मंदसौरमंदसौर जिला
सड़कों पर घूम रहे गौवंश को पकड़ने में नपा से व्यावहारिक नीति बनाने की मांग

************************
ग्वाला समाज ने नगरपालिका पहुंचकर सौंपा ज्ञापन


गौ पालकों ने नपा पहुंचकर सीएमओ के नाम ज्ञापन ओएस अजय मारोठिया को सौंपा। जिसमें बताया की शहर में विचरण करने वाले गोवंश को आवारा बताकर नगर पालिका द्वारा जिस बेरहमी से पकड़कर वाहनों में भरकर कभी गौशालाओं कभी अन्य स्थान पर छोड़ा जा रहा है। गौवंश को पकड़ने के दौरान उन्हें चोट भी लग रही है, इसके बाद भी उनका उपचार नहीं करवाया जा रहा है। जिससे गोपालको में आक्रोश है। विगत कई दिनों से शहर में जिन गोवंशो को पकड़ा जा रहा है उसे कहां ले जाया जा रहा है, और वहां पर गौवंश के आहार की वहां क्या व्यवस्था है इस संबंध में तो गौपालकों को भी सूचना दी जा रही है। कार्रवाई के नाम पर गोवंश को घायल करने और भूखे मारने की स्थिति पैदा की जा रही है। गौशालाओं में गौवंश की क्या स्थिति है, प्रशासन को आकस्मिक निरीक्षण करना चाहिए। जिससे यह पता चल सके की गौशाला में गौ की सेवा हो रही है नहीं। ज्ञापन का वाचन नेमीचंद राठौर ने किया। विषय की जानकारी गोविंद सुरा ने प्रस्तुत की एवं आभार पिंटू ग्वाला ने व्यक्त किया। इस अवसर पर भोला दीवान, कैलाश सुरा, विनय दुबेला, शिव भमनिया, श्याम ग्वाला, बल्लू थम्मार, मंगल थम्मार, मिश्रीलाल ग्वाला, राजु हिनवार, अन्ना सुरा, प्रकाश हिनवार, ाराजा थम्मार, विनोद बानिया, राकेश थम्मार, राधेश्याम बानिया, विजय रियार, सांवलिया पडरिया, दुर्गेश चंदेल, दीपक मसानिया, प्रीतम भमनिया, पवन भमनिया, अजय रियार, रवि भमनिया, लाला सतोगिया, सोनू थम्मार, राधे थम्मार, घनश्याम सुरा, घनश्याम रियार, सोदरा सुरा, चंदाबाई हिनवार, कल्लाेबाई सफा, पार्वतीबाई, कल्लीबाई पडरिया, सुंदरबाई, अंगुरबाला हांस, राजू भाई ग्वाला, मंगला ग्वाला, गंगा थम्मार, राधा, ममता, ललिता हांस, चंदाबाई आदि उपस्थित थे।
गोपालकों की प्रमुख मांग
-शहर के सभी गौ पालको को इंदौर नगर निगम की तर्ज पर गौ पालन के लिए जगह और शेड बनाकर दिया जाए।
-गोवंश को चराने के लिए गोचर की भूमि गोपालको को प्रदान की जाए।
-24 घंटे गौवंश एक ही स्थान पर बांधकर नहीं रखा जा सकता है, कुछ देर छोड़ना ही होता है, सुबह 6 बजे शाम को 6 बजे तक छूट दी जाए।
-शहर में गौवंशों को पकड़ने के लिये कार्यवाही का समय निर्धारित किया जाए।
-गौ पालको को श्रीकृष्ण गोपाल कृष्ण गौशाला की सदस्यता दी जाए।
-पकड़ने के दौरान गोवंश घायल होता है तो उसका उपचार करवाया जाए ।