जिनकी कामनाएं शांत नहीं होती उनका मन भटकता रहता है – संत श्री ज्ञानानंदजी महाराज

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केशव सत्संग भवन में चल रहे है चार्तुमासिक प्रवचन
मन्दसौर। नगर के खानपुरा स्थित श्री केशव सत्संग भवन में चातुर्मास हेतु ज्ञानानंदजी महाराज हरिद्वार विराजित है जिनके मुखारविन्द से प्रतिदिन श्रीमद भागवत कथा के एकादश स्कंद का वाचन किया जा रहा है, जिसका श्रवण करने के प्रतिदिन प्रातः 8.30 बजे से 10 बजे तक बडी संख्या में धर्मालुजन पधार रहे है।
सोमवार को धर्मसभा में संतश्री ज्ञानानंदजी महाराज ने कहा कि कई लोग अपने जीवन में भगवान की भक्ति नहीं कर पाते ओर अपना पूरा जीवन व्यर्थ कर देते है। ऐसा इसलिए होता है कि व्यक्ति अपनी कामनाओं पर काबू नहीं रख पाता है। आपने बताया कि जब तक कामनाओं पर काबू नहीं करोगे तब तक मन इधर उधर भटकता रहेगा। आज का मनुष्य और अधिक की चाह में बस दिनभर भागता रहता है संतुष्टि उसके जीवन में नहीं होती है इसलिए वह भगवान का भजन भी नहीं कर पाता है।
धर्मसभा में संतश्री ने बताया कि युवा अवस्था में अविवेक, प्रभुत्व और अधिक धन आने से व्यक्ति अनर्थ के पथ पर चला जाता है क्योंकि जोश मे होश खो देता है। कम उम्र में आया प्रभुत्व और अधिक पैसा व्यक्ति को अभिमानी बना देता है इसलिए प्रभुत्व आने और पैसा आने पर अभिमानी नहीं होना चाहिए। आपने का कहा कि व्यक्ति का घर भर जाता है लेकिन मन नहीं भरता हमारे जीवन में पूरा खेल मन का ही है। इसलिए मन को शांत को करो इसे स्थिर करो और इसे प्रभु भक्ति में लगाओं। धर्मसभा के अंत में भगवान की आरती कर प्रसाद वितरण किया गया। सोमवार को प्रसाद के लाभार्थी सत्यनारायण सोमानी और उमाशंकर जटिया रहें।
धर्मसभा में केशव सत्संग भवन के अध्यक्ष जगदीशचंद्र सेठिया, सचिव कारूलाल सोनी, वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश जोशी, बंशीलाल टांक, मदनलाल गेहलोत, प्रवीण देवडा, कमल देवडा, इंजि आर सी पाण्डेय, राव विजयसिंह, शिवशंकर सोनी, प्रद्युमन शर्मा, घनश्याम भावसार सहित बडी संख्या में महिलाएं पुरूष उपस्थित थे।