बरसात आने वाली है में झोपड़ी में गिला हो जाता हूं कोई तो मेरी कलेक्टर साहब से बात करा दो ताकी में उनसे बोल सकू मुझे मकान चाहिए

भगवान किसी भी इंसान को गरीब, बेसहारा,दुखी ना रखे वरना हर दुखी गरीब को ऐसी जिंदगी जिनी पड़ेगी
2019 से पहले क्षतिग्रस्त मकान में रहता था 2019 कि आपदा में मकान गिर गया तब से झोपड़ी में रह रहा हु कोई तो बात करादो कलेक्टर साहब से
श्याम ठाकुर
मल्हारगढ़ :- यह पीड़ा है मल्हारगढ़ तहसील की ग्राम पंचायत नापाखेड़ा के नागर पिपलीया गांव में रहने वाले मोहन लाल सुतार की जो कि पिछले कई सालों से एक झोपड़ी में अपना जीवन यापन कर रहे है ना गर्मी का डर ना सर्दी का डर ना बरसात का डर बस भगवान जैसे रखे उसमें अपना जीवन यापन कर।
कई सरपंच आये कई सरपंच गए पर आज तक इस गरीब बेसहारा असहाय दुखी इंसान की पीड़ा किसी ने नही सुनी बस जी रहे है भगवान भरोसे क्यो की जिम्मेदारों ने तो अपनी इंसानियत खो दी है।
ना आधार कार्ड है, ना राशन कार्ड है, ना ही समग्र आईडी है ये सब कागज नही है तो मकान नही मिलेगा पिछले कई सालों से यही सुनने को मिल रहा है।
विधानसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा जब गांव में दौरा करने आये थे तब गांव के युवाओं ने मोहन लाल सुतार की पीड़ा बताई थी वो भी आश्वासन देकर गए थे उसके बाद आज तक पलटकर नही देखा।
अगर मोहनलाल सुतार के राशन कार्ड नही है, आधार कार्ड नही है, समग्र आईडी नही है तो क्या मोहन लाल सुतार को मकान नही मिलेगा उनको जब तक जिंदा है तब तक इसी झोपड़ी में रहना पड़ेगा अगर ऐसा है तो फिर गरीब बेसहारा होना श्राप है।
पिछले कई सालों से मोहन लाल सुतार स्कूल के पास एक झोपड़ी में अपना जीवन गुजार रहे है खुद्दार इतने के भूखे मर जाये पर किसी का दिया ना खाते है ना ही लेते है सुतारी का छोटा मोटा काम कर 10,20 रुपये लेकर अपना जीवन गुजारते है कोई जूते पहनाए तो मना कर देते है कोई खाना खाने की बोले तो मना कर देते है कोई कपड़े लाकर देतो मना कर देते है हर बात पर एक ही बात मुझे जरूरत नही है।
ऐसे में कोई इनके लिए कोई मदद करना चाहे तो कैसे करे ऐसे में इनकी मदद प्रशासन को जरूर करनी चाहिए।
आज पूर्णिमा के दिन मोहनलाल सुतार ने खुद सुबह सुबह आगे रहकर बोला के कोई मेरी बात कलेक्टर साहब से करादो मुझे उनसे बोलना है के बरसात आने वाली है इस झोपड़ी में में गिला हो जाऊंगा उससे पहले अगर एक कमरा ही बन जाये तो सुकून मिल जाये।