3 माह बंद के बाद फ़िर से गांधी सागर जलाशय में वृद्ध स्तर पर मत्स्या आखेट की तैयारी

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गाँधीसागर- गांधी सागर जलाशय में वृद्ध स्तर पर मत्स्या आखेट का कार्य होता है जिसमें मछुआरे अपनी नाव के जरिए जलाशय में रहकर जाल के द्वारा मछली पकड़ कर मत्स्य महासंघ के अधीनस्थ कार्यरत ठेकेदार फर्म को मछली उपलब्ध करवाते हैं जो यह मछली गांधी सागर और रामपुरा से परिवहन होकर दिल्ली सिलीगुड़ी हावड़ा व अन्य राज्यों में जाती है ।
15 जून को क्लोज सीजन होने के कारण 3 माह के लिए मत्स्य आखेट बंद रहता है क्योंकि यह समय मछली के प्रजनन काल का समय होता है । प्रतिबंध की समय अवधि समाप्त होने के बाद शुक्रवार 30 अगस्त को शुभ मुहूर्त में मछुआरो के सदस्य अपने साधन नाव -जाल खाने पीने की वस्तुओं व अन्य तैयारी के साथ जलाशय की ओर रवानगी ले चुके हैं ।
गौरतलब है की यह मछुआरे आज ही जलाशय के विभिन्न हिस्सों में जाली तैयारी कर जाली को नदी में बिछाकर नदी के तट पर चले जाएंगे । और एक-दो दिन में मछली पुनः मत्स्य सेन्टर पर आना शुरू हो जाएगी जो ठेकेदार के कर्मचारी मछली पैकिंग कर वाहनों के जरिए मछली विभिन्न मंडी में भेजी जाएगी । विदित रहे कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो ये मछुआरे करीब दस से पन्द्रह दिन जलाशय मे रहकर ही मत्स्याखेट का कार्य करेंगे । इनका खाना पीना नदी तट पर या नाव में ही होता है ।