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किशनगढ़ ताल
ठाकुर शंभू सिंह तंवर
पिछले सप्ताह राजस्व अधिकारियों के सामुहिक अवकाश पर जाने के निर्णय पर मुख्यमंत्री द्वारा उनके दल को दिये गये आश्वासन एवं पटवारियों की हडताल पर की गयी टिप्पणी से पटवारियों में रोष उत्पन्न हो गया है। विगत किये गये सामाजिक कार्यो के बाद आज पटवारियों ने बडी संख्या में धरनास्थल पर उपस्थित होकर मुख्यमंत्री के प्रति अपना आक्रोश नारेबाजी करके व्यक्त किया तथा 11 पटवारियों द्वारा मुख्यमंत्री के विरोध स्वरूप मुंडन करवाया गया।
मुंडन कराने वाले पटवारियों में मनोजसिंह मंडलोई, प्रकाश डिंडोर, कमरूसिंह चारेल, शैलेंद्र पाटीदार, कृष्णसिंह राजपूत, अजय चौहान, मयूर सूर्यवंशी, संजय ओरा, चंद्रशेखर, त्रिलोककुमार शर्मा, विनीत त्यागी प्रमुख रहे।
पटवारियों के आंदोलन को अपना समर्थन देने हेतु म.प्र. पंचायत सचिव महासंघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी दिलीप पाटीदार, वरिष्ठ नागरिक पेंशन महासंघ के भंवरलाल चौधरी, जिला पेंशनर एसोसियेशन के जगदीश सूर्यवंशी ने मंच साझा कर अपने विचार व्यक्त किये।
पटवारी संघ के जिला अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पाटीदार ने कहा कि पटवारियों की मांगे विगत 25 वर्षो से लंबित है एवं इसके निराकरण हेतु माह फरवरी से पटवारी संघ द्वारा विभिन्न माध्यमों से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिये जा रहे हैं। माह मई में हमने 3 दिवस का सामुहिक अवकाश लिया था एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रांताध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत किया था उस समय मुख्यमंत्री द्वारा कहा गया कि आप लोग हडताल मत करना। इसके पश्चात उज्जैन में माह जुलाई में संभाग के पटवारियों का एतिहासिक महासम्मेलन रखा गया था जिसमें केबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त सुल्तानसिंह शेखावत एवं म प्र राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के मुख्य अतिथि थे। उनके द्वारा भी आश्वासन दिया गया था कि 31 जुलाई के पूर्व पटवारी संघ की सभी मांगो का निराकरण कर दिया जायेगा। इस सब के बावजूद हमने 18 अगस्त को पुन: ज्ञापन दिया था कि मांगो के निराकरण न होने की दशा में 23 अगस्त से सभी पटवारी 3 दिवस के सामुहिक अवकाश पर जाकर मांगे न माने जाने पर 28 अगस्त से अंतिम कडी में हडताल पर चले जायेगे । लेकिन इस प्रदेश की बहरी सरकार पर कोई असर नहीं हुआ एवं अभी हडताल के 13 दिन बीत जाने पर भी सरकार द्वारा अडियल रवैया अपनाया जा रहा है एवं पटवारियों के बारे झूठ फैलाया जा रहा है, जिस कारण से आक्रोशित होकर हमारे पटवारी साथियों द्वारा सामुहिक मुंडन करवाया गया है।
क्या है अभी आक्रोश बढने का कारण– पद 1998 के अनुसार वेतनमान वर्तमान वेतनमान, तहसीलदार 3200 4200, नायब तहसीलदार 2800 3600, राजस्व निरीक्षक 2400 2800, पटवारी 2100 2100
सन् 1998 की तुलना में तहसीलदार एव नायब तहसीलदार के वेतन में दो बार एवं राजस्व निरीक्षक के वेतनमान में भी एक बार बढोतरी हो चुकी है। लेकिन पटवारी का वेतनमान आज भी वही है। साथ ही मकान भाडा भत्ता 258 रू, पेट्रोल भत्ता 300 रू एवं अतिरीक्त हलके का 500 रू प्रतिमाह मिलता है। राजस्व अधिकारीयों के अवकाश पर जाने की सूचना भर से मुख्यमंत्री द्वारा उनको आश्वस्त किया गया जबकि पटवारियों को बार बार आंदोलन करने पर एवं 2007 में मुख्यमंत्री द्वारा सनावद सम्मेलन में घोषणा किये जाने के बावजूद भी कोई हल नहीं निकला है।
सोमवार से होने वाले आंदोलन के बारे में पटवारी संघ के जिलाध्यक्षों एवं प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में निर्णय लिया जायेगा।