थी। यदि इसकी गंभीरता से जांच की जाये और तत्तसमय 2009 से 2013 के बीच की जानकारी निकाली जाये तो कार्यकारिणी प्रमुख सदस्यों ने रेडक्रास ब्लड बैंक में जमा एफडी जो लगभग 32 लाख से उपर थी उसको तुडवाकर उसका उपयोग फिजूल खर्ची के साथ ही रेडक्रास में ऐसे कार्यक्रम किये थे जो खुद के प्रचार प्रसार के लिये उपयोग में आये थे। आज तक किसी ने भी इसकी जांच नहीं की। यदि 2009 के पूर्व के रेडक्रास के संचालनकर्ता जो चुनाव कार्यकारिणी के पूर्व रेडक्रास का संचालन करते थे जाधव जी व पुरोहित जी से यदि उनसे चर्चा की जाये तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा क्यों
कि रेडक्रास ब्लड बैंक में खून के नाम से एकत्रित हुए रूपयों को मानव
सेवा में नहीं लगाते हुए तत्समय खुद के स्वार्थ पूर्ति और प्रचार प्रसार के लिये उपयोग कर पानी में बहाये थे।
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रेडक्रास फिजियोथैरपी सेंटर बना व्यापार सेंटर-
रेडक्रास फिजियोथैरेपी सेंटर में दान से मिली मशीनों का दुरूपयोग हो रहा है। निजी हाथों में देकर जरूरतमंदों को दुख भोगने के लिये छोड़ दिया है। पहले जो 50 रूपयें के साथ ही नाम मात्र शुल्क में आमजन को सेवा मिल जाती थी अब वो 100 रूपयें व इससे अधिक प्रतिदिन शुल्क के रूप में मिल रही है। और तो और यहां लगने वाले स्वास्थ्य शिविर भी अब व्यवसाय बन चुके है। फिजियोथेरेपी सेंटर को निजी हाथो में सौंप उसको फायदा पहुंचाने एवं स्वयं का स्वार्थ सिद्ध करने का काम कर रहे है। यहां आश्चर्य होता है कि जब यहां हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ गुप्ता का व अन्य का हड्डी रोग का शिविर लगता है तब डॉ मरीज को कहते है कि एक्सरसाईज करना है और एक्सरसाईज कैसे करना है वो फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर बता देंगे आश्चर्य तब होता है जब कि जो वर्तमान में फिजियोथेरेपी सेंटर चला रहे है वो डॉक्टर एक्सरसाईज हाथ उपर नीचे बताने का ही 100 रू चार्ज लूट रहा है जब जागरूक व्यक्ति इस पर आपत्ति लगाते है और बहस करते है तब जाकर वह 100 रूपयें लोटाता है। वर्तमान में लूट की दुकान बन चुकी है फिजियोथेरेपी सेंटर। एक तरह से रेडक्रास के नाम पर यहां कुछ लोग अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे है।
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