श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जिनालय के प्रथम वर्षगाँठ पर होगा तीन दिवसीय आयोजन का हुआ शुभारंभ

श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जिनालय के प्रथम वर्षगाँठ पर होगा तीन दिवसीय आयोजन का हुआ शुभारंभ
सीतामऊ – मालव प्रदेश की धन्यधरा विश्व विख्यात श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ महातीर्थ के समीप मंदसौर जिले की प्राचीन व धार्मिक नगरी सीतामऊ नगर में तीन लोक के नाथ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जिनालय के प्रथम वर्षगाँठ के पावन अवसर पर आयोजित ध्वजारोहण महोत्सव के प्रथम दिवस पर प्रातःकाल सागर समुदायवर्ति प.पू. मृगनयना जी म.सा की सुशिष्या प.पू. मुक्तीनिलया श्रीजी म.सा., प.पू. शीलपद्मा श्रीजी म.सा व प.पू. भक्तिनिलया श्रीजी म.सा. आदि ठाणा का भव्य मंगल प्रवेश के साथ तीन दिवसीय ध्वजारोहण महोत्सव का शुभारंभ हुआ। व रात्रि में महिला चोवीसी का आयोजन भी सम्पन्न हुआ। महोत्सव के द्वितीय दिवस 30 जनवरी को प्रातः 8:30 बजे परमात्मा के 18 अभिषेक व रात्रि आजाद चौक स्थित आराधना भवन में 7 बजे से भव्य भक्ति संध्या का आयोजन होगा। महोत्सव के तृतीय दिवस प्रातः 9 बजे लाभार्थी परिवार के निवास स्थान से ध्वजा का भव्य वरघोड़ा प्रारम्भ होगा जो नीमा मोहल्ला स्थित श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जिनालय पहुंचेगा जहां सत्तरभेदी पूजा पढ़ाई जाएगी जिसके पश्चात महासतीजी के पावन निश्रा में जिनालय के शिखर पर प्रथम ध्वजारोहण किया जाएगा जिसका सम्पूर्ण विधि-विधान चोमहला निवासी विधिकारक गौरव जैन द्वारा किया जाएगा। तीन दिवसीय ध्वजारोहण महोत्सव के सम्पूर्ण लाभार्थी रघुवीरकुमार, किशोर कुमार (बापू), विजयकुमार, अरविन्दकुमार पोरवाल (जैन) व समस्त परिवार रहेंगे।
ऐतिहासिक दृष्टि में जिनालय – देवविमान रूपी जिनालय में शोभायमान है शंखेश्वर पार्श्व प्रभु
सकल जैन श्रीसंघ सीतामऊ के सचिव नयन जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर के मध्य नीमा मोहल्ला में स्थित श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन श्वे. मंदिर जहां मूलनायक के रूप में लगभग 100 वर्ष प्राचीन श्री पार्श्वनाथ भगवान विराजित है। श्री पार्श्वनाथ भगवान को समर्पित जिनालय के जीर्णोद्धार हेतु वर्ष 2007 में मालव सम्राट आचार्य भगवंत नवरत्नसागर सूरीश्वर जी म.सा. के पावन निश्रा एवं शासनरत्न मनोज कुमार जी हरण की प्रेरणा व मार्गदर्शन में शिलान्यास एवं भूमि पूजन संपन्न हुआ था। देव विमान रूप में धवल पाषाणे से नवनिर्मित जिनालय में तीर्थंकर परमात्मा सहित गणधर भगवंतो एवं अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा का प्रवेश वागड़ विभूषण आचार्य श्री मृदुरत्नसागर सूरीश्वर जी म.सा. की पावन निश्रा में 4 जून 2021 के शुभ दिवस हुआ। अत्यंत नयनरम्य श्री पार्श्वनाथ भगवान की लगभग सैकड़ो वर्ष प्राचीन प्रतिमाजी का नामकरण 11 फरवरी 2023 को श्री नव-अपूर्व-अमर कृपा प्राप्त शिष्य बन्धुत्रिपुटी आगम-प्रश्म-वज्र रत्नसागर जी महाराज साहब के निश्रा में भव्यातिभव्य प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान किया गया व प्रतिष्ठा पश्चात मूलनायक श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान के रूप में पूजित है। उपर्युक्त जिनालय की प्रथम वर्षगांठ निमित्त भव्य ध्वजारोहण महोत्सव 31 जनवरी 2025 को आयोजित होगा।