मध्य प्रदेश में कर्मचारियों के प्रमोशन पर ग्रहण, 9 साल पूरे और कितना इंतजार

मध्य प्रदेश में कर्मचारियों के प्रमोशन पर ग्रहण, 9 साल पूरे और कितना इंतजार
भोपाल। मध्य प्रदेश में कर्मचारियों के पदोन्नति का रास्ता खुलने के पहले ही अड़ंगा लग गया है पदोन्नति में आरक्षण के मामले में कर्मचारी संगठनों की मान मनोव्वल के बीच अब खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इस खाली पदों को भरने से सीधा फायदा अब बाहर के अफसरों को मिलने जा रहा है मध्य प्रदेश मंत्रालय के सेक्शन ऑफिसरों के 15 खाली पदों को ऑडिट डिपार्टमेंट के अधिकारियों को भरा जा रहा है। इसका नुकसान उन कर्मचारियों को होगा, जो पदोन्नति का पिछले 9 सालों से इंतजार कर रहे थे।
15 पदों को प्रतिनियुक्ति से भरा जाएगा:
मध्य प्रदेश मंत्रालय में वित्त विभाग में सेक्शन ऑफिसर के 15 पदों को ऑडिट विभाग से आने वाले सहायक लेखा अधिकारी और लेखा अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लाकर भरे जाने की तैयारी की जा रही है। हालांकि प्रतिनियुक्ति से पद भरे जाने के पीछे वित्त विभाग द्वारा तर्क दिया ज रहा है कि इससे फाइनेंस की समझ रखने वाले अच्छे अफसर मंत्रालय को मिल सकेंगे और वित्तीय प्रबंधन का काम बेहतर तरीके से हो सकेगा पदों को प्रतिनियुक्ति से भरे जाने का सीधा झटका उन कर्मचारियों को लगा है, जो प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे के चलते पिछले 9 सालों से प्रमोशन का रास्ता देख रहे हैं।
इस फैसले से 49 पद सीधे प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि सहायक ग्रेड 1 कर्मचारी ही प्रमोट होकर सेक्शन ऑफिसर बनते हैं. इसी तरह सहायक ग्रेड 2 के कर्मचारी प्रमोट होकर सहायक ग्रेड 1 बनते हैं।
कर्मचारियों का विरोध, सीएम से मिली सहमति:
बताया जा रहा है वित्त विभाग के 15 पदों को प्रतिनियुक्ति से भरे जाने के लिए वित्त विभाग के प्रमुख सचिव ने फाइल को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पास भेजा और उनकी सहमति के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने भी इसे हरी झंडी दे दी उधर सरकार के इस फैसले का कर्मचारियों ने विरोध जताया है मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक के मुताबिक वित्त विभाग से इस तरह पद भरे जाने के बाद मंत्रालय के दूसरे विभागों में भी इसी तरह पद भरना शुरू हो जाएंगे इससे नुकसान उन कर्मचारियों का होगा, जो प्रमोशन नहीं पा सके पदोन्नति से पद भरे जाने के बाद निचले कर्मचारियों का क्या होगा, सरकार को सोचना चाहिए।