रतलाममध्यप्रदेश

समाचार रतलाम मध्यप्रदेश 20 नवंबर 2022

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विधायक श्री मकवाना ने जल जीवन मिशन की 7 करोड़ से अधिक लागत की

5 नल जल प्रदाय योजनाओ का भूमिपूजन किया

रतलाम । ग्रामीण विधायक श्री दिलीप मकवाना एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा जल जीवन मिशन अंतर्गत रतलाम ग्रामीण में 7 करोड़ से अधिक लागत की 5 नल जल प्रदाय योजना का भूमिपूजन किया गया जिनमे ग्राम पलसोड़ी में 281.60 लाख, ईसरथुनी में 119.50 लाख, मेवासा में 105.66 लाख, भदवासा में 141.62 लाख तथा नेगरदा में 99.23 लाख रूपए लागत के कार्य शामिल हैं।

विधायक श्री मकवाना ने इस अवसर पर कहा कि जल्द ही जल संकट की समस्या से निजात मिल जाएगी। रतलाम ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के 80 प्रतिशत ग्रामो को जल जीवन मिशन की योजना से जोड़ा गया है और जल्द ही संपूर्ण ग्रामो को नल जल योजना से जोड़कर हर घर को नल की टोटी के माध्यम से शुद्ध जल उपलब्ध कराया जाएगा। माता, बहनों को पानी लेने के लिए घर से दूर नहीं जाना पड़ेगा। पहले माता, बहनों का सारा समय पानी भरने में ही निकल जाता था किंतु अब ऐसा नहीं होता है, हमारी बेटियों को भी स्कूल पढ़ने जाने के लिए समय मिल जाता है।

इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्री सत्यनारायण पाटीदार, जनपद अध्यक्ष श्रीमती साधना जयसवाल, श्री विक्रमसिंह लुनेरा, सांसद प्रतिनिधि श्रीमती भारतीय पाटीदार, जनपद उपाध्यक्ष श्री हितेंद्र भाटी, श्री आशीष धाकड़, श्री अशोक धाकड़, श्री विकास पारगी, सरपंच श्रीमती सीमा पारगी, श्री देवीलाल अमलियार, श्री डी.सी. कथिरिया, श्री एम.के. पंडित, श्री अर्पित चतर, बबन बेनल आदि उपस्थित थे। सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग श्री एस.के. मईडा ने नल जल योजना की विस्तृत जानकारी दी। जिला सलाहकार आनंद व्यास ने अतिथियो का परिचय दिया।

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दिशा समिति की बैठक स्थगित

रतलाम ।सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे ने बताया कि सांसद श्री गुमानसिंह डामोर की अध्यक्षता में 21 नवम्बर को होने वाली दिशा समिति (जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण कमेटी) की बैठक अपरिहार्य कारणों से स्थगित हो गई है। बैठक की आगामी तिथि की सूचना पृथक से दी जाएगी।

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हस्तकला प्रदर्शनी में उत्पाद सुंदर होने के साथ ही टिकाऊ भी : महापौर श्री पटेल

कला को देखें, परखें और उसका लाभ उठाएं : सीईओ श्रीमती भिड़े

रतलाम ।देश में हस्तशिल्प कला को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध हैं। हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम भोपाल द्वारा किया जाने वाला यह प्रयास अद्भुत और अनूठा है। हस्तकला प्रदर्शनी और मेले में हर उत्पाद सुंदर होने के साथ ही टिकाऊ भी है। शिल्पकारों के शिल्प को रतलाम के पारखी लोग तवज्जो देते हैं।

यह बात महापौर श्री प्रहलाद पटेल ने संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम भोपाल के द्वारा रोटरी हॉल अजंता टॉकीज रोड में आज से शुरू हुई हस्तशिल्प एवं हथकरघा मेला प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर कही। इस मौके पर जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जमुना भिडे भी उपस्थित थी। श्री पटेल ने कहा कि शिल्पकारों ने संस्कृति को सहज रखने के साथ ही कला को सहेजकर अपनी गुणवत्तापूर्ण सामग्री देने के ही उन्हें स्वास्थ्य और सौंदर्य से परिपूर्ण वस्तुएं भी उपलब्ध कराई है। भारत और प्रदेश सरकार का यह प्रयास है के इस प्रकार हजारों वर्षों पुरानी कलात्मक सामग्री को निरंतर बाजार मिलता रहे और संस्कृति के साथ कला भी जीवित रहे।

जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती भिडे ने कहा कि एक छत के नीचे इतने कलाकारों का रतलाम के लोगों के समक्ष उपस्थित होना ही विशिष्ट बात है। आज के मशीनी युग में अपने हाथ से सुंदर और कलात्मक सामग्री का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने आग्रह किया कि वे कला को देखें, परखें और उसका लाभ उठाएं। उद्घाटन के बाद अधिकारियों ने प्रदेश के शिल्पियों के स्टाल पर पहुंचकर उनके द्वारा निर्मित कलात्मक सामग्री का अवलोकन किया। उन्होंने निर्माण से लेकर विपणन तक की सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधा का जिक्र किया।

मेला प्रभारी श्री दिलीप सोनी ने कहा कि हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम के लगातार 16 वर्षों से यह प्रयास कर रहा है कि रतलाम में विभिन्न प्रकार की कलाओं का पसंद किए जाने वाले नागरिक उपस्थित हैं। ऐसे में रतलाम के कला प्रेमी दोपहर 11:00 बजे से रात 9:00 बजे तक सुंदर सजावट, स्वास्थ्य तथा फैशन के अनुरूप हाथ से निर्मित सामग्री का अवलोकन कर सकते हैं। यह मेला सभी कलाप्रेमियो के लिए नि:शुल्क है।

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21 नवंबर से 27 नवंबर तक मनाया जाएगा नवजात शिशु सप्‍ताह

रतलाम । स्वास्थ्य विभाग द्वारा रतलाम जिले में 21 से 27 नवंबर तक नवजात शिशु सप्‍ताह का मनाया जाएगा। कार्याक्रम के अंतर्गत जिले में एसएनसीयू (नवजात शिशु गहन चिकित्‍सा ईकाई) तथा ब्‍लॉक की स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थाओं में एनबीएसयू तथा प्रसव केंद्रों पर एनबीसीसी का चेकलिस्‍ट अनुसार असिस्‍मेंट किया जाएगा। नवजात शिशु देखभाल के संबंध में गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल माताओं को स्‍तनपान की सलाह देना, टीकाकरण बर्थ डोज, साफ सफाई खतरे के आम चिन्‍ह, कंगारू मदर केयर एसएनसीयू से डिस्‍चार्ज शिशुओं का गृह आधारित फॉलोअप अभिभावकों को प्रेरित करने से बाल मृत्यु दर में कमी लाई जाएगी ।

सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ 21 नवंबर को प्रात: 11 बजे से एमसीएच अस्‍पताल के प्रथम तल पर एसएनसीयू के पास किया जाएगा। शिशु जन्‍म के समय स्‍तनपान, छ: माह तक केवल स्‍तनपान (पानी, शहद, दूध, घुटटी कुछ नहीं), छ: माह बाद पूरक पोषाहार जैसे दलिया, चावल आदि, दो वर्ष तक नियमित स्‍तनपान अथवा शिशु जब तक चाहे, कंगारू मदर केयर, इंजेक्‍शन जेंटामाईसिन एमाक्‍सीसिलीन का उपयोग (चिकित्‍सीय परामर्श अनुसार) एसएनसीयू, एनबीएसयू, एनबीसीसी में नवजात शिशु की देखभाल और डिस्‍चार्ज शिशुओं का फालोअप, समय पर टीकाकरण, आशा द्वारा गृह आधारित नवजात शिशु की देखभाल, शिशु जन्‍म के तीसरे, पांचवे, सातवें, चौदहवे, ईक्‍कीसवें, अठाईसवे दिन की जाना आदि ऐसे महत्‍वपूर्ण हस्‍तक्षेप हैं जिनके क्रियान्‍वयन से नवजात शिशु की मृत्‍यु दर में उल्‍लेखनीय कमी लाई जा सकती है। अभियान में इन सभी गतिविधियों पर घ्‍यान केन्द्रित किया जाएगा।

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21 नवंबर से 4 दिसंबर तक किया जाएगा, पुरुष नसबंदी पखवाड़े का आयोजन

रतलाम ।परिवार कल्याण कार्यक्रम भारत शासन की महत्वपूर्ण नीतिगत गतिविधि है । परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 21 नवंबर से 4 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़े का आयोजन किया जाएगा। पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर योग्य दंपत्ति को बास्केट ऑफ चॉइस के आधार पर परिवार कल्याण साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा और उनकी इच्छा अनुसार परिवार कल्याण संबंधी सेवाएं निशुल्क प्रदान की जाएगी।

सीएमएचओ डॉ प्रभाकर ननावरे ने बताया कि पुरुष नसबंदी कार्यक्रम की इस वर्ष की थीम ”अब पुरुष निभाएंगे जिम्मेदारी, परिवार नियोजन अपनाकर दिखाएंगे अपनी भागीदारी” निर्धारित की गई है। पखवाड़े के दौरान जिला चिकित्सालय सहित स्वास्थ संस्थाओ में पुरुष नसबंदी के इच्छुक हितग्राहियों को सेवाएं प्रदान की जाएंगी। परिवार कल्याण कार्यक्रम अंतर्गत पुरुष नसबंदी के लिए हितग्राही को 3 हजार रूपए की राशि, प्रसव पश्चात 7 दिन के भीतर ऑपरेशन कराने वाली महिला हितग्राही को 3 हजार रूपए की राशि, सामान्य रूप से महिला नसबंदी कराने वाले हितग्राही को 2 हजार 200 रूपए की राशि, अंतरा इंजेक्शन लगवाने वाले महिला हितग्राही को 100 रूपये की राशि प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त आईयूसीडी, प्रसव पश्चात आईयूसीडी तथा निरोध एवं माला एन तथा छाया की गोलियों आदि संबधी साधन अपनाने के लिए भी दंपत्तियों को प्रेरित किया जाएगा तथा उनको उनकी इच्छा अनुसार साधनों के संबंध में सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर जी. आर. गौड़ ने बताया कि पुरुष नसबंदी अनचाहे गर्भ से बचने का सबसे आसान तथा असरदार तरीका है, नसबंदी के बाद शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा, लिंग मे तनाव, चरम सीमा का आनंद तथा वीर्य की मात्रा जस की तस बनी रहती है। बिना शुक्राणु के गर्भधारण नहीं हो पाता है। दर्द रहित बिना टाका बिना चीरा बेहद आसान पद्धति है। केवल 20 मिनट लगते हैं, अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं रहती है। नसबंदी के बाद पुरुष अकेला चलकर घर जाने की स्थिति में होता है। शारीरिक कमजोरी नहीं आती है। यौन क्षमता में कोई कमी नहीं आती। पुरूष नसबंदी की सुविधा के लिए नजदीकी शासकीय अस्पताल में संपर्क कर सकते हैं ।

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