आलेख/ विचारमंदसौरमध्यप्रदेश
लाठिया भांजी, हाथ पैर तोड़ दिये लेकिन राम के प्रति भक्ति और जोश कम नहीं हुआ
प्रथम कारसेवा में अयोध्या का संघर्ष का आंखों देखा हाल बताते हुवे दिलीप सेन निडर ने कहा
– दिलीप सेन निडर
कैलाशपुर सीतामऊ जिला मंदसौर म.प्र
22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा आयोजित हो रही है। श्री राम मंदिर निर्माण और मंदिर आंदोलन विगत 500 वर्षों से जारी था लाखों लोगों ने श्री राम मंदिर हेतु अपना बलिदान दिया।
मैं दिलीप सेन निडर पिता श्री स्व. मोहनलाल जी सेन कयामपुर नाहरगढ़ जिला मंदसौर से अविभाजित मंदसौर जिले से 1990 में सभी वरिष्ठ श्री राम भक्त कर सेवकों के साथ सुवासरा ट्रेन से राजस्थान के भरतपुर में पहुंचे वहां पर हमारी बैठक हुई हमारे वरिष्ठ अधिकारियों ने निर्देश दिए हमें क्या-क्या करना है मैं उसे वक्त राष्ट्रीय स्वयं संघ का कैलाशपुर खंड का खंड कार्यवाह था मैं कर सेवा में वाहिनी प्रमुख था मेरे पास भी एक कर सेवकों का जातथा था। वहां से हम फतेहपुर सीकरी गए रेल की पटरी के सारे सारे हमने फतेहपुर सीकरी पर की वहां से जैसे तैसे आगरा पहुंचे आगरा से छिपते छिपाते चिनहट लखनऊ पहुंचे वहां जाने के बाद में मालूम पड़ा की श्री राम रथ यात्रा के प्रमुख श्री लाल कृष्ण आडवाणी जी को गिरफ्तार कर लिया गया है एवं लोकप्रिय हमारे शंकराचार्य जी 1008 श्री दिव्यानंद जी महाराज भानपुरा पीठाधीश्वर जी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है अतः हमें सचेत हो जाना चाहिए हम फिर चिनहट लखनऊ से हम टूंडला गए टूंडला में हम सभी कर सेवक दो-दो हो गए हमारे साथी बिछड़ गए हमारे साथ परम संत कैलाशपुर कयामपुर के 1008 श्री राघव दास जी महाराज पंचमुखी हनुमान मंदिर भी थे टूंडला से इटावा गए इटावा में जिस ट्रेन में हम बैठे थे वह पूरी ट्रेन कार सेवकों से भरी थी जैसे ही किसी कार सेवक ने जय श्री राम कहा कि पुरी ट्रेन में बैठे कर सेवकों को खींच खींच कर पुलिस वालों ने लाठीचार्ज करके गिरफ्तार कर लिया।
मैं दिलीप सेन निडर एवं महेश बैरागी दोनों ट्रेन में जैसे तैसे बच गए वहां से गोंडा गए फिर पैदल पैदल बाराबंकी गए बाराबंकी से साक्षात श्री हनुमान जी महाराज हम दोनों को 25 किलोमीटर एक गांव में पैदल पैदल गए। फिर रात्रि में हम वहां से जंगल के रास्ते से अयोध्या की ओर पैदल-पैदल कुछ किया। रात्रि में हम एक खाली में जहां बहुत पानी था उसे तैरकर पार किया। फिर जैसे तैसे अयोध्या के के सरयू पुल पर पहुंचे निडर व बैरागी दोनों सबसे आगे चले गए थे हम रोज आगे बढ़ रहे थे जो कार सेवकों के प्रांत व्यवस्था के अनुसार मध्य प्रदेश सबसे पीछे था। हम दोनों सबसे आगे चले गए थे लाठी चार्ज भी सबसे पहले हमें लगी वहां पर सरयू पुल पर सुबह पहले पहुंच गए थे
हम प्रात काल 5.00 बजे वहां पर कुछ पत्रकार अमर उजाला के जीप में बैठे थे कवरेज कर रहे थे मैंने उनसे बोला मैं एक हिंदू हूं कार सेवक हूं साथ में पत्रकार भी हूं मैंने मेरे पास अखबार के परिचय पत्र पड़े थेआईसी पड़े थे उनको दिखाएं मैंने कहा हिंदू होने के नाते रामकाज करूंगा कर सेवा करूंगा और पत्रकार होने के नाते पत्रकारिता करूंगा
जब मेरा साथी घायल हुआ मैं उसके लिए पानी लेने गया और पानी पिलाई रहा था कि उसे मुझे भी लट पड़ा मैं भी घायल हो गया हम दोनों बेहोश थे जैसे तैसे हमें पत्रकार सरयू नदी के उसे पर एक अस्पताल में ले गए वहां पर हमारे इलाज हुआ जब मैं बोलने लगा तो टीवी चौनलों के पत्रकार मुझे पूछने लगे की क्या नाम है कहां से आए हो क्यों आए हो तो मैंने बोला कि मेरा नाम दिलीप सेन निडर पत्रकार पिता श्री मोहनलाल जी सेन कयामपुर नाहरगढ़ जिला मंदसौर मध्य प्रदेश का हूं एवं राम कांच कर सेवा के लिए आया हूं
यहां के यूपी के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह एवं विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री कहते थे कि अयोध्या में परिंदा पर नहीं मार सकता है तो मैंने कहा की कहां गया मुलायम सिंह एवं विश्वनाथ प्रताप सिंह आज लाखों की तादात में कर सेवक अयोध्या को घेरे हुए है। मैंने बहुत आवेश में उन पत्रकारों को जवाब दिया फिर हम दोनों लड़का आते हुए श्री राम मंदिर ढांचे की ओर प्रस्थान किया
वहां पर मैंने अपनी आंखों से देखा कि पुलिस हमारे कर सेवकों को लाठियां से पीट रहे हैं गोलियां चला रहे हैं अश्रु गैस से गोली फोड़ रहे हैं हम दोनों कफन बांध कर गए थे हम तो रामकाज कार सेवा के लिए आए हैं। आगे बढ़ते गए हमें भी लाठियां लगी हमारे भी हाथ पैर टूट गए पैरों में धुन दिए। मैंने बहुत कुछ देखा उसके बाद हमें बेहोश की हालत में श्री राम अस्पताल अयोध्या में भर्ती क्या पता किसने कराया मैं बहुत दिनों तक वहां पर अस्पताल में भर्ती रहा जब तक ठीक नहीं हुआ फिर ढाई महीने बाद में अपने घर कयामपुर नाहरगढ़ आया प्रथम कर सेवा में 30 अक्टूबर 1990 को 9.45 बजे अयोध्या में सरयू के उसे पर अयोध्या में पहुंच गया था घायल अवस्था में मंदसौर जिला एवं मध्य प्रदेश से हम दोनों कर सेवक 30 अक्टूबर को सही समय पर अयोध्या पहुंच गए थे यह हमारे गौरव की बात हे