मध्यप्रदेशभोपाल

केंद्र सरकार ने जारी की अफीम नीति 2025-26, किसानों के लिए नई शर्त तय

केंद्र सरकार ने जारी की अफीम नीति 2025-26, किसानों के लिए नई शर्त तय

अक्टूबर से शुरू होगा नया अफीम फसल वर्ष

नीमच। देशभर के अफीम पोस्त किसान लंबे समय से जिस घोषणा का इंतजार कर रहे थे, उस पर आखिरकार ने मुहर लगा दी है। केंद्र सरकार ने अफीम वर्ष 2025-26 के लिए नई अफीम पोस्त खेती नीति अधिसूचित कर दी है। यह नीति के नियम 8 के तहत अधिसूचित की गई है। इसके तहत पूरे देश में अफीम पोस्त की खेती 1 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 30 सितम्बर 2026 तक की जाएगी। इस दौरान खेती केवल उन्हीं किसानों को करने दी जाएगी जो केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित पात्रता शर्तें पूरी करते हों और जिन्हें विधिवत लाइसेंस जारी किया जाएगा।

खेती का स्थान केवल अधिसूचित क्षेत्रों में

सरकार ने स्पष्ट किया है कि अफीम पोस्त की खेती केवल उन्हीं जिलों और तहसीलों में की जा सकेगी जिन्हें केंद्र सरकार ने अधिसूचित क्षेत्र घोषित किया है। इन क्षेत्रों के बाहर किसी भी किसान को खेती की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह व्यवस्था अफीम उत्पादन पर नियंत्रण बनाए रखने और अवैध खेती को रोकने के उद्देश्य से की गई है।

पात्रता की शर्तें हुई सख्त

इस बार पात्रता शर्तों को और कड़ा कर दिया गया है। केवल वे किसान पात्र माने जाएंगे जिन्होंने फसल वर्ष 2024-25 में अफीम पोस्त की खेती की हो और जिनकीप्रति हेक्टेयर औसत मॉर्फिन उपज 4.2 किलोग्राम या उससे अधिक रही हो। इसके अलावा वे किसान भी पात्र होंगे जिन्होंने फसल वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में अपनी पूरी फसल की जुताई सरकार की निगरानी में करवाई हो, जबकि 2021-22 में उन्होंने ऐसा नहीं किया था। जिन किसानों की अपीलें 2024-25 में मंजूर हुई हैं, उन्हें भी इस बार मौका मिलेगा। ऐसे किसान जो 2024-25 में पात्र थे, लेकिन किसी कारणवश उन्हें लाइसेंस नहीं मिला या उन्होंने खेती नहीं की, वे भी आवेदन कर सकते हैं। जिन किसानों का निधन हो गया है, उनके विधिक उत्तराधिकारी भी फॉर्म-1 में दर्ज नाम या जिला अफीम अधिकारी की अनुमति से पात्रता प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा ऐसे किसान भी पात्र होंगे जिन्होंने पिछली बार पोस्त भूसा उत्पादन किया और प्रति हेक्टेयर 900 किलोग्राम या उससे अधिक औसत उपज दी हो।

लाइसेंस मिलने की अनिवार्य शर्तें-

सरकार ने स्पष्ट किया है कि पात्रता के साथ-साथ कुछ कठोर शर्तें भी पूरी करनी होंगी।

2024-25 में खेती के दौरान लाइसेंसशुदा क्षेत्र से 5 प्रतिशत से अधिक अतिरिक्त क्षेत्र में खेती नहीं की गई होनी चाहिए।

किसान किसी भी समय अवैध अफीम पोस्त खेती या के तहत किसी अपराध में शामिल नहीं रहा हो।

किसान के खिलाफ कभी भी किसी सक्षम न्यायालय में मादक पदार्थों से जुड़ा कोई आपराधिक आरोप लंबित न रहा हो।

किसान ने पिछले वर्ष (एनसीबी) या स्वापक आयुक्त द्वारा जारी किसी भी आदेश का उल्लंघन नहीं किया हो।

खेती का अधिकतम क्षेत्र तय

नीति के अनुसार, इस बार पात्र किसानों को अधिकतम 0.10 हेक्टेयर (10 आरी) क्षेत्र में अफीम पोस्त की खेती का लाइसेंस दिया जाएगा। यह क्षेत्र एक ही भूखंड में होगा, लेकिन यह भूखंड कई खसरा नंबरों में फैला हो सकता है।किसान चाहें तो दूसरों की भूमि को किराए/पट्टे पर लेकर भी खेती कर सकते हैं, बशर्ते कुल क्षेत्र 10 आरी से अधिक न हो। खेती से संबंधित समस्त दस्तावेज और भू-स्वामी की सहमति प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

अफीम नीति 2025-26 की विशेषताएं-

नई अफीम नीति में सरकार ने किसानों को दो श्रेणियों में बांटा है—

1-चिराई (लांसिंग) करने वाले किसान

2- बिना चिराई (सिर्फ पोस्त भूसा उत्पादन) करने वाले किसान**

3- चिराई करने वाले पात्र किसानों को 10 आरी का लाइसेंस मिलेगा।

4- बिना चिराई करने वाले किसानों को केवल 5 आरी क्षेत्र का लाइसेंस मिलेगा।

5- जिन किसानों ने पिछले साल 90 किलो से अधिक डोडा (पोस्त भूसा) उत्पादन दिया है, उन्हें इस बार चिराई की श्रेणी में 10 आरी का क्षेत्र मिलेगा।

जिन किसानों ने 2024-25 में 4.2 किलोग्राम/हेक्टेयर या उससे अधिक मॉर्फिन उपज दी है, उन्हें भी सीधे चिराई श्रेणी में 10 आरी का लाइसेंस दिया जाएगा। सरकार का उद्देश्य:सरकार का कहना है कि अफीम पोस्त की खेती पर कड़ा नियंत्रण बनाए रखना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और अवैध खेती पर रोक लगाना इस नई नीति का मुख्य उद्देश्य है। नीति के तहत सभी किसानों को समय पर पंजीयन कराना होगा और खेती की संपूर्ण प्रक्रिया सरकार की निगरानी में होगी।इस प्रकार, अफीम वर्ष 2025-26 के लिए जारी नई नीति किसानों के लिए सख्त पात्रता और कड़े अनुशासन की शर्तों के साथ आई है। माना जा रहा है कि इस कदम से देश में अफीम उत्पादन को सुव्यवस्थित करने और अवैध खेती पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

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