पटवारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर तीन दिवसीय सामूहिक अवकाश को लेकर दिया तहसीलदार ज्ञापन

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सीतामऊ। पटवारी संघ अध्यक्ष चंद्रकांत गहलोत के नेतृत्व में शासन के नाम अपने मांगों को लेकर तहसीलदार के नाम दिया ज्ञापन जोकि मध्य प्रदेश पटवारी संघ गोपाल व प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर जिला पटवारी संघ द्वारा दिनांक 18 अगस्त को जिला स्तर पर दिए गए ज्ञापन के तारतम्य में विगत 25 वर्षों से पटवारी वर्ग की वेतनमान 2800 ग्रेड पे एवं अन्य मांगे शासन स्तर पर लंबित हैं जिसके लिए प्रदेश के समस्त पटवारी द्वारा लगतार आंदोलनरत किए हैं प्रांतीय कार्यकारिणी की के आव्हान पर भी जिला कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन प्रस्तुत किया जा चुका जिसमें चरण बंद कार्यक्रम का उल्लेख है इसके अनुसार पहले चरण में तहसील सीतामऊ के समस्त पटवारी 21 अगस्त से शासकीय ग्रुप से लेफ्ट होकर राजस्व विभाग के समस्त ऑनलाइन कार्य से विरत रहेंगे एवं दूसरे चरण में तहसील सीतामऊ के समस्त पटवारी 23 अगस्त से 25 अगस्त तक तीन दिवसीय सामूहिक अवकाश पर रहेंगे व 26 व 27 अगस्त को शनिवार रविवार को शासकीय अवकाश होने से मुख्यालय पर उपस्थित नहीं होंगे पटवारी 26 अगस्त को सीतामऊ तहसील के सभी पटवारीयो साथ भोपाल में आयोजित तिरंगा रैली में सम्मिलित होकर शासन को अंतिम चेतावनी देंगे उसके बाद भी यदि शासन पटवारियों की जायज मांगों के संबंध में महापंचायत का ऐलान कर आदेश जारी नहीं करता है तो आंदोलन के अंतिम चरण में 28 अगस्त सोमवार से प्रदेश के समस्त पटवारी प्रांतीय के आव्हान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे जिससे शासन के समस्त शासकीय कार्य व आमजन के कार्य प्रभावित होंगे जिसकी समस्त जवाबदारी शासन प्रशासन की रहेगी पटवारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर पूर्व में भी शासन प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया है लेकिन सरकार द्वारा उनकी जायज मांगों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है जिसको लेकर लगातार पटवारी संघ अपनी मांगों को लेकर सरकार से मांग करते आ रहे हैं ज्ञापन को लेकर जब पटवारी संघ अध्यक्ष चंद्रकांत गहलोत से जानकारी चाहिए तो उनका कहना है कि प्रदेश पटवारी संघ के आव्हान पर हमेशा पटवारीयो ने शासन से जायज मांगों को लेकर ज्ञापन निवेदन शासन से किए है लेकिन हमारी जायज मांगे के ज्ञापन पर सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया इसी को लेकर हमें पटवारी संघ के आव्हान पर तीन दिवसीय सामूहिक अवकाश पर जाने हेतु बाध्य होना पड़ा।