जीवन में चुगली करने वाले नहीं हम पर लोग भरोसा करें ऐसा हमें बनना है- नीला दीदी

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ब्रह्माकुमारी नीला दीदी ने खुशहाल जीवन जीने के गुड़ रहस्य बताते हुए कहा कि मुझे पता नहीं था कि इतना बड़ा सेंटर सीतामऊ में है। आप सभी को खुश देखकर मुझे भी खुशी हो रही है। जिंदगी में सदा मुस्कुराते रहो। फासले कम कर आपस में मिलना बढ़ाते चलों होना चाहिए। नीला दीदी ने आगे कहा कि लोग अपने अंतिम पड़ाव तक आ जाते हैं पर उन्हें यह पता नहीं कि मुझे खुश रहना है। वे पुरी जिंदगी जीते नहीं काटते हुए चले जाते हैं।
एक कहानी के माध्यम से दीदी ने कहा कि एक दादा 80 वर्ष के जो मुस्कराते हुए काम करते हैं।तो एक ने पुछा कि आप क्यों मुस्कुराते हों।तो उन्होंने कहा कि जिंदगी दो प्रकार से लोग होते हैं एक मुस्करा कर दुसरा दुःखी होकर जीता है।
एक बार दादा का एक्सीडेंट हो जाता है।तो वह लड़का बिना कुछ देरी किए मिलने जाता है। तो वह दादा से पुछता कि क्या अभी भी आप मुस्कराते हैं तो दादा ने कहा कि यहां परिस्थिति अलग है। मैं एक हजार साल जीऊंगा ऐसा मेरा मनोबल है। यानी जीवन में जहां जैसी आवश्यकता है व्यक्ति को सकारात्मकता के साथ बढ़ना चाहिए है।
दीदी ने कहा कि अगर हमें खुश रहना है तो तो पांच बातों का ध्यान रखना होगा पहली बात कम सोचों, कोई बात कितनी बढ़ा कर बोलते हैं या किसी ने आलोचना कि गलत बोला तो कितनी बार रिपीट करते हैं। इससे हमारा चेहरा भी मुरझाया रहेगा।इसी गलत संस्कार आदत बन जाती है और दुसरे को अपनी गलत बात पर तरह तरह कि चर्चाएं करते हैं। इसलिए जीवन में चुगली करने वाले नहीं हम पर लोग भरोसा करें ऐसा हमें बनना है।
दीदी ने कहा कि अपने आप और किसी कि बात लिखी या बोली गई उसको समझकर बोलना चाहिए का ऐसा नहीं करने पर एक विचार के माध्यम से कहा कि एक नेताजी को 15 मिनट का भाषण लिखकर देने कि अपने सेक्टरी से कहा, नेताजी ने सभा में अपने भाषण देना शुरू किया तो एक घंटे तक बोलते गये। धीरे धीरे लोग उठकर चलें जाने लगें नेताजी को बुरा लगा कि भाषण बहुत बढ़ा लगा।जब वह अपने आफिस आया तो उसने उसने अपने सेक्टरी से कहा कि मैंने तो केवल 15 मिनट का भाषण लिखकर देने कि कहा पर यह भाषण एक घंटे का था तो सेक्टरी ने कहा कि मैंने 15 मिनट का ही भाषण लिखा था बाकी तो उसकी फोटो कापी थी।
दीदी ने आगे कहा कि दुसरे कि गलती अवगुण देखने के बजाय उसके गुणों को देखना चाहिए। इससे मन में खुशी रहती है। जब हम किसी कि बुराई अवगुण सुनते हैं तो अपना समय नष्ट करने के साथ ही अपने विचार से दुसरे हमको गलत मानने लगते हैं। उसके पीछे लोग कहते कि ये इधर-उधर कि बोलता है। अपनी भी बुराई करेगा।
किसी के प्रति सोचने बोलने से पहले कम सोचों, कम बोलों, भगवान ने ढाई इंच कि जबान दी ये कम और काम कि बात बोलने कि दी है। आज का व्यक्ति क्या कर रहा है। 85 प्रतिशत हम गलत फालतू बोलते हैं। हम बाबा के बच्चे हैं आज से संकल्प लें कि हम कम और अच्छा बोलने के साथ दिन भर मुस्कराने कि एक्सरसाइज करना है। दिन भर हाय हाय करने बजाय वाह वाह करना है।
आपको खुश रहना है तो छोटी छोटी बातों को नजरंदाज करते हुए अच्छी अच्छी बातें पर ध्यान देकर आगे बढ़ना है।कोई न शिव बाबा पर भरोसा रखते हुए। अपने घर का सदस्य मानते हुए उसे भोजन कराए बातें करें।जब आप उससे जुड़ जाएंगे तो उदासी खत्म समस्या हल्की हो जाएगी। जब हम अकेले होते तो उदासी आती है और जब बाबा साथ रहता तो उदासी नहीं आतीं हैं।
आध्यात्मिक शिविर को संबोधित करते हुए कृष्णा दीदी ने कहा आज 12 जनवरी को हम सबको इंतजार था आज वह पूरा हो गया है।सीतामऊ छोटी काशी में नेपाल से आए नीला दीदी श्यामा दीदी हेमा दीदी का स्वागत अभिनंदन है। कयामपुर नाटाराम दलावदा लदुना सीतामऊ खेड़ा से आए सभी भाई बहनों का भी स्वागत है।
दीप प्रज्वलित कर शिविर का शुभारंभ किया
शिविर के प्रारंभ में ब्रह्माकुमारी नीला दीदी श्याम दीदी हेमा दीदी कृष्णा दीदी बहिन प्रिती तथा श्रीमती सुशीला राठौर, श्रीमती गुणवती कोठारी, रामेश्वर पाटीदार खेड़ा राधेश्याम जाट नाटाराम, संपादक लक्ष्मी नारायण मांदलिया, श्रीपाल मालवीय मंदसौर, आदि के द्वारा स्वामी विवेकानंद के तस्वीर पर फूल अर्पित कर तथा दीप प्रज्वलित कर शिविर का शुभारंभ किया। बहन सुशीला राठौर ने योगा की जानकारी देखकर अनेक रोगों से मुक्ति प्राप्त करने का तरीका बताया ।कार्यक्रम का संचालन गौरव जैन ने किया।