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नई अफीम नीति 2023-24 हेतु प्रतिनिधिमंडल ने कोटा बैठक में विभाग को कई सुझाव दिए

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कोटा – उप नारकोटिक्स आयुक्त विकास जोशी की अध्यक्षा एवं सांसद दुष्यंत सिंह के मुख्य आतिथ्य में विभाग के सभी अधिकारियों, राजस्थान के प्रमुख अफीम किसानों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच तीन घंटे की बैठक हुई जिसमें नई अफीम निति समयानुसार किसान हित व देश हित में बनाने के लिए किसानों ने सुझाव दिए।

भारती किसान संघ अफीम संघर्ष समिति प्रांत मंत्री लाभचंद धाकड़ बेगू ने बताया कि कोटा में हुई विभाग की बैठक में सभी अधिकारियों के सामने अफीम संघर्ष समिति के सदस्य किसान नेता सोहन लाल आंजना, नारकोटिक्स विभाग की अफीम सलाहकार समिति सदस्य और सरपंच गोपाल लाल धाकड कनेरा, सलाहकार समिति सदस्य एवं भाजपा मंडल अध्यक्ष हीरालाल जाट उठेल ने किसानों की ओर से विभाग को सुझाव दिए और सुझाव से युक्त ज्ञापन उप नारकोटिक्स आयुक्त को सौंपा,जिसमे निम्न मांगे नई नीति में शामिल करने हेतु की गई।

1. जो पट्टे सीपीएस पद्धति में बहाल किये गए है उन सभी पट्टो को लुवाई चिराई में शामिल किया जाए,वही 1998 से अभितक किसी भी कारण से कटे हुए सभी पट्टे जीरो औसत और जीरो मार्फिन के मापदंड पर बहाल किया जाए और उन्हें भी लुवाई चिराई में ही शामिल करें, क्योंकि प्राकृतिक कारणों,फेक्ट्री में तकनीकी गड़बड़ी अथवा अन्य कारणों से जो अफीम पट्टे काटे गए, रोके गए उनमें किसान का किसी भी प्रकार से दोष नहीं है,किसान निर्दोष है, इमानदारी से सरकार को मेडिसिन हेतु अफीम फसल तैयार करके सौंपता है, किसान के सी पी एस पद्धति में पोस्ता की पैदावार आधी ही होती है उससे उसका रोजगार प्रभावित हो रहा है।

2. प्रति किलो अफीम पर 10 से 15 हजार रुपए किसान को सरकार द्वारा दिए जाएं क्योंकि किसान के प्रति दस आरी पर 125000 रुपए का खर्चा हो रहा है और विभाग प्रति किलो नाम मात्र के पैसे देता है।

3. किसानों को लाइसेंस केवल मार्फिन के आधार पर जारी करना न्याय संगत नहीं है, मार्फिन अथवा औसत दोनों में से एक में अच्छी गुणवत्ता होने पर लाइसेंस जारी किया जाए क्योंकि मार्फिन कैसे अच्छी बैठेगी इसकी जानकारी किसान,विभाग और सरकार किसी को भी नहीं है।

4. खेत से अफीम लुवाई चिराई के समय किसान को अपने घर पर अफीम रखने हेतु एक से अधिक बर्तनों में रखने का प्रावधान लागू किया जाए क्योंकि खेत से अफीम निकालते समय तरल मात्रा में अफीम निकलती है और उसे घर पर कई दिनों तक बर्तनों में सुखानी पड़ता है उसके बाद वास्तविक अफीम रह पाती है।

5. एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/29 का दुरुपयोग बहुत ज्यादा हो रहा है निर्दोष आम व्यक्ति एवं किसान इसमें फसाये जा रहे हैं इस धारा को देश के कानून से हटाने की आवश्यकता है वही 8/18 धारा को भी संशोधित कर कम सजा का प्रावधान किया जाए।

6. डोडा चूरा (डोडा पोस्त) के अंदर 0.2 प्रतिशत से भी कम मार्फिन होती है जो आबकारी विभाग में आने वाले कई मादक पदार्थों से कम नशा है फिर भी एनडीपीएस एक्ट में शामिल कर रखा है आज दिन तक किसी भी डोडा चुरा के केस में नशे की मात्रा दर्शाई नहीं गई है क्योंकि नशे की मात्रा दर्शाने से केस बनता ही नहीं है अतः इसे एनडीपीएस एक्ट से निकालकर आबकारी विभाग में शामिल किया जाए। उदाहरण आज दिन तक डोडा चुरा के सेवन से किसी भी व्यक्ति ने कहीं पर भी जाकर के उपद्रव नहीं किया है वही शराब जैसे नशे से कई घटनाएं हुई है।

7. किसान को अफीम का जो भी लाइसेंस जारी होता है उसे 5 साल के लिए किया जाए ताकि हर वर्ष फार्म भरने,असुविधाओं का सामना करने,समय की बर्बादी आदि से बचा जा सके।

8. किसानों को रोजगार देने हेतु 2 लाख नए पट्टे जारी किए जाएं ताकि विदेशों से अफीम से निकलने वाले कोडिन फास्फेट और अन्य उपद्रवों का आयात नहीं करना पड़ेगा,इसकी आपूर्ति यहीं से हो पाएगी और किसानों को रोजगार पर्याप्त मात्रा में मिल सकेंगे। अटल जी की सरकार के समय 50 – 50 आरी के पट्टे लगभग 150000 किसानों के पास थे वर्तमान आवश्यकता के अनुसार उससे अधिक क्षेत्रफल करने के लिए किसानों को लाइसेंस जारी हो।

9. रुके हुए पट्टे जारी करने में परिवार में आपसी सहमति नहीं बनती हैं ऐसी स्थिति में बहुमत के आधार पर पट्टा जारी किया जाए ना कि उसे रोका जाए।

10. किसान एक गांव में सुविधाओं का अभाव होने के कारण दूसरे गांव में अफीम का पट्टा बोना चाहता है तो उसमें लीज का प्रावधान लागू किया जाए,हर किसान नई जमीन खरीद कर वहां पर लाइसेंस नहीं बो सकता है।

अतः इन सभी किसानों की मांगों पर सरकार व विभाग गंभीरता से विचार करते हुए इन मांगों को नई अफीम नीति वर्ष 2023 – 24 में शामिल किया जाए क्योंकि मोदी सरकार से किसानों को काफी सकारात्मक अपेक्षाएं हैं लंबे समय से किसान इन मांगों को उठाता आ रहा है हर क्षेत्र में मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है तो फिर नारकोटिक्स विभाग में भी किसान अफीम नीति में बड़े परिवर्तन की सकारात्मक आशा लिए हुए है।

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