मोदी सरकार ने पश्चिम बंगाल, हरियाणा और उत्तराखंड में नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के तहत नागरिकता देना शुरू कर दिया। गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि तीनों राज्यों के आवेदकों को संबंधित राज्य की अधिकार प्राप्त समिति द्वारा नागरिकता प्रदान की गई। हालांकि, कुल कितने लोगों को नागरिकता दी गई है, अभी तक इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।
इससे पहले 15 मई को CAA के तहत पहली बार 14 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई थी। केंद्र सरकार ने 11 मार्च 2024 को CAA देशभर में लागू किया था। CAA के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है।
दरअसल, 10 दिसंबर 2019 को सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल (CAB) लोकसभा से और अगले दिन राज्यसभा से पारित हुआ था। 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के बाद CAA कानून बन गया था।
ममता बनर्जी समेत देश के कई विपक्षी नेता लगातार CAA का विरोध कर रहे हैं। अप्रैल में ममता ने CAA को मानवता का अपमान और राष्ट्र के मूलभूत सिद्धांतों के लिए खतरा बताया था। उनका कहना था कि वह बंगाल में कभी भी CAA लागू होने नहीं देंगी।