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‘इको फिएस्टा’ प्रकृति से है हमारी पहचान – इसका हमें रखना है ध्यान

‘इको फिएस्टा’ प्रकृति से है हमारी पहचान – इसका हमें रखना है ध्यान
मन्दसौर। बीजेएस के मन्दसौर चैप्टर (राज्य मध्य प्रदेश) में फाउंडेशन प्रोग्राम की श्रृंखला के छठे प्रोग्राम इको फिएस्टा का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। नए वर्ष की शुरुआत में संगठन द्वारा शुरू किए गए फाउंडेशन प्रोग्राम की श्रृंखला के लिए बीजेएस  के संस्थापक श्री शांतिलाल मुथ्था ने देशभर में फैले ठश्रै के सभी चैप्टर्स को सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
बीजेएस यानी भारतीय जैन संगठन, भारत में जैन समुदाय का एक ऐसा संगठन है, जो पिछले 40 वर्षों से विभिन्न क्षेत्रों जैसे आपदा राहत, जल निकायों के पुनर्जीवन और मूल्य शिक्षा में अपनी अनवरत सेवाएं प्रदान कर रहा है।
संगठन ने अपने कार्यों को जमीनी स्तर पर और विस्तृत बनाने के लिए देशभर में फाउंडेशन प्रोग्राम्स की श्रृंखला शुरू कर दी है, जो हर महीने एक विशेष दिन पर आयोजित किए जाते हैं। 2025 की शुरुआत से ही बीजेएस के शीर्ष नेतृत्व यानी नेशनल प्रेसिडेंट श्री नंदकिशोर सांखला, राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. पंकज चोपड़ा, राष्ट्रीय सचिव श्री दीपक चोपड़ा, प्रदेश अध्यक्ष श्री  साशा जैन, क्षेत्रीय सचिव श्री शेखर नाहर, रतलाम क्षेत्र की क्षेत्रीय सचिव श्रीमती हेमा हिंगड़ की उपस्थिति में राष्ट्रीय प्रमुख फाउंडेशन कार्यक्रम श्री राजेश खिवंसरा और प्रबंध निदेशक कोमल जैन द्वारा मार्गदर्शित बीजेएस फाउंडेशन प्रोग्राम के छठे लक्ष्य ‘‘इको फिएस्टा’’ मॉडल 1 ‘‘ट्री मेंडस ग्रीन ड्राइव’’ के तहत 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पौधारोपण और पौधों का वितरण करके मनाया गया।
इस उपलक्ष में हिंगड़ परिवार द्वारा बीजेएस के राष्ट्रीय एवं प्रांतीय पदाधिकारी के सानिध्य में वृक्षारोपण किया गया और आशा श्रीमाल ने पर्यावरण  दिवस के बारे में सभी को जानकारी देते हूये बहुत सारे पौधे और सीडबॉल वितरित किए और उनकी देखभाल  और उपयोगिता के बारे में भी जानकारी दी.
इसकी जानकारी देते हुए  अध्यक्ष श्वेता पोरवाल ने कहा कि जयेश हिंगड़ के जन्म दिवस के उपलक्ष में मिश्रीलाल हिंगड़ परिवार द्वारा गोल्डन टाउनशिप, महू नीमच रोड पर वृक्षारोपण का आयोजन किया गया, वृक्षारोपण में आवला, बेलपत्र, नींबू, चीकू, विद्या, नीम आदि के पौधे लगाए गए।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नंद किशोर सांखला ने कहा की पर्यावरण संरक्षण  कितना जरूरी है इसका अंदाजा बढ़ती ग्लोबल वॉर्मिंग, मौसम में असामान्य बदलाव और विलुप्त होते जानवरों और पक्षियों की संख्या से लगाया जा सकता है। पर्यावरण को संरक्षित न करने से धरती पर जीवन मुश्किल हो जाएगा। इसलिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर सब पांच पौधे लगाए।
इस अवसर पर डॉ पंकज चोपड़ा, प्रदीप चोपड़ा, साशा जैन शेखर नाहर,विनय पोरवाल, स्वरा पोरवाल, हेमा हिंगड़ हेमंत हिंगड़ रश्मि संघई ,साक्षी जैन, शशि मारू, आशा श्रीमाल, आदि उपस्थित थे।

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