धर्म संस्कृतिमंदसौरमध्यप्रदेश
विशाल कलश शोभायात्रा से शुभारंभ हुआ धर्मधाम गीता भवन गीता जयंती अर्द्धशती समारोह का

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विकृति का अंत और संस्कृति का प्रारंभ भक्ति का मूल है


आचार्य श्री रामदयालजी महाराज प्रातः 10.30 बजे भगवान श्री पशुपतिनाथ के दर्शनार्थ पहुंचे जहां उनकी अगवानी प्रातःकालीन आरती मण्डल के श्री दिलीप शर्मा, सुरेन्द्र चौहान, चन्दप्रकाश शर्मा ने कर स्वागत किया।
अन्य संतों के साथ पूज्य श्री वाहन रैली के साथ गांधी चौराहा स्थित विश्वपति शिवालय पहुंचे जहां से विशाल कलश यात्रा का आयोजन रखा गया था। पशुपतिनाथ मंदिर से आते वक्त मार्ग में बीजेपी कार्यालय पर पूज्य श्री का सम्मान मण्डल उपाध्यक्ष अरविन्द सारस्वत, देवेन्द्र मरच्या, बार एसोसिऐशन उपाध्यक्ष आदि पदाधिकारियों ने किया। विश्वपति शिवालय पहुंचने पर मंदिर समिति की ओर से तलाई वाले बालाीजी ट्रस्ट के अध्यक्ष एडवोकेट धीरेन्द्र त्रिवेदी व अशोक गुप्ता ने किया। विश्वपति शिवालय में पूज्य श्री का स्वागत वरिष्ठ पत्रकार मोहन रामचंदानी, कैलाश शर्मा, गीता भवन संरक्षक नरेन्द्र नाहटा, मनोहर नाहटा, ओमप्रकाश चौधरी, दीपक चौधरी, हिम्मत डांगी, राजेन्द्र चाष्टा, अरूण शर्मा, छगनलाल पारख, राजाराम तंवर, डॉ. रविन्द्र पाण्डेय, सूरजमल चाचा, राव विजयसिंह, प्रदीप मुजावदिया, रूपनारायण मोदी, सुमन बैरागी, शुभम उपाध्याय, कन्हैयालाल सोनगरा, विनय दुबेला, शुभम उपाध्याय, शुभम बैरागी आदि ने किया।
विश्वपति शिवालय से बैण्ड बाजों के साथ विशाल कलश शोभायात्रा प्रारंभ हुई जिसमें सैकड़ों मातृशक्ति सिर पर मंगल कलश धारण किये चल रही थी। पूज्य आचार्य श्री एक खुली जीप में तथा अन्य संत पृथक वाहन में विराजित थे।
शोभायात्रा का स्वागत नगरपालिका परिषद की ओर से नपाध्यक्ष रमादेवी गुर्जर, उपाध्यक्ष नम्रता चावला, भारती पाटीदार, रमेश ग्वाला, कमलेश सिसौदिया सहित पार्षदगणों ने किया। विश्व हिन्दू परिषद, बिकानेर स्वीट्स, सिंधु महल समिति, पशुपतिनाथ पोरवाल कपल सोशल ग्रुप, जांगड़ा पोरवाल समाज, विनर क्लब, वेश्य महासम्मेलन, गुप्ता कचोरी, विजयवर्गीय समाज, शुभम साख सहकारी संस्था आदि ने किया।
मंच पर व्यास पीठ पर पूज्य श्री का वंदन कर आशीर्वाद ग्रहण करने में नपाध्यक्ष रमादेवी गुर्जर, आयोजन समिति अध्यक्ष प्रहलाद काबरा, संयोजक सम्पतलाल कालिया, स्वागताध्क्ष राजेन्द्रसिंह अखावत, महिला आयोजन समिति अध्यक्ष विद्या उपाध्याय, सचिव पूजा शुभम बैरागी, सत्संग समिति अध्यक्ष पुष्पा हीरालाल पाटीदार, संत अभिनंदन समिति संयोजक ब्रजेश जोशी, गीता भवन ट्रस्ट उपाध्यक्ष जगदीश चौधरी, सचिव अशोक त्रिपाठी, कोशाध्यक्ष विनोद चौबे, ट्रस्टी एडवोकेट धीरेन्द्र त्रिवेदी, सत्यनारायण पलोड़, बंशीलाल टांक, शेषनारायण माली, पुजारी अभिषेक शर्मा, बालू रावल ने किया। संचालन पं. अशोक त्रिपाठी ने किया।
आचार्य श्री ने व्याख्यानमाला नवधा भक्ति का प्रारंभ करते हुए कहा कि गीता अपने आप में एक सम्पूर्ण भक्ति ग्रंथ है। हिन्दू सनातन धर्म का ऐसा कोई भी ग्रंथ नहीं है जिसमें भक्ति नही ंहो। समस्त ग्रंथों का सार और अभिप्राय एक ही है विकृति का अंत और संस्कृति का प्रारंभ। आज सम्पूर्ण राष्ट्र विकृति से काँप रहा है। विकृति को नष्ट करने का एक मात्र आधार यदि कोई है तो वह है भक्ति।
आपने भक्ति को नारी का स्वरूप बताते हुए कहा कि नारी को अपने आपको कमजोर नहीं समझना चाहिये। अपने आप में ये विश्वास जगाना चाहिये कि वह फूल नहीं चिंगारी है।
संत की महिमा बताते हुए आपने कहा कि एक डॉक्टर शरीर के विभिन्न अंगों के रोगों की तो चिकित्सा कर देगा परन्तु सब रोगों की जड़ मनोरोग है उस मन की चिकित्सा तो केवल संत ही कर सकते है।
पूज्य आचार्य श्री ने माननीय प्रधानमंत्री मोदीजी की मातुश्री हीराबा के प्रभुशरण होने पर धर्मधाम गीता भवन परिवार की ओर से हार्दिक श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हीराबा वास्तव में नारी शक्ति के लिये बहुत बड़ा सम्मान रही है। नारी शक्ति का महान गौरव है जिन्होने मोदीजी जैसे कोहिनूर को जन्म दिया जिन्होंने आज सम्पूर्ण विश्व में राष्ट्र का बहुत बड़ा सम्मान व प्रतिष्ठा दिलाकर राष्ट्र का मस्तक ऊँचा किया।