20 साल सेना में सेवा देने के बाद रिटायर्ड सैनिक गांव पहुंचा। तो ग्रामीणों ने भव्य आतिशबाजी के साथ किया स्वागत
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सैनिक श्री धाकड़ ने कहा बड़े भाग्य वाले को ही मिलता है, भारत मां की सेवा का अवसर
कुचड़ौद ।(दिनेश हाबरिया) भारत माता की सेवा का अवसर हर किसी को नहीं मिलता है। बड़े भाग्य वाले को ही भारत माता की सेवा का अवसर मिलता है। हर गांव के युवाओं से आव्हान करता हूं कि वह भारत माता की सेवा के लिए सेना मैं जाए। यह बात भारतीय सेना से 20 साल 18 दिन की नौकरी के बाद रिटायर्ड होकर, गांव लोटे बड़वन के वीर सपूत श्री शंकर लाल धाकड़ ने कही।
20 साल की नौकरी के बाद रिटायर होकर गांव लौटे शंकर धाकड़ के लिए ग्रामवासी एवं अंचल के ग्रामीणों ने दलोदा से लेकर बड़वन तक 10 किलोमीटर सड़क मार्ग पर जगह-जगह भव्य आतिशबाजी के साथ स्वागत किया। ढोल डीजे के साथ स्वागत के लिए युवाओं ने सैनिक के ऊपर फूलों की बारिश कर दी। एवं सैनिक को मालाओं से लाद दिया।
रिटायर्ड सैनिक ने अपना अभूतपूर्व भव्य स्वागत देखकर नम आंखों से धन्यवाद आभार जताया। ग्रामीणों ने सैनिक का इतनी भव्यता आतिशबाजी से स्वागत किया। सैनिक के परिवार में माता पिता, पत्नी, एक बेटा एवं एक बेटी हे। सैनिक ने बताया 14 मार्च 2003 को नासिक महाराष्ट्र से भारत मां की सेवा करने का अवसर मिला। जो जम्मू कश्मीर, लेह लद्दाख, राजस्थान, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, बेंगलुरु व आसाम में सेना का कर्तव्य परायण निभाया। जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल में ड्यूटी का सौभाग्य भी मिला।
2018 से 2020 कश्मीर में ड्यूटी निभाई। इसी दौरान धारा 370 हटाई गई। उसमें लाइन आर्डर बिगड़े नहीं, उसकी जिम्मेदारी भी निभाई गई।
मैं युवाओं से आव्हान क रना चाहता हूं, कि हरगांव से अधिक से अधिक युवा सेना में जाकर भारत मां की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त करें। बड़े भाग्य नसीब वाले को ही भारत मां की सेवा करने का अवसर मिलता है।
सेना से रिटायर्ड शंकर धाकड़ के स्वागत के लिए दलोदा, धुंधडका, लसुड़ावन, बड़वन फंटा एवं बड़वन ग्राम में जगह-जगह युवाओं की टोलीयों द्वारा, राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं के द्वारा एवं ग्रामीणों के द्वारा स्वागत किया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में अंचल क्षेत्र के युवा मौजूद रहे।