आध्यात्ममंदसौरमध्यप्रदेश

जीवन में निंदा है तो समझना तुम जिंदा हो, व्यक्ति निंदा उसी समय करता है वह उसकी बराबरी में खड़ा नहीं हो सकता है- पं. श्री शास्त्री जी

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सीतामऊ। बालाजी के दर्शन की इस कदर माया, फुर्सत निकालकर में बागेश्वर से आया उन्होंने नस देखी हमारी और बीमार कह दिया, हमने रोग पूछा तो बागेश्वर बालाजी से प्यार कह दिया, मैं उम्र भर कर्ज में रहूंगा उस वैद्य का प्यारे, जिसने दवा के बदले सीताराम नाम का उपहार दे दिया” जुनून ऐसा की रेगिस्तान में भी बाग लगा दूं , हिंदूओं एक हो जाओ विश्व में सनातन की आग लगा दूं। शायराना अंदाज में उक्त पंक्तियों के साथ बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने खेजड़िया में आयोजित श्री हनुमंत कथा का शुभारंभ किया।

कथा में पंडित श्री शास्त्री ने कहा कि पाप से बचना है तो जाप करो जाप करोगे तो झूठी बात मुख से नहीं निकलेगी और पाप नहीं होगा। जाप से ही हनुमान जी ने भगवान श्रीराम को पाया था। ऐसे में जाप से ही भगवान को पाया जा सकता है और पाप से बचा जा सकता है। शास्त्री जी ने कहा कि भगवान को सख्ती पसंद नहीं थी इसीलिए दांतों के बीच जबान को हड्डी ना दी।

शास्त्री जी ने उपस्थित धर्म प्रेमियों से कहा कि निंदा से घबराना नहीं चाहिए जीवन में निंदा है तो समझना तुम जिंदा हो, व्यक्ति निंदा उसी समय करता है । वह उसकी बराबरी में खड़ा नहीं हो सकता है। श्री शास्त्री जी ने आगे कहा कि दुनिया को देखना है तो आंखें ठीक करो लेकिन खुद को देखना है तो आंखें वह मन के दर्पण दोनों को ठीक रखो।

श्री शास्त्री जी ने हनुमान चालीसा कि चौपाईयों का संगीतमय श्रवण कराते हुए महत्व बताया। कहां की जो सत बार पाठ कर कोई छूट ही बंदी महा सुख होई जिसने सत बार पाठ कर लिया उनके सभी प्रकार के बंधन से मुक्ति होकर समस्त प्रकार के आनंद महासुख की प्राप्ति हो जाती है

शास्त्री जी ने चौपाई के माध्यम से कहा कि और देवता चित न धरई हनुमंत सर्व सुख करई, हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करने से और उसके अर्थ को समझने से देवताओं को भजने की आवश्यकता नहीं रहती हैं।

शास्त्री जी ने कहा कि आप पढ़ रहे हैं और सुन रहे हैं उसका अर्थ पता होना चाहिए अर्थ के बिना उसका महत्व नहीं है इसलिए हनुमान जी की चालीसा कि चौपाईयों का अर्थ सभी को जाना चाहिए जिसने चौपाइयों का अर्थ समझ लिया वह उसने अर्थ काम सब कुछ इन्हें से प्राप्त कर लिया।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण जी शास्त्री का करीब 2:30 सीतामऊ आगमन हुआ-

सुबह से काफी इंतजार के पश्चात पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी का छोटीकाशी सीतामऊ की धरा पर दोपहर 2:30 बजे हेलीकॉप्टर से आगमन हुआ यहां उनका राधा बावड़ी हनुमान समिति तथा बड़ी संख्या में भक्तों द्वारा स्वागत अभिनंदन किया गया। तत्पश्चात श्री शास्त्री जी पत्रकारों और सेवादारों से मिलने तथा तीन दिवसीय कथा के दौरान विश्राम स्थल पारसमल जैन दीपाखेड़ा वाले के फार्म हाउस पर बने भवन का अजमेर श्री हनुमान पीठ के पीठाधीश्वर श्री कृष्णानंद जी महाराज के साथ कैबिनेट मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग भाजपा नेता श्री बंशीलाल गुर्जर सहित अन्य समाजसेवी नेताओं के साथ ग्रह प्रवेश आयोजन संपन्न किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या पत्रकार सेवादार भाजपा कार्यकर्ता पंडित श्री शास्त्री जी के दर्शन पाने के लिए उपस्थित रहे।

 

बोहरा समाज सहित हजारों कि संख्या में सड़क मार्ग पर उपस्थित भक्तों ने किया दर्शन –

सीतामऊ से श्री शास्त्री जी का काफिला शाम 5.22 बजे बालाजी धाम खेजड़ीया की ओर सीतामऊ से सुवासरा मार्ग होते हुए निकले इस दौरान हकीम ट्रेडर्स पर दाउदी बोहरा समाज के समाज जनों व सीतामऊ नगर सहित सड़क मार्ग से लगे गांव में बागेश्वर धाम सरकार की एक झलक पाने के लिए उनकी साथ सेल्फी लेने और स्वागत अभिनंदन के लिए भीषण तेज धूप में घंटों इंतजार के साथ सड़क पर हजारों की संख्या में महिला पुरुष डटे रहे। स्वागत अभिनंदन के इस क्रम के साथ ही बागेश्वर धाम सरकार शाम 6 बजे कथा स्थल पर आगमन हुआ। दाऊदी बोहरा समाज द्वारा स्वागत अभिनंदन एवं आशीर्वाद को लेकर युसुफ शब्बीर हुसैन बोहरा ने कहा कि हमारे सीतामऊ की पावन धरा पर बागेश्वर धाम सरकार पधारे हैं इनका हमने स्वागत अभिनंदन किया है। बागेश्वर धाम से काम पधारे हैं उनका आशीर्वाद पाकर और सीतामऊ आगमन पर हम धन्य हो गए हैं।धर्म गुरु कोई भी हो गलत नहीं हो सकता है। महाराज श्री के हिंदू राष्ट्र सनातन धर्म से हमें कोई दिक्कत नहीं हम हिंदू राष्ट्र में रहते हैं महाराज श्री के पास अभूतपूर्व चमत्कार हैं और जिनको भी आशीर्वाद देते हैं उनका कायाकल्प हो जाता है।

बालाजी सरकार कि पूजा अर्चना के साथ हुई कथा कि शुरुआत

धर्म की नगरी छोटी काशी के क्षेत्र खेजड़िया चिंताहरण बालाजी मंदिर के निकट बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के मुखारविंद से बुधवार शाम 6.15 बजे श्री हनुमंत कथा प्रारंभ हुई। कथा को श्रवण करने के लिए मंदसौर जिले सहित अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में भक्तों यहां पहुंचे जिनका अनुमान बताया जा रहा है कि लगभग 3 लाख से भी अधिक संख्या भक्तों की रही।

 

कथा से पूर्व लगभग लाख के जनमानस की उपस्थिति में साढ़े 3 किमी निकली ऐतिहासिक कलश यात्रा-

कथा के 1 दिन पूर्व 6 जून को मालवा की गंगा शास्त्रों में वर्णित चर्मरारवंती चंबल मैया के तट से चिंताहरण बालाजी धाम खेरिया तक कलश यात्रा का आयोजन हुआ जिसमें एक लाख मातृ शक्तियों एवं सेवादारों भक्तजनों की उपस्थिति में 50 हजार मातृशक्ति कलश लेकर लगभग 3.50 किमी की पदयात्रा ढोल धमाके रथ घोड़े डीजे भजनों एवं भक्तों नृत्य के साथ संत श्री कृष्णानंद जी महाराज के सानिध्य में भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक श्री हरदीप सिंह डंग ने सभी मातृशक्ति सेवादारों धर्म प्रेमी जनता तथा गांव -गांव से पहुंची भजन मंडलियों, झंडा समितियों के कार्यकर्ताओं का स्वागत अभिनंदन और अभिवादन किया।

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