मंदसौरमध्यप्रदेश
जहां गाय है वहीं गोपाल है और जहां गोपाल है वहां भारत है-पू. कमलेश शास्त्री जी
श्री सांवलिया गौशाला कुंचड़ौद में वार्षिक आमसभा का हुआ आयोजन
बड़ी संख्या में सदस्य व ग्रामवासी हुए सम्मिलित
कुचडौद। श्री सांवलिया गौशाला कुंचड़ौद की वार्षिक आमसभा गौशाला परम संरक्षक परम पूज्य भागवत प्रवक्ता साहित्यकार पं. कमलेश शास्त्री (डोराना वाले) के सानिध्य में सम्पन्न हुई।
प्रारंभ में पूज्य आचार्य श्री का पुष्पहार से सम्मान कर जनपद प्रतिनिधि ठा. प्रेमसिंह पंवार, ग्राम पंचायत सरपंच कारूलाल भील, उपसरपंच बिहारीलाल गोयल, गौशाला समिति संरक्षक लक्ष्मीनारायण परमार, अध्यक्ष बंशीलाल टांक, सचिव दशरथलाल गोयल, सहसचिव कारूराम करा, कोषाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण कुण्डेल, सदस्यगण पूर्व सरपंच गोरधनलाल रोडवार, राधेश्याम मण्डोवरा , पत्रकार दिनेश हाबरिया, मुक्तिधाम समिति अध्यक्ष कंवरलाल मेंगरिया आदि ने आशीर्वाद लिया।
सभा का संचालन योग गुरू गौ भक्त बंशीलाल टांक ने किया।
सचिव दशरथ गोयल ने गौशाला में वर्ष भर में गौ संवर्धन बोर्ड भोपाल, जनप्रतिनिधि एवं दानदाताओं आदि से प्राप्त आय तथा व्यय का विवरण प्रस्तुत किया। साथ ही वर्ष 2024-25 में अनुमानित बजट प्रस्तुत किया। सचिव द्वारा जनभागीदारी से प्रस्तावित खरंजा निर्माण, खाद बिक्री आदि संकल्प का सभी ने हर्ष ध्वनि कर अनुमोदन किया।
सदस्य महानुभावों ने गौमाता को अधिक से अधिक आराम मिले- गौशाला का और अधिक से अधिक किस प्रकार विकास हो अपने जो उपयुक्त सुझाव भी दिये।
उल्लेखनीय है कि सांवरिया गौशाला में फिलहाल 500 के लगभग गौवंश है। हाल ही में पिपलियामंडी के पास बही थड़ोद टोल नाके से राजस्थान के नागोर जिले में 46 ट्रकों में भरकर जिन 590 हष्ट पुष्ट स्वस्थ मतवाले बैलों को महाराष्ट्र की ओर ले जाया जा रहा था उनको पुलिस की मदद से जिन हिन्दू संगठनों ने छुड़वाया और जिले की जिन विभिन्न गौशालाओं में रखा गया उनमें से 50 बेलों को सांवलिया गौशाला में रखा गया है। गौशाला को अन्य गौवंश के साथ इन सभी बैलों को प्रतिदिन हरी घास चरी खिलाई जा रही है। गौवंश के रहने के लिये 7 शेड, गौशाला के 2 बड़े गोडाउन जिनमें गेहूं आदि का पर्याप्त भूसा भरा हुआ है, पीने के लिये प्रत्येक शेड में पानी आदि की खेर (होज) बने हुए है। गौशाला के 2 ट्यूबवेल में पानी की अच्छी व्यवस्था है। जिला पशु चिकित्सा विभाग द्वारा भी गौवंश की स्वास्थ्य संबंधी निगरानी रखी जा रही है। ग्रामवासियों द्वारा भी गौसेवा में समय-समय पर तन मन धन से सहयोग दिया जाता रहा है। विगत वर्ष जब गौवंश पर लम्पी बीमारी का भारी प्रकोप हुआ था उस समय गांव के 60 से अधिक युवाओं ने लगातार 1 महिने तक गांव से ट्रेक्टर-ट्रालियों में भरकर औषधीय रोटीयां खिलाकर जी जान से जिस प्रकार गौ सेवा की उसी का प्रतिफल रहा कि जहां अन्य स्थानों पर बड़ी संख्या में लम्पी से गौवंश काल कवलित हुआ वहीं सांवरिया गौशाला में इस बीमारी से एक भी गौवंश की मृत्यु नहीं हुई।
पूज्य आचार्य भागवत प्रवक्ता साहित्यकार पं. श्री कमलेश शास्त्री के आशीर्वचन-
पूज्य आचार्य श्री ने कहा कि गौशाला के प्रतिष्ठाता आजीवन परम संरक्षक कैलाशवासी ब्रह्मलीन परम पूज्य गुरूदेव स्वामी श्री नित्यानंदजी महाराज ने वर्ष 2002 में स्थापना कर ग्राम कुंचड़ौद को पवित्र गौधाम तीर्थ बना दिया है। गौमाता की सेवा में जीवन समर्पित करने वाले स्वर्गवासी मोतीलालजी भदानिया की सेवाओं का भी स्मरण किया। आचार्य श्री ने अपने आशीर्वचन में गौमाता की महिमा बताते हुए कहा कि जहां गौमाता रहती है वहां गोपाल है और जहां गोपाल है वही भारत है।
आपने कहा हम जिस देवता के मंदिर में जायेंगे चाहे वह भगवान श्री कृष्ण, खाटू श्याम अथवा भवानी दुर्गा का हो उस एक देवता की मूर्ति श्री विग्रह के ही दर्शन होंगे परन्तु हमारे सामने जब चलती फिरती प्रत्यक्ष गौमाता होती है और श्रद्धा विश्वास भक्ति के साथ जब गौ माता के दर्शन कर लेते है तो हमें गौमाता रूपी मंदिर में एक साथ 34 करोड़ देवी देवताओं का दर्शन का लाभ मिल जाता है।
आपने कहा हमारी सनातन संस्कृति का मूल आधार केन्द्र बिन्दू मुख्य स्तम्भ यदि कोई है तो वह गौमाता है जिसके लिये स्वयं निराकार ने गोपाल बनकर नंगे पांव चलकर ब्रज-वृन्दावन में गौमाता को चराया व संरक्षण किया। भगवान श्री कृष्ण ने अपने हाथों गौ सेवा की है। गाय किसी एक देश, एक मजहब की माता नहीं वरन विश्वस्य गौमातरम्‘‘ अर्थात् सम्पूर्ण संसार की माता कोई है तो वह गौमाता है। आपने आजादी के बार भी देश में गौ हत्या का बंद नही ंहोना देश के लिये घोर कलंक और बड़ा दुर्भाग्य बताया है। आपने कहा जितनी जल्दी हो सके गौहत्या का कलंक भारत के माथे से मिट जाना चाहिए इसी में देश की भलाई है। सभा समाप्ती पर पूज्य
प्रारंभ में पूज्य आचार्य श्री का पुष्पहार से सम्मान कर जनपद प्रतिनिधि ठा. प्रेमसिंह पंवार, ग्राम पंचायत सरपंच कारूलाल भील, उपसरपंच बिहारीलाल गोयल, गौशाला समिति संरक्षक लक्ष्मीनारायण परमार, अध्यक्ष बंशीलाल टांक, सचिव दशरथलाल गोयल, सहसचिव कारूराम करा, कोषाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण कुण्डेल, सदस्यगण पूर्व सरपंच गोरधनलाल रोडवार, राधेश्याम मण्डोवरा , पत्रकार दिनेश हाबरिया, मुक्तिधाम समिति अध्यक्ष कंवरलाल मेंगरिया आदि ने आशीर्वाद लिया।
सभा का संचालन योग गुरू गौ भक्त बंशीलाल टांक ने किया।
सचिव दशरथ गोयल ने गौशाला में वर्ष भर में गौ संवर्धन बोर्ड भोपाल, जनप्रतिनिधि एवं दानदाताओं आदि से प्राप्त आय तथा व्यय का विवरण प्रस्तुत किया। साथ ही वर्ष 2024-25 में अनुमानित बजट प्रस्तुत किया। सचिव द्वारा जनभागीदारी से प्रस्तावित खरंजा निर्माण, खाद बिक्री आदि संकल्प का सभी ने हर्ष ध्वनि कर अनुमोदन किया।
सदस्य महानुभावों ने गौमाता को अधिक से अधिक आराम मिले- गौशाला का और अधिक से अधिक किस प्रकार विकास हो अपने जो उपयुक्त सुझाव भी दिये।
उल्लेखनीय है कि सांवरिया गौशाला में फिलहाल 500 के लगभग गौवंश है। हाल ही में पिपलियामंडी के पास बही थड़ोद टोल नाके से राजस्थान के नागोर जिले में 46 ट्रकों में भरकर जिन 590 हष्ट पुष्ट स्वस्थ मतवाले बैलों को महाराष्ट्र की ओर ले जाया जा रहा था उनको पुलिस की मदद से जिन हिन्दू संगठनों ने छुड़वाया और जिले की जिन विभिन्न गौशालाओं में रखा गया उनमें से 50 बेलों को सांवलिया गौशाला में रखा गया है। गौशाला को अन्य गौवंश के साथ इन सभी बैलों को प्रतिदिन हरी घास चरी खिलाई जा रही है। गौवंश के रहने के लिये 7 शेड, गौशाला के 2 बड़े गोडाउन जिनमें गेहूं आदि का पर्याप्त भूसा भरा हुआ है, पीने के लिये प्रत्येक शेड में पानी आदि की खेर (होज) बने हुए है। गौशाला के 2 ट्यूबवेल में पानी की अच्छी व्यवस्था है। जिला पशु चिकित्सा विभाग द्वारा भी गौवंश की स्वास्थ्य संबंधी निगरानी रखी जा रही है। ग्रामवासियों द्वारा भी गौसेवा में समय-समय पर तन मन धन से सहयोग दिया जाता रहा है। विगत वर्ष जब गौवंश पर लम्पी बीमारी का भारी प्रकोप हुआ था उस समय गांव के 60 से अधिक युवाओं ने लगातार 1 महिने तक गांव से ट्रेक्टर-ट्रालियों में भरकर औषधीय रोटीयां खिलाकर जी जान से जिस प्रकार गौ सेवा की उसी का प्रतिफल रहा कि जहां अन्य स्थानों पर बड़ी संख्या में लम्पी से गौवंश काल कवलित हुआ वहीं सांवरिया गौशाला में इस बीमारी से एक भी गौवंश की मृत्यु नहीं हुई।
पूज्य आचार्य भागवत प्रवक्ता साहित्यकार पं. श्री कमलेश शास्त्री के आशीर्वचन-
पूज्य आचार्य श्री ने कहा कि गौशाला के प्रतिष्ठाता आजीवन परम संरक्षक कैलाशवासी ब्रह्मलीन परम पूज्य गुरूदेव स्वामी श्री नित्यानंदजी महाराज ने वर्ष 2002 में स्थापना कर ग्राम कुंचड़ौद को पवित्र गौधाम तीर्थ बना दिया है। गौमाता की सेवा में जीवन समर्पित करने वाले स्वर्गवासी मोतीलालजी भदानिया की सेवाओं का भी स्मरण किया। आचार्य श्री ने अपने आशीर्वचन में गौमाता की महिमा बताते हुए कहा कि जहां गौमाता रहती है वहां गोपाल है और जहां गोपाल है वही भारत है।
आपने कहा हम जिस देवता के मंदिर में जायेंगे चाहे वह भगवान श्री कृष्ण, खाटू श्याम अथवा भवानी दुर्गा का हो उस एक देवता की मूर्ति श्री विग्रह के ही दर्शन होंगे परन्तु हमारे सामने जब चलती फिरती प्रत्यक्ष गौमाता होती है और श्रद्धा विश्वास भक्ति के साथ जब गौ माता के दर्शन कर लेते है तो हमें गौमाता रूपी मंदिर में एक साथ 34 करोड़ देवी देवताओं का दर्शन का लाभ मिल जाता है।
आपने कहा हमारी सनातन संस्कृति का मूल आधार केन्द्र बिन्दू मुख्य स्तम्भ यदि कोई है तो वह गौमाता है जिसके लिये स्वयं निराकार ने गोपाल बनकर नंगे पांव चलकर ब्रज-वृन्दावन में गौमाता को चराया व संरक्षण किया। भगवान श्री कृष्ण ने अपने हाथों गौ सेवा की है। गाय किसी एक देश, एक मजहब की माता नहीं वरन विश्वस्य गौमातरम्‘‘ अर्थात् सम्पूर्ण संसार की माता कोई है तो वह गौमाता है। आपने आजादी के बार भी देश में गौ हत्या का बंद नही ंहोना देश के लिये घोर कलंक और बड़ा दुर्भाग्य बताया है। आपने कहा जितनी जल्दी हो सके गौहत्या का कलंक भारत के माथे से मिट जाना चाहिए इसी में देश की भलाई है। सभा समाप्ती पर पूज्य
आचार्य श्री गायों और जप्ती जो बेल है उन्हें अपने हाथों हरी हरी घास खिलाई।