हर मां-बाप यही चाहता कि उसका बेटा राम और बहु सीता बने तो आपको दशरथ कौशल्या बनना पड़ेगा
Every parent wanted their son to be Ram and daughter-in-law to be Sita.

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कथा सुनो और मन परिवर्तन ना हो तो कथा सुनना व्यर्थ है।
अकाल मौत वह मरे जो काम करे चांडाल का, काल उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का
जब तक मन में विश्वास नहीं होगा। तब तक कोई फल प्राप्त नहीं होगा।- पंडित नागर
कुचड़ौद । (दिनेश हाबरिया)-बहुओं को सास की चुगली ससुर की बुराई बंद कर, प्रतिदिन उनके पांव छूने चाहिए। बेटों को अपने माता-पिता के प्रति दिन पैर छूना चाहिए। जो बुढ़ापे में अपने मां-बाप सास-ससुर को रुलाता है। 1 दिन उसकी अकाल मौत होती है।
यह बात कुचड़ोद में राम जानकी मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा, स्वर्ण कलश स्थापना, श्री राम मारुती यज्ञ के अवसर पर श्री सकल पंच कुमावत समाज धर्मशाला में, आयोजित भागवत कथा के तीसरे दिन राष्ट्रीय संत डॉ पंडित मिथिलेश जी नागर ने कहीं।
आपने कहा विश्वास से ही फल प्राप्त होता है। गुरु के वचन पर विश्वास रखना। जब तक मन में विश्वास नहीं होगा। तब तक कोई फल प्राप्त नहीं होगा।
छोटी-छोटी बातों पर परमात्मा का सत लेना शुरू कर दिया। इसलिए परमात्मा पर विश्वास कम हो गया। बीमार हो तो पहले डॉक्टर को दिखाओ। अगर डॉक्टर बीमारी नहीं बताये और फिर भी बीमार रहो, ठीक ना हो। तो परमात्मा के पास जाओ। कितनी भी बड़ी विपत्ति संकट आ जाए। अपना धर्म, धेर्य, धीरज नहीं छोड़ना चाहिए।
आपने कथा के दौरान आत्मदेव, धुंदली, धुंधकारी, गोकर्ण की कथा विस्तार से सुनाई। आपने कहा श्री राम को पूरा विश्व पूजता है। क्योंकि श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम है। आज्ञाकारी है। कथा सुनो और मन परिवर्तन ना हो, तो कथा सुनना व्यर्थ है।
बहुएं सास की चुगली ससुर की बुराई बंद कर, प्रतिदिन उनके पांव छुना चाहिए। बेटों को अपने माता-पिता के प्रति दिन पैर छूना चाहिए। संत श्री ने अपनी कथा में सभी से आव्हान करते हुए पैर छूने का संकल्प दिलाया। युवा नौजवानों, बालक बालिकाओं सभी को अपने मां-बाप, सास-ससुर के पेर छुना चाहिए। जिस व्यक्ति की जवानी बिगड़ी, उसका बुढ़ापा बिगड़ जाता है। बुढ़ापा बिगड़ा तो, मौत बिगड़ जाएगी।
आपने कहा जिस स्थान पर रहने से कष्ट, दुख, उदासीनता की प्राप्ति होती हो। चाहे वह कुबेर लोक क्यों ना हो। त्याग कर देना चाहिए।जिस स्थान पर मन को शांति, सुख, आनंद मिले। वह स्थान चाहे यमलोक क्यों ना हो, रह लेना चाहिए। हर मां-बाप यही चाहता है, कि मेरा बेटा राम और बहू सीता बने।तो मां-बाप को भी दशरथ और कौशल्या बनना पड़ेगा।
श्वान भी स्वाभिमान से रोटी खाता है। फिर आप तो इंसान हो। उस श्वान को भी विश्वास है जिस परमात्मा ने बनाया, तो वह भूखा नहीं रखेगा। इसलिए स्वाभिमान से जियो। चिंता मत करो। एक दरवाजा बंद होता है, तो परमात्मा दूसरा दरवाजा खोल देता है।अकाल मौत वह मरे, जो काम करे चांडाल का। काल उसका क्या करे, जो भक्त हो महाकाल का,
आज कथा के चौथे दिन कृष्ण अवतार की कथा का वर्णन होगा। श्री कृष्ण जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा।
कथा प्रतिदिन दोपहर 12:00 से 4:00 तक आयोजित हो रही। कथा श्रवण के लिए प्रतिदिन भक्तजनों की बढ़ोतरी हो रही।कथा के दौरान कुचड़ोद सहित अंचल के सैकड़ों महिला-पुरुष युवक-युवतियां भक्तजन उपस्थित रहे।शनिवार को हेमांद्री स्नान के साथ यज्ञ प्रारंभ हुआ। 17 मई को राम जानकी मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा, स्वर्ण कलश, ध्वजा दंड स्थापना, यज्ञ पूर्णाहुति के साथ कथा विश्राम, महा आरती पश्चात, महा प्रसादी स्वरूप भंडारा होगा।