मंदसौरमंदसौर जिला

पुजारी ने लगाया एसडीएम और तहसीलदार पर मंदिर की फसल काटकर लाखों रूपये गबन करने का आरोप

पीडित पुजारी ने कलेक्टर से की न्याय की मांग

मन्दसौर। मंदसौर जिले के नाहरगढ़ के समीप स्थित ग्राम खजूरी चंद्रावत में श्री राम जानकी मंदिर के पुजारी पं. मंगल द्विवेदी है जो कई वर्षो इस मंदिर के पुजारी के रूप में कार्य कर रहे है। मंदिर की लगभग 52 बीघा जमीन पर पं. मंगल द्विवेदी की खेती करते आ रहे है और यही इनकी आजीविका का साधन है। लेकिन इस वर्ष सीतामऊ एसडीएम शिवानी गर्ग और नायब तहसीलदार प्रतिभा भाबर ने एक नोटिस पुजारी को जारी कर फसल की कुर्की कर ली और अपने हार्वेस्टर से फसल काटकर ले गई।
जनसुनवाई में कलेक्टर को दिये आवेदन में पं. मंगल द्विवेदी ने बताया कि मंदिर की लगभग 52 बीघा जमीन है जिसे मैं अपने बटाईदार के साथ मिलकर हांकता हु। इस बार भी लगभग 45 बीघा जमीन पर गेहूं बोये थे। लेकिन इस बार सीतामऊ एसडीएम शिवानी गर्ग ने एक नोटिस जारी कर फसल का कुर्क करने के आदेश जारी किये यह नोटिस पं. मंगल द्विवेदी को 5 मार्च को मिला और 6 मार्च को इस नोटिस के विरूद्ध पुजारी ने अपर कलेक्टर के यहां अपील कर दी और स्टे प्राप्त कर लिया। इसके बावजूद एसडीएम शिवानी गर्ग और नायब तहसीलदार प्रतिभा भाबर व अन्य पटवारियों की टीम दिनांक 25 मार्च को हार्वेस्टर से पूरी फसल कटवा दी और अपने साथ ले गये।
मंदिर के पुजारी पं. मंगल द्विवेदी और उनके सहयोगी प्रहलाद शर्मा, कोमल कुमावत, साहब सिंह बंजारा, कमल सिंह चंद्रावत, मनीष शर्मा और अन्य ग्रामीणों ने कलेक्टर को जनसुनवाई में बताया कि जब पटवारी हमारे यहां पर फसल काटने आयें तो हमने उनका विरोध किया लेकिन उन्होने हमारी नहीं सुनी। इसमें सबसे बडी बात यह है कि जब फसल काटकर खेत से ले गये तब 21 ट्राली गेहू खेतों से 4 हार्वेस्टर तक लगाकर भरकर ले गये थे। हमारे द्वारा सीतामऊ कृषि उपज मण्डी में जब जानकारी निकाली तो वहां पर 14 ट्राली गेहूं ही पहुंचे है। बीच में सात ट्राली गेहू अन्यत्र खाली करवा दिये गये। इस तरह से करीब 120 क्विंटल गेहूं गायब कर दिया गया है। जिससे प्रार्थी को लगभग 3 लाख रुपये से अधिक की आर्थिक क्षति हुई है और एसडीएम शिवानी गर्ग द्वारा इस तरह की भारी आर्थिक अनियमितता की गई है। फसल काटने के लिए जो हार्वेस्टर लायें गये थे उनके लिए भी टेण्डर प्रक्रिया का उपयोग नहीं किया गया।

दूसरे पुजारी का नाम चढाने का था विवाद
आवेदन में बताया गया कि खजूरी चन्द्रावत के श्री राम जानकी मन्दिर की पूजा अर्चना पं. मंगल द्विवेदी वंशानुगत क्रम से करते आ रहे हैं । जो कि पंचायत रिकार्ड में भी बाकायदा दर्ज़ है । लेकिन वर्ष 2020 में बगैर ठहराव प्रस्ताव के किसी पंचायत द्वारा अन्य पुजारी की अवैधानिक तरिके से नियुक्ति बताकर प्रशासन को गुमराह करने का प्रयास किया। पुजारियों के इस विवाद के चलते सीतामऊ के प्रशासनिक अधिकारियों ने परम्परागत रूप से विद्यमान पुजारी पं. मंगल द्विवेदी द्वारा मन्दिर की लगभग ४५ बीघा कृषि भूमि पर स्वयं के व्यय पर बोई गई गेहूं, अलसी व लहसुन की फसल को खेतों में से भरवाकर मण्डी में बेच दी गई । जो फसल प्रशासन ने मण्डी में बेची उसमें भी भारी घपला किया गया ? पुजारी का कहना है कि उसके खेत से प्रशासनिक अधिकारियों ने 42 बीघा में बोई गई गेहूं की फसल का 21ट्रली गेहूं भरा जो कि 420 से 450 क्विंटल तक होता है । यह गेहूं मण्डी तक जाते-जाते 14 ट्राली का मात्र 263 क्विंटल रह गया ? इसी प्रकार 2बीघा की 8 क्विंटल अलसी और 2 बीघा की 8 क्विंटल मैथी व 10 आरी की 8 क्विंटल लहसुन भी मण्डी में जाते जाते आधी से कम रह गई ? यही नहीं अधिकारियों ने जो गेहूं बेचा उसे भी समर्थन मूल्य 2600 रूपये में ना बेचकर मंडी 2370 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बेचना बताया गया? इस पूरे मामले में सीतामऊ का पूरा प्रशासनिक अमला भी शंका के घेरे में है ।

पुजारी ने की कलेक्टर से न्याय की मांग
पं. मंगल द्विवेदी ने जन सुनवाई में कलेक्टर को दिये गए आवेदन में पीड़ित पुजारी ने न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि उसके पास खेत से प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भरवाकर बेचने हेतु ले जाई फसलों की फोटो व विडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है । कलेक्टर को इस पूरे मामले की निष्पक्ष की जांच करना चाहिए।

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