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चौमहला में श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन शिव–पार्वती विवाह की मनमोहक झांकी, कथा में कलियुग पर विस्तार से हुआ वर्णन

चौमहला में श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन शिव–पार्वती विवाह की मनमोहक झांकी, कथा में कलियुग पर विस्तार से हुआ वर्णन

चौमहला/झालावाड़

रिपोर्टर रमेश मोदी

कस्बे के सत्यनारायण मंदिर प्रांगण में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा तीसरे दिन में प्रवेश कर गई। आज की कथा का मुख्य आकर्षण शिव–पार्वती विवाह की मनमोहक झांकी रही, जिसमें शिव विवाह का भव्य मंचन किया गया।

कथा के दौरान महिलाओं ने पारंपरिक हाथलेवा प्रथा के अंतर्गत मुक्तहस्त से कन्यादान किया। दहेज स्वरूप बर्तन, आभूषण एवं नकद राशि भेंट की गई।

व्यास गद्दी पर विराजित कथा वाचक दीपक उपाध्याय महाराज ने प्रवचन में कहा कि कलियुग में गुरु के बिना गोविंद की प्राप्ति संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आज हर घर में किसी न किसी रूप में कलियुग का क्लेश प्रवेश कर गया है, जिससे बचने का एकमात्र उपाय मौन धारण करना है। मौन को उन्होंने कलियुग रूपी क्लेश से बचने का सबसे बड़ा हथियार बताया।

आज की कथा में राजा परीक्षित प्रसंग, भरत चरित्र, शिव–पार्वती विवाह एवं कलियुग के स्वरूप पर विस्तार से वर्णन किया गया। मधुर भजनों पर महिलाएं भावविभोर होकर झूम उठीं और भक्ति रस का आनंद लिया।

कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की उपस्थिति से वातावरण भक्तिमय बना रहा।

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