देशइंदौर

उदय निधि स्टालिन के बुद्धि का दीवाला निकल चुका है., सार्वजनिक मंच पर बहस की खुली चुनौती-राष्ट्र संत कमल मुनि

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आध्यात्मिक संस्कृति का अपमान करना अंगारों के साथ खेलने के समान है विनाश काले विपरीत बुद्धि का परिणाम है उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनी कमलेश ने जन्माष्टमी पर्व पर महावीर भवन इंदौर में श्रावकों को संबोधित करते कहा कि आध्यात्मिक संस्कृति के बिना जीने की कल्पना तक नहीं की जा सकती वह ऑक्सीजन से भी महत्वपूर्ण है

उन्होंने तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदय निधि स्टालिन द्वारा हिंदू संस्कृति पर अपमानजनक टिप्पणी की कड़ी निंदा कर फटकार लगाते हुए सार्वजनिक मंच पर बहस की खुली चुनौती दी लगता है उनकी बुद्धि का दीवाला निकल चुका है

मुनी कमलेश ने कहा कि लगता है स्टालिन मानसिक संतुलन को बैठे हैं अथवा धर्म की लोकप्रिय से बौखला गए हैं इसके विश्व का अस्तित्व भी नहीं है

राष्ट्रसंत स्पष्ट कहां की आध्यात्मिकता जीवन जीने की शैली है विश्व शांति का मूल मंत्र है संपूर्ण समस्याओं का समाधान इसमें समावेश है

जैन संत ने बताया कि आज विज्ञान भी आध्यात्मिक शक्ति का लोहा मान रहा है इस ज्ञान के आधार पर आविष्कार कर रहा है

अखिल भारतीय जैन की बात विचार मंच नई दिल्ली युवा शाखा के राष्ट्रीय कार्यकर्ता एवं दैनिक प्रभात पत्र के मालिक श्री महावीर जैन मंदसौर ने कर्मयोगी बनकर अन्यायऔरअनीति के खिलाफ क्रांति का शंखनाद करने का आवाहन किया संघ की ओर से उनका सम्मान किया गया संचालक प्रकाश भटेवरा ने किया।

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