
बजट 2025: किसानों के लिए ‘धन धान्य कृषि योजना’ का ऐलान, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाई
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में लगातार आठवीं बार केंद्रीय बजट 2025 पेश कर दिया इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रही है। पिछले 10 साल के हमारे विकास ट्रैक रिकॉर्ड और संरचनात्मक सुधारों ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। सीतारमण ने कहा कि भारत के पारंपरिक सूती उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा, कपास उत्पादन के लिए 5 साल सरकार का फोकस रहेगा और सरकार पीएम धन्य धान्य योजना लाएगी, जिससे 100 जिलों को फायदा मिलेगा कपास के प्रोडक्शन और मार्केटिंग पर फोकस किया जाएगा साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाई जाएगी।
पीएम धन्य धान्य योजना लाएगी सरकार
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, पीएम धन धान्य कृषि योजना कृषि जिलों का विकास कार्यक्रम है सरकार राज्यों के साथ साझेदारी में पीएम धन धान्य कृषि योजना शुरू करेगी मौजूदा योजनाओं और विशेष उपायों के कंवर्जन के माध्यम से, कार्यक्रम कम उत्पादकता, मॉडरेट क्रॉप इंटेंसिटी और औसत से कम क्रेडिट पैरामीटर वाले 100 जिलों को कवर करेगा इसका उद्देश्य सांस्कृतिक उत्पादकता को बढ़ाना है।
किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाई गई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि किसानों को क्रेडिट फ्लो को और बढ़ाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाएगा वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, यूरिया की सप्लाई को और बढ़ाने के लिए असम में यूरिया प्लांट स्थापित किया जाएगा असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाला प्लांट स्थापित किया जाएगा वहीं, पूर्वी क्षेत्र में 3 निष्क्रिय यूरिया प्लांट फिर से खोले जाएंगें
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए उद्यम विकास, रोजगार और वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के साथ-साथ युवा किसानों और ग्रामीण युवाओं के लिए नए रोजगार और व्यवसाय के सृजन में तेजी लाई जाएगी।
मछली पकड़ने को बढ़ावा
मछली पालन में भारत दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है सरकार अंडमान, निकोबार और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने को बढ़ावा देगी साथ ही कपास प्रोडक्शन मिशन के तहत प्रोडक्टिविटी में पर्याप्त बढ़ोतरी होगी और कपास के लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा दिया जाएगा उच्च पैदावार के लिए बीज मिशन चलाएं जाएंगे और किसानों को रिसर्च और उच्च पैदावार वाले बीजों की 100 से अधिक किस्मों को उपलब्ध कराया जाएगा।
मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान
वित्तमंत्री ने बिहार में मखाना प्रोडक्शन को बढ़ावा देने और किसानों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए एक स्पेशल मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान किया इस बोर्ड के जरिए मखाना किसानों को तकनीकी सहायता और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, इस बजट में प्रस्तावित विकास उपाय 10 व्यापक क्षेत्रों में फैले हैं, जो गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं पर केंद्रित हैं उन्होंने कहा कि ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन बनाते हैं और सभी को एक समावेशी विकास पथ पर साथ लेकर चलते हैं, विनिर्माण को बढ़ावा देते हैं और मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाते हैं।
वित्त मंत्री ने बताया सरकार का मकसद
केंद्रीय मंत्री ने संसद भवन में बजट पेश करने के दौरान दिए अपने भाषण में कहा कि, इस साल के बजट में सरकार का खास मकसद देश के किसानों, गरीबों, महिलाओं और युवाओं के जीवन को बेहतर करना है। इसके अलावा, इस बजट में सरकार ने रोजगार और नए इनोवेशन्स एरिया के लिए भी कई खास फैसले लिए हैं। उन्होंने अपने भाषण में बताया कि, कृषि क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने के अलावा एआई एजुकेशन के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoEs) की स्थापना वाले प्लान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि, पिछले वित्त वर्ष के दौरान एआई एजुकेशन के लिए तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का प्लान तैयार किया गया था और उसके लिए सरकार ने पिछले बजट में 255 करोड़ रुपये का आवंटन किया था, जैसा कि हमने आपको ऊपर भी बताया अब भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में एआई एजुकेशन प्लान के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने वाली योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है एआई के क्षेत्र में सरकार के इस कदम से भारत, दुनियाभर में चल रही एआई की रेस में आगे निकल सकता है।
मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी कर रहे हैं छात्रों के लिए खुशखबरी ! इस साल बढ़ेगी 10 हजार MBBS और PG सीट्स
नईदिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ससंद में आज बजट पेश किया इस बार इंजीनियरिंग और मेडिकल शिक्षा पर भी खास जोर दिया गया है। इसके तहत इस साल एमबीबीएस और पीजी के 10000 सीट्स बढ़ाने की घोषणा की गई है साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि आने वाले 5 सालों में एमबीबीएस और पीजी की 75000 मेडिकल सीट्स बढ़ेंगी इससे मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों में खुशी की लहर है।
बजट स्पीच में निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने बीते 10 सालों में 1.1 लाख एमबीबीएस और पीजी की सीट्स बढ़ाई है यह 130 फ़ीसदी की बढ़ोतरी 10 साल में हुई है। साल 2025-26 में देश के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस और पीजी की 10 हजार सीट बढ़ेंगी एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने इसे मेडिकल शिक्षा के लिए बेहतर बताया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में 779 मेडिकल कॉलेज में 1,17,950 एमबीबीएस सीट हैं, जबकि पीजी की सीट्स 72,000 हैं हालांकि, उन्होंने कहा कि सीट्स बढ़ाने के साथ-साथ फैकल्टी और सुविधाएं भी मेडिकल कॉलेज में बढ़ानी चाहिए एनएमसी की गाइडलाइन पूरी तरह से फॉलो होनी चाहिए।
एआई एजुकेशन के लिए बड़ा ऐलान, बजट बढ़ाकर किया 500 करोड़ रुपये
नई दिल्ली। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी 1 फरवरी 2025 को अपने कार्यकाल का आठवां बजट पेश किया इस बजट में केंद्रीय मंत्री ने कई नई चीजों का ऐलान किया, पुरानी चीजों में सुधार किया, लेकिन एक खास क्षेत्र में वित्त मंत्री के नई घोषणाओं का इंतजार पूरे देश को था, जिसका नाम आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई टेक्नोलॉजी है।
वित्त मंत्री ने इस साल के बजट में एआई एजुकेशन पर खास ध्यान देने के लिए एक नया प्लान बनाया है। उन्होंने इसके लिए एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का प्रस्ताव पेश किया और इसके लिए 500 करोड़ रुपये की मंजूरी दी आपको बता दें कि 2024 में पेश किए गए बजट के दौरान वित्त मंत्री ने एआई एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए 255 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जिसे अब बढ़ाकर लगभग दो गुना यानी 500 करोड़ रुपये कर दिया है।
वित्त मंत्री ने बताया सरकार का मकसद
केंद्रीय मंत्री ने संसद भवन में बजट पेश करने के दौरान दिए अपने भाषण में कहा कि, इस साल के बजट में सरकार का खास मकसद देश के किसानों, गरीबों, महिलाओं और युवाओं के जीवन को बेहतर करना है। इसके अलावा, इस बजट में सरकार ने रोजगार और नए इनोवेशन्स एरिया के लिए भी कई खास फैसले लिए हैं। उन्होंने अपने भाषण में बताया कि, कृषि क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने के अलावा एआई एजुकेशन के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoEs) की स्थापना वाले प्लान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि, पिछले वित्त वर्ष के दौरान एआई एजुकेशन के लिए तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का प्लान तैयार किया गया था और उसके लिए सरकार ने पिछले बजट में 255 करोड़ रुपये का आवंटन किया था, जैसा कि हमने आपको ऊपर भी बताया अब भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में एआई एजुकेशन प्लान के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने वाली योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है एआई के क्षेत्र में सरकार के इस कदम से भारत, दुनियाभर में चल रही एआई की रेस में आगे निकल सकता है।
बजट 2025: महिला, एससी और एसटी उद्यमियों को मिलेगा 2 करोड़ तक का लोन
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट में शनिवार को पहली बार महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 2 करोड़ रुपये लोन देने की योजना की घोषणा की इससे महिला उद्यमियों को क्या लाभ होगा वित्त मंत्री ने कहा कि 5 लाख महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तथा पहली बार उद्यम करने वाले लोगों के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी
विश्व आर्थिक मंच ने पाया कि भारत में लैंगिक समानता अनुपात में थोड़ा सुधार हुआ है, हालांकि यह अभी भी वैश्विक लैंगिक अंतर रिपोर्ट में निचले पायदान पर है, आर्थिक स्थिति के कारण विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की समानता में अंतर बढ़ रहा है।
2022 में प्रकाशित आईएफसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 90 प्रतिशत महिला उद्यमियों ने किसी औपचारिक वित्तीय संस्थान से उधार नहीं लिया था 2020 के लॉकडाउन के दौरान 72 प्रतिशत महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों के पास वित्तीय भंडार की कमी थी, जबकि 53 प्रतिशत पुरुष-स्वामित्व वाले व्यवसायों के पास वित्तीय भंडार नहीं था।
भारत में महिलाओं को उनके द्वारा दी जाने वाली जमा राशि के सिर्फ़ 27 प्रतिशत के बराबर ऋण मिलता है, जबकि पुरुषों को उनकी जमा राशि के 52 प्रतिशत के बराबर ऋण मिलता है यह अंतर वित्तीय संस्थानों द्वारा महिलाओं को समान रूप से ऋण न दिए जाने से जुड़ा हो सकता है।