नीमच की बेटी आर्ची हरित बनी डिप्टी कलेक्टर
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एमपी पीएससी के पहले प्रयास बनी रेंजर, दूसरी प्रयास में 16 वीं बनाकर बनाया सफलता का रिकार्ड
नीमच की बेटी आर्ची हरित ने मप्र लोक सेवा आयोग 2019 में 16 वीं रैंक बनाते हुए डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुई है। इससे पहले आर्ची वर्ष 2018 में पीएससी परीक्षा में चयनित होकर रेंजर बन गई थी लेकिन लक्ष्य डिप्टी बनने का था, उस सपने को साकार किया है।
नीमच. नीमच की बेटी आर्ची हरित के पिता मोहनलाल हरित और मां अंजली हरित छोटे से गांव गिरदौड़ा के मूल निवासी है। पिता मोहनलाल हरित डीएफओ पद से सेवानिवृत आईएफएस अधिकारी है और इंदौर में निवास करते हैं। ताऊजी जगदीश प्रसाद हरित सेवानिवृत शिक्षक है और संस्कृति के प्रकांड पंडित है, साथ ही आर्य समाज के वरिष्ठ सदस्य है जो गांव में ही निवास करते हैं। आर्ची की स्कूलिंग रतलाम के सेंट जोसफ स्कूल से हुई है। इंदौर के जीएसआईटीएस कॉलेज से आईटी में बीई करने के बाद सिविल सर्विस की तैयारी की। पहले ही प्रयास में वर्ष 2018 में रेंजर पद चयनित हुई लेकिन लक्ष्य डिप्टी कलेक्टर बनने का था, इसलिए संघर्ष जारी रखा और वर्ष 2019 में लोक सेवा आयोग की परीक्षा फिर दी और 16 वीं रैंक बनाते हुए डिप्टी कलेक्टर के पद चयनित हुई है। आर्ची हरित परिवार का ग्राम गिरदौड़ा का संस्कारवान और उच्च शिक्षित परिवार हैं।
पिता गांव से निकलकर बने डीएफओ
आर्ची हरित के पिता मोहनलाल हरित ग्राम गिरदौड़ा में पले-बढ़े और सरकारी स्कूलों से शिक्षा प्राप्त करने के बाद वन सेवा में सेवांए दी। वे वनसेवा के क्षेत्र में आईएफएस अवार्ड प्राप्त कर डीएफओ पद तक पहुंचे। उन्होंने अपने परिवार को उच्च शिक्षित किया। बेटा डॉ. प्रंशात हरित दतिया में चर्मरोग विशेषज्ञ है और बहू डॉ. गौरी हरित गॉयनिकोलॉजिस्ट है।