मंदसौरमंदसौर जिला

भागवत सनातन धर्म का एक  अध्यात्म   दीप है- आचार्य श्री दवे


ग्राम झावल में बह रही है धर्म की गंगा

झावल। ग्राम झावल में सात दिवसीय संगीतमय भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। कथा के प्रारंभ में कलश यात्रा का भव्य आयोजन हुआ। जिसमें मातृशक्ति कलश लेकर नृत्य करते हुए चल रही थी।
कलश यात्रा कथा स्थल पहुंची। जहां पोथी पूजन किया गया तथा भागवत प्रवक्ता आचार्य ओमप्रकाश दवे का स्वागत किया।
भागवत कथा कहतेह आचार्य श्री दवे ने कहा कि भागवत सनातन धर्म का एक अध्यात्म दीप है। भागवत श्रवण मूल्य कर्मो का फल है। हमें अपने मौलिक, चिन्तन, मौलिक विचार एवं सनातन संस्कृति से जुड़े रहना है। आपने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण मनुष्य जीवन को सार्थक बनाती है। जन्म तो हर प्राणी एवं मनुष्य लेता है लेकिन उसे अपने जीवन का अर्थ बोध नहीं होता है। बाल्यावस्था से लेकर मृत्यु तक वह सांसारिक गतिविधियों में ही लिप्त होकर इस अमूल्य जीवन को नश्वर बना देता है। श्रीमद् भागवत ऐसी कथा है जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। इसलिए जहां भी भागवत होती है इसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक ऊर्जा से सशक्त हो जाता है।
आचार्य श्री दवे ने कहा कि श्रीकृष्ण का जन्म मनुष्य जीवन के उद्धार के लिए हुआ है। कंस ने उनके जन्म लेने को रोकने के लिए अथक प्रयास किए लेकिन सफल नहीं हो पाया। अंत में अपने पापों का घड़ा भरने पर श्रीकृष्ण के हाथों मरकर मोक्ष की प्राप्ति की। उन्होंने बताया मनुष्य जीवन सबसे उत्तम माना जाता है। इसी योनी में भगवान भी जन्म लेना चाहते हैं। जिससे वे अपने आराध्य ईश्वर की भक्ति कर सके। श्रीकृष्ण ने भागवत गीता के माध्यम से बुराई व सदाचार के बीच अंतर बताया। ईश्वर को धन दौलत व यज्ञों से कोई सरोकार नहीं है। वह तो केवल स्वच्छ मन से की गई आराधना के अधीन होता है।
कथा श्रवण करने ग्राम झांवल सहित आसपास क्षेत्र के अनेक भक्तगण पहुंच रहे है। कथा 4 फरवरी तक प्रतिदिन दोप. 12 से 4 बजे तक हो रही है। आयोजन समिति ने सभी भक्तों से कथा में उपस्थित होकर धर्मलाभ लेने की अपील की है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}