मंदसौर जिलासीतामऊ

दीप प्रज्वलित व हनुमान चालीसा पाठ कर सनातन परंपरा से मनाया दिलीप सोनी का जन्मदिन

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कोई भी पर्व हो सनातन धर्म संस्कृति परंपरा अनुसार मनाए जाने से एक नई ऊर्जा का आभास होता – महंत श्री जितेंद्र दास

सीतामऊ। केसरिया हिंदू वाहिनी सनातन कल्याण समिति के कोषाध्यक्ष श्री दिलीप सोनी का 59 वां जन्मदिन के अवसर पर सर्वप्रथम गौ माता की पूजा अर्चना कर गो ग्रास खिलाया गया तत्पश्चात सीतामऊ में समिति के केंद्रीय कार्यालय रतनकुंड पर महंत श्री जितेंद्र दास जी श्री प्रदीप सोनी प्रदेश उपाध्यक्ष श्री सुरेश जैन सुरेश परिहार श्रीमती सरिता सक्सेना महिला मोर्चा जिला मंदसौर अध्यक्ष कृतिका सक्सेना कुमारी हंसा सेंगर प्रदेश सचिव अर्पित सोनी भेरूलाल राठौर लक्ष्मीनारायण मांदलिया राजू वाशरमेन आदि कि उपस्थिति में भगवान राम मंदिर में ॐ की आकृति में भव्य दीपों की सजावट की गई जिसको श्री दिलीप सोनी ने प्रज्वलित कर भगवान श्री राम और हनुमान जी को फुल माला पहनाकर पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया इसके पश्चात संस्था अध्यक्ष महंत श्री जितेंद्र दास जी ने श्री सोनी का कुंकुम से तिलक लगाकर साल श्री फल प्रदान कर फुल माला पहनाकर स्वागत कर आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर सभी उपस्थित जनों ने श्री सोनी को जन्म दिवस कि बधाईयां दी तथा हनुमान चालीसा का सामुहिक पाठ कर भगवान से श्री सोनी मय परिवार के आनंदमय जीवन कि मंगलकामनाएं की।

इस अवसर पर महंत श्री जितेंद्र जी ने कहा कि जन्मदिन हो या कोई भी व्रत त्योहार सभी सनातन धर्म परंपरा अनुसार होना चाहिए। त्यौहार जन्मदिन कोई भी पर्व हो सनातन धर्म संस्कृति परंपरा अनुसार मनाए जाने से एक नई ऊर्जा का आभास होता है और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

संस्था के कोषाध्यक्ष श्री दिलीप कुमार सोनी ने कहा कि आज मेरे जन्म दिवस पर आप सभी का प्रेम स्नेह और आशीर्वाद मिला मैं अभिभूत हूं। और मुझे बहुत अच्छा लगा कि मेरा जन्म दिवस पर सनातन संस्कृति के अनुसार समिति द्वारा मनाया गया। श्री सोनी ने कहा कि जन्म दिवस पर लोग पाश्चात संस्कृति के अनुसार दीया मोमबत्ती को पहले प्रज्वलित करते हैं फिर बाद में फूंक मारकर बुझा देते है यह परंपरा बहुत ही और अशुभ मानी जाती हैं। यही नहीं केक के ऊपर लगीं मोमबत्ती को फूंक मारकर बुझाने से फूंक मारने वाले के मुंह से केक झूठा हो जाता है और झुठा खिलाना खाना पाप है। मुंह से फुक मारने पर केक पर बीमारियों के कीटाणु आ सकते हैं जिससे एक से दुसरे के शरीर में बीमारी पहुंचाने का कारण बन सकता है।

इसलिए आओ संकल्प लें-

सनातन संस्कृति कि और चले, बड़े बुजुर्ग तथा संत गुरु जनों और भगवान से आशीर्वाद लें।

मुरझाए जीवन को तनावमुक्त संजीवन कर परिवार को आनंदमय कर दें।।

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