ब्रह्म समागम का विशाल आयोजन संपन्न..लगभग सवा लाख ब्राह्मण जन हुए एकत्रित
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सम्पूर्ण सृष्टि के नियामक वेद हैं जो ब्राह्मण के अधीन हैं
राष्ट्रमंडल और जनकल्याण ब्राह्मण का मूल लक्ष्य है
मंदसौर। राष्ट्रीय परशुराम सेना की प्रदेश इकाई के तत्वावधान में शहर के कृषि उपज मंडी प्रांगण में विशाल ब्राह्मण समागम का वृहद आयोजन भव्य स्वरूप में संपन्न हुआ। ब्रह्म समागम में 21 सूत्रीय प्रस्ताव पारित किए गए जिन्हें मांग पत्र के रूप में शासन तथा व्यवस्थाओं के प्रमुख घटकों तक पहुंचाया जाएगा। ब्रह्म समागम में वेद मूर्ति पूज्यपाद स्वामी श्री निर्मल चैतन्यजी महाराज पूज्यपाद स्वामी श्री राजेंद्र पुरी जी महाराज,श्री भागवत विद्यापीठ सोला अहमदाबाद के पूज्य आचार्य श्री भागवत ऋषि,धर्माचार्य पं. मिथिलेश नागर, डॉ देवेंद्र शास्त्री, पंडित दशरथ शर्मा, पं. शिवकरण प्रधान, पं.राजेश शर्मा, प. गौरी शंकर शर्मा,पं.पंकज जलारा,हरीश कटवार पं. विष्णु ज्ञानी आदि मंचासीन थे।
ब्रह्म समागम को संबोधित करते हुए स्वामी श्री निर्मल चैतन्य जी महाराज ने कहा कि ब्राह्मण वैदिक परंपरा के वृक्ष होते हैं वेद पुराण उनकी शाखाएं हैं। गाय और ब्राह्मण को वैदिक परंपरा में सर्वोच्च स्थान दिया गया है हमें अपने अंदर के ब्राह्मणत्व को जागृत करते हुए ब्रह्मकर्म के साथ अपने ब्रह्ममोचित नियमों का पालन करना चाहिए ।तभी हमारा प्रभाव संपूर्ण समाज पर पड़ेगा। ब्राह्मण सदैव से पूजनीय रहे हैं।
स्वामी श्री राजेंद्र पुरी जी महाराज ने संबोधित करते हुए कहा कि सृष्टि का मूल वेद है और वेद ब्राह्मण के अधीन है। संपूर्ण ब्रह्मांड के नियामक वेदों की रचना ब्राह्मणों के द्वारा ही की गई है ।
श्री भागवत ऋषि ने कहा कि
हमें अपने अंतःकरण से ब्राह्मणत्व का संरक्षण करना चाहिए।समाज और राष्ट्र कल्याण ही ब्राह्मण का प्रथम कर्म है। ब्रह्म कम के माध्यम से विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है ब्रह्म जनों ने कभी केवल अपने लिए नहीं संपूर्ण सृष्टि के कल्याण की भावना को अभिव्यक्त किया है।
पं. मिथिलेश नगर ने कहा कि ब्राह्मणों ने ही पूरे विश्व को दिशा दर्शन दिया है। मंदसौर में ब्राह्मण समागम का यह आयोजन ब्राह्मण के साथ-साथ ब्राह्मणत्व के भी भाव को जागृत करें।यह सभी की आकांक्षाएं हैं। जो 21 प्रस्ताव पारित किए गए हैं उनका ब्रह्म समागम के मंच से भी समर्थन किया जाता है। पं. दशरथ भाई शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण यदि अपने ब्रह्म कर्म का पालन पूरे समर्पित भाव से और नियमानुसार करें तो ब्राह्मण का कभी भी पतन नहीं हो सकता। राजा बनना ब्राह्मण के लिए ना तो कोई बहुत बड़ा लक्ष्य है और नहीं कोई साध्य ब्राह्मणों ने लाखों राजा बनाएं हैं। डॉ. देवेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह भारत के उत्थान का समय है ब्राह्मण जाग गया है। निश्चित ही ब्रह्म समागम के माध्यम से ब्राह्मण जन अपने पूरे स्वाभिमान के साथ अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपनी प्रतिष्ठा अर्जित करेंगे कायम रखेंगे।
ब्रह्म समागम के मंच से पं. नितिन राजोरा ने 21 सूत्रीय प्रस्तावों का वाचन किया जिनमें मुख्य रूप से
ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन कर उसका अध्यक्ष ब्राह्मण समाज के ही किसी व्यक्ति को बनाया जाए। समस्त ब्राह्मण व हिंदू धर्माचार्य संत व कथावाचकों के लिए अमर्यादित भाषा के माध्यम से धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले व्यक्ति व वर्ग विशेष पर कठोरता से कार्यवाही व सजा का प्रावधान किया जाए।एट्रोसिटी एक्ट के तहत बिना जांच के प्रथम सूचना रिपोर्ट नहीं लिखी जाए और ना ही गिरफ्तारी की जाए। प्रमोशन में आरक्षण बंद किया जाए। आरक्षण का आधार आर्थिक हो एक परिवार को केवल एक ही बार आरक्षण का लाभ मिले। स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा क्षेत्र में संस्कृत भाषा सहित भारत की गौरवशाली इतिहास को प्राथमिकता से जोड़ा जाए। मंदिरों को शासन के अधिग्रहण से मुक्त किया जाए,मंदिरों की भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई जाए उनकी नीलामी पर रोक लगे।प्रत्येक जिले में ब्राह्मण समाज के छात्रावास व धर्मशाला के लिए भूमि आवंटित की जाए। मंदिर में पुजारी का न्यूनतम मानदेय शासन द्वारा तय किया जाए।राजनीतिक दल ब्राह्मणों को अवसर व महत्व प्रदान करें। भगवान परशुराम जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए ये प्रमुख प्रस्ताव प्रमुख थे।
सम ब्रह्म समागम का शुभारंभ मंशा सिंह पूज्य संतों को विद्वान ब्रह्म जनों द्वारा दीप प्रज्वलित करवा भगवान परशुराम के विग्रह पर माल्यार्पण कर किया गया संस्कृत पाठशाला के बटु कौन है स्वस्तिवाचन किया। आरंभ में स्वागत उद्बोधन प्रदेश परशुराम सेवा के अध्यक्ष पं. जितेंद्र व्यास ने दिया उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय परशुराम सेवा की प्रदेश इकाई ने मंदसौर में इस वृहद ब्रह्म समागम का लक्ष्य ब्रह्म शक्ति को जागृत कर ब्राह्मण जनों को उनके वास्तविक अधिकार और सम्मान दिलाना है। उन्होंने कहा कि ब्रह्म समागम में पारित प्रस्तावों को शासन तक भेजा जाएगा और इन सभी प्रस्तावों में उल्लेखित बिंदुओं को मनवाने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा। राष्ट्रीय परशुराम सेवा के महामंत्री शिवम शर्मा तथा प्रवक्ता श्री जलारा ने भी संबोधित किया।
आरंभ में पूज्य संतों का अतिथियों का स्वागत परशुराम सेवा के प्रदेश अध्यक्ष पं. जितेंद्र व्यास सकल ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पंडित दिलीप शर्मा सर्व ब्राह्मण समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित अरुण शर्मा जनपद अध्यक्ष पंडित बसंत शर्मा वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल ब्रजेश जोशी दिनेश शर्मा, पं. चमन लाल कटलार वाले, श्री जगदीश मंदिर जीवागंज पंचायत अध्यक्ष मोहनलाल शर्मा, अशोक त्रिपाठी, जयेश नगर,मांगीलाल शर्मा बानी खेड़ी,प्रदेश मीडिया प्रभारी परशुराम सेना पं.अनिल जोशी शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रमुख राजेश शुक्ला,प्रदेश महामंत्री सिद्धार्थ जोशी, जिला उपाध्यक्ष विनोद शर्मा, नगर परशुराम सेना के अध्यक्ष गोल्डी शर्मा, महिला मंडल की ओर से श्रीमती विद्या उपाध्याय, सीमा नागर और किरण गौड़ ने किया। ब्राह्मण समाज की प्रतिभाओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम को नरेंद्र कुमार त्रिवेदी ने संचालित किया मंच से आवश्यक सूचनाओं तथा दिशा निर्देश देने का दायित्व डॉ. हिमांशु यजुर्वेद ने निभाया। ब्राह्मण समागम का संचालन वरिष्ट पत्रकार पं. ब्रजेश जोशी व डॉ.क्षितिज पुरोहित ने किया आभार परशुराम सेना के जिलाध्यक्ष श्री कांत शर्मा ने माना।
ब्रह्म समागम में लगभग सवा लाख ब्राह्मण जन कृषि उपज मंडी के विशाल परिक्षेत्र में एकत्र हुए। मध्य प्रदेश के साथ ही राजस्थान महाराष्ट्र गुजरात छत्तीसगढ़ के आदि प्रति से भी ब्राह्मणजन समागम में सम्मिलित हुए।