मंदसौर जिलासीतामऊ

सीतामऊ हांडिया बाग अमृत सेवा समिति के द्वारा गौमाता के गोबर से बनाई अति सुन्दर गणेश जी की मूर्तियां

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सीतामऊ -हांडिया बाग गौशाला सीतामऊ गो अमृत सेवा समिति के द्वारा बनाई गई गणेश चतुर्थी के पावन सुभ अवसर पर न कोई केमिकल न कोई अन्य सामग्री गौ माता के गोबर से बनाई 5000 हजार के लगभग गणेश जी की मूर्तियां सीतामऊ की हांडीया बाग गौशाला की गोअमृत सेवा समिति के द्वारा बनाई गणेश जी की सुंदर सी मूर्तियां पैसा भी कम वजन में कम न कैमिकल रंगों का प्रयोग न कोई अन्य सामग्री विगत वर्षो से पीओपी की मूर्तियों को लेकर प्रदूषण का डिंडोरा पीटने के नाम पर बहस बाजी चल रही है दूसरी ओर मिट्टी के गणेश भी खूब प्रचारित हो रहे है इसी तर्तमय में हांडीया बाग हनुमान गौशाला समिति की गौ अमृत सेवा समिति ने तीसरी तकनीक अपनाकर गणेश जी की मूर्तियों का निर्माण कर एक नया कारनामा कर दिया है यह गौमाता के गोबर से बनी मूर्तिया देखने मे भी अति सुन्दर सी लगती हे साथ ही वजन में भी हल्की सी लगती हे गोबर के अतिरिक्त इसमे अन्य किसी भी वस्तु का की मिलावट नही किया गया साथ ही गणेश जी पर जिन रंगों से प्रयोग किया गया है वो भी पूर्णतः ऑर्गेनिक है ताकि पर्यावरण दूषित नही हो

हांडीया गौशाला समिति की गों अमृत सेवा समिति के संचालक डाक्टर अर्जुन पाटीदार की टीम ने विगत दो वर्षो से मध्यप्रदेश की पहली गो एम्बुलेंस गो सेवा के लिए चला रखी है जो पूरे मन्दसौर जिले में कही भी घायल बीमार एक्सीडेंटल गौमाता को लाकर उपचार करती है और उक्त एम्बुलेंस का खर्च भी गोबर से निर्मित सामग्रियों से ही निकलता है इस गणेशोत्सव पर हांडीया बाग गोशाला द्वारा करीब 5000 के लगभग गोबर की अति सुन्दर छोटी बड़ी मूर्तियों का निर्माण किया गया है जो पूरे जिले में स्टॉल लगाकर सिर्फ लागत मूल्य में ही विक्रय की जाएगी और उससे होने वाली आय से गो एम्बुलेंस के साथ बीमार घायल गौमाताओ का उपचार होगा पिछले वर्ष भी 85 हजार के लगभग रुपये की मूर्तिया बनाई गई थी जो गो अमृत सेवा समिति द्वारा बनांकर बेचा गया था जो पूरी राशि लम्पि पीड़ित गोमाताओ के उपचार पर खर्च की गई वही इसबार भी 5000 गणेश जी की मूर्तियां बनाई गई

गौ अमृत सेवा समिति के डॉ अर्जुन पाटीदार,हंसराज पाटीदार गोशाला अध्यक्ष संजय लाला जाट ने बताया कि गौमाता के गोबर से बने गणेश जी की घर पर स्थापना करने से एक तो पॉजिटीव एनर्जी का संचार होता है दूसरा गौमाता के गोबर से बनी सामग्रियों को हिन्दू धर्म मे शुद्ध व श्रेष्ठ माना जाता है और गणेशोत्सव उपरांत यदि हम इन गोबर से बने गणेश जी को कुवें /तालाब/नदी में विसर्जित भी करे तो यह तुंरन्त गलकर मछलियों के भोंजन के रूप में परिवर्तित हो जाता है जिससे न जल प्रदूषित होता है उल्टा जलचर जिवो को आहार भी मिल जाता है और यदि कोई घर मे ही किसी पात्र में विसर्जन करे तो दो दिवस में ही मूर्ति खाद में परिवर्तित हो जाएगी जिसे आप गमले या बागवानी में उपयोग कर सकते है ।

श्री हांडया बाग गौशाला समिति सीतामऊ की गो अमृत सेवा समिति के द्वारा बनाये गए गोबर के गणेश जी को इस बार अपने घर ले जाकर स्थापना करे इससे अनेक लाभ होंगे एक तो आपको गणेश जी मिल जाएंगे,,दूसरा आपके द्वारा मूर्ति खरीदी हेतु दि गई छोटी सी राशि से गौ एम्बुलेस का खर्च भी निकलेगा व बीमार/घायल गौमाताओं की सेवा भी होगी ओर जब आप विसर्जन करेंगे तो जलचरों को भोंजन व पौधों को खाद भी मिल जाएगा है न कमाल की बात इसलिये एक मूर्ति छोटी से लेकर अधिकतम 03 फिट तक जो भी आप चाहे श्री हांडया बाग हनुमान गौशाला सीतामऊ से जरूर खरीदे ओर गोसेवा के साथ प्रकृति से जुड़ने का यह पुण्य लाभ कमाए क्योंकि आपकी राशि गौमाता की सेवा उपचार हेतु जा रही है दूसरा आपको मूर्ति भी मिल रही है तो गोअमृत सेवा समिति की इस मुहिम का हिस्सा बने व इस बार का गणेशोत्सव इकोफ्रेंडली मनाए।

यह भी खरीदे—सीतामऊ गौशाला से आप गोबर से बनी फ़ोटो फ़्रेंम/पूजा थाली/दिए/दीवाल घड़ी/साबुन/तेल/शेम्पू व अन्य सामग्री खरीद सकते है जो सभी गौमाता के गोबर से बनी हुई 100% शुद्ध ऑर्गेनिक है।। पूछताछ व अधिक जानकारी हेतु सम्पर्क करें—डॉक्टर अर्जुन पाटिदार –8435319129 व हंसराज जी पाटिदार–9893602142…नम्बर पर कॉल कर आप विस्तृत जानकारी ले सकते है।

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