15 वी शताब्दी मे सहस्त्र मुखेश्वर महादेव , माता पार्वती और गोरा बाबजी हुए कुकडेश्वर में विराजमान
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कुकड़ेश्वर। मध्य प्रदेश नीमच जिले में तहसील मनासा राजस्व टप्पा कुकड़ेश्वर मैं विराजित सहस्त्र मुकेश्वर भोलेनाथ की प्रतिमा तालाब के तट के किनारे प्राचीन काल से कालों के काल महाकाल देवों के देव महादेव जी की प्रतिमा विराजित है ऐसा शिवलिंग विश्व में कहीं देखने को नहीं मिलता है मात्र दर्शन लाभ से ही एवं मात्र एक परिक्रमा एवं मात्र थोड़ा सा जल एवं बीलपत्र अर्पण करने से प्रसन्न हो जाते हैं और इनके आशीर्वाद से सारे काम होते हैं यहां भक्त लोग देश-विदेश से लोग आते हैं ।
मंदिर व्यवस्थापक समिति के राजेंद्र पटेल ने बताया यहां बहुत बड़े बड़े चमत्कार देखने को मिले हैं। श्री पटेल ने अपने परदादा जी सुनी हुई बात को लेकर कहा कि प्राचीन काल से 1507 साल पुराने हमारे पूर्वजों के द्वारा इन्हें अरावली पर्वत से गोरा बावजी अरावली पर्वत से हमारे पूर्वज लोग इन्हें उस जमाने में बैलगाड़ी में भरकर स्थापना करने ले जा रहे थे मेरे परदादा ने पूर्व में किस्सा बताया था। इन्हें गोरा बाबजी को बैलगाड़ी में भरकर स्थापित करने ले जाया जा रहा था जो बैलगाड़ी में भोलेनाथ की प्रतिमा थी।कुकड़ेश्वर तालाब के तट आकर गाड़ी का पहिया टूट जाता है और यही भोलेनाथ विराजित हुए नंबर दो दूसरी वाली गाड़ी में माता पार्वती की प्रतिमा पूर्वज लोक ले जा रहे थे मनासा रामपुरा रोड नाका पर गाड़ी का पहिया टूटता है मां पार्वती का वही विराजित हो जाती है ।तीसरी गाड़ी में नांदिया महाराज को ले जाया जा रहा था जो मनासा कोर्ट में नांदिया महाराज जिस गाड़ी में विराजित थे उस गाड़ी का पहिया वही टूटता है और नांदिया महाराज वही विराजित होते हैं ऐसा बुजुर्गों ने हमें किस्सा सुनाया था। हमारे गांव नगर के बुजुर्ग वरिष्ठ बद्री लाल पटेल रामनारायण आतरीया तुलसीराम मालवीय विष्णु पुरोहित घनश्याम भावसार सर एवं मंदिर पुजारी कैलाश गोस्वामी एवं सहयोगी राजू गोस्वामी ने भी यही बताया।