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सुर साधकों ने संगीत सरिता में सुरीले गीतों से समा बांधा

‘ये कहाँ आ गये हम, यूं ही साथ चलते-चलते’’

मन्दसौर। नगर में सुरीली आवाज का आनन्द बिखेरने के लिये उदित संगीत सरिता के प्रथम प्रयास में सिने निर्माता निर्देशक राकेश प्रभु, सिने गीत संगीत कार्यक्रम एवं दूरदर्शन के पूर्व अधिकारी श्री प्रदीप शिवम शर्मा, प्राचार्य महेश त्रिवेदी, साहित्य परिषद के नरेन्द्र भावसार एवं नंदकिशोर राठौर के सानिध्य में डॉ. के.एल. राठौर एवं रानी राठौर के सक्रिय सहयोग से नगर के साहित्यकार, कवि, शायर एवं सिने गीतों को अपनी आवाज में गाने वाले गायकों के सानिध्य में गीत ‘‘संगीत की सरिता दिल से’’ का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत हिमांशु ने सरस्वती वंदना ‘‘या कुंदेषु तुषार हार धवला’’ से की। रानी राठौर ने ‘सत्यम शिवम सुन्दरम’’ सुनाकर शिव महिमा की प्रस्तुति दी। महेश सौलंकी ने ‘‘दिल में हो तुम आँखों में तुम, बोलो तुम्हे कैसे चाहूं’’ सुनाया। नंदकिशोर राठौर ने ‘‘लाखों है निगाह में, जिंदगी की राह में सनम हसीन जवां’’ की मधुर प्रस्तुति दी। आबिद भाई ने ‘‘जनम जनम का साथ है निभाने को‘‘ तथा हार्दिका दुबे ने ‘‘माना कि तुम पास नहीं हो, मेरे दिल के पास नहीं हो’’ गाया। राजकुमार अग्रवाल ने गीत ‘‘एक प्यार का नगमा है, मौजों की रवानी है’’ की प्रस्तुति दी। दलजीतसिंह ने ‘‘अपनी परवाज को तू आवाज दे’‘ को बखूबी गाया। डॉ. महेशचन्द्र शर्मा ने ‘‘जीत ही लेंगे बाज़ी हम तुम’’ तथा धु्रव जैन ने ‘‘स्वर्ग सरीखा लगे सुनहरा मंदिर सा सुंदर हो’’, आरक्षक तेजकरण ने ‘‘तुम्हें अपना बनाने की कसम खाई’’ है, कमल संगतानी ने ‘‘इंतहा हो गई, इंतजार की’‘ एवं दर्शना शर्मा ने ‘‘लग जा गले फिर ये हंसी रात हो न हो’’, हिमांशु वर्मा ने ‘‘मेरे दोस्त किस्सा ये क्या हो गया’’ तथा श्याम गुप्ता ने दिल क्या करे, जब किसी से’’ को  सुनाया।
युगल गीत प्रस्तुति में के.एल. राठौर व रानी राठौर ने ‘‘ये कहां आ गये हम, यू ही साथ चलते-चलते’’ सुनाया तो महेश त्रिवेदी व स्वाति रिछावरा ने ‘‘यू ही तुम मुझसे बात करती हो, या कोई प्यार का इरादा है’’ की प्रस्तुति दी। लोकेन्द्र पाण्डे व स्वाती रिछावरा ने अब तक चुप बैठे, अब तो कुछ बोलना’’, भरत लखवानी व रानी राठौर ने ‘‘मेरे रंग में रंगने वाली, परी हो या हो परियों की रानी’’ गीत गाया।
गजलों की प्रस्तुति में योगेश गोविन्दानी ने ‘‘दुख सुख का सबका’’,  प्रदीप शिवम शर्मा ने ‘‘होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है’’, सिमरन ने जगजीतसिंह की गजल ‘‘कोई तू पढ़ना फरियाद तेरे दिल से’’ सुनाई।
अजय डांगी ने कविता, डी.जे.सिंह व तानिल भाई ने शायरी तथा ललित बटवाल व राजा भैया सोनी ने गीतों की प्रस्तुति दी। इस दौरान फैनी जैन ने बासूरी वादन एवं गिनीज बुक में नामांकित गीत अखण्ड ने तबला वादन  प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन नरेन्द्र कुमार त्रिवेदी ने किया तथा आभार डॉ. के.एल. राठौर ने माना।

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