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सांसद और विधायक की पेंशन तत्काल बंद करें सरकार, ये जनहित में सही कदम होगा

 

भैरु सिंह राठौड़

पत्रकार एवं संपादक

राजस्थान। देश में सांसद और विधायक की पेंशन तत्काल प्रभाव से सरकार को बंद कर देनी चाहिए। इसके सुर जनता में काफी दिनों से उठ रहे हैं। इन सांसदों व विधायकों का वेतन जब तक पद पर रहे तभी तक सरकार को देने चाहिए ना कि उम्र भर इनको पेंशन देना जनहित में नहीं होगा। जिस तरह से एक सरकारी नौकर को 58 साल बाद 2005 से पेंशन बंद कर दी गई है उसी तरह इन सांसदों व विधायकों की पेंशन को भी बंद कर देना चाहिए। जिससे आने वाली सभी सरकारों को करोड़ों रुपए का फायदा होगा और उस बचे हुए पैसे को देश की गरीब जनता में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से वितरित करना चाहिए या फिर देश के किसी विकास में लगा देना चाहिए। देश की बहुत स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी इन सांसदों व विधायकों की पेंशन तत्काल प्रभाव से बंद हो इस पर अपनी सहमति जताई है। यह जनता के हित में और देश के हित में होगा। अगर देखा जाए तो वैसे ही इन्होंने अपने पद पर रहते भ्रष्टाचार करके अरबों रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित की है। इस बात का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इनके चुनाव लड़कर पद पर नहीं आने से पहले इनकी माली हालत क्या थी और चुनाव के बाद इनकी अघोषित संपत्ति को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता हैं। जरा सोचिए ये सांसद और विधायक के पद पर नहीं रहते हुए जनता और देश का क्या भला करें जो इनको पेंशन मिलती रहे? अगर इनको पेंशन मिलती रहे तो फिर तो देश में अच्छी अच्छी डिग्रियां हासिल करके बैठे करोड़ो बेरोजगार युवाओं को भी बेरोजगारी भत्ता मिलना चाहिए ताकि वो अपनी नौकरी नहीं लगे तब तक अपने परिवारों का लालन-पालन करते रहे। वैसे भी पेपर लीक के दलालों के चलते लाखों युवाओं का भविष्य चोपट हो चुका हैं। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए कि इस देश में बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है। हर आने वाली सरकार लाखों युवाओं को नौकरियां देने की घोषणा तो करती है लेकिन सरकार आने के बाद कानों में तेल डालकर कुंभकर्णीय नींद सो जाती हैं। और बेरोज़गारी दर जिस दिन इन जनता व युवाओं का सब्र जवाब दें गया उस दिन इन सरकारों को अर्श से फर्श पर लाने में जरा भी देर नहीं लगेगी। अगर इन सांसदों व विधायकों की पेंशन बंद होने की पहल ये विधायक और सांसद करें तो श्रेयस्कर होगा लेकिन हर माह फोकट का वेतन लेने वाले ये सांसद और विधायक ऐसा थोड़ी करेंगे और अगर इनके ख़िलाफ़ जनांदोलन द्वारा ही इसमें सफलता पाई जा सकती है।

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