उत्तर प्रदेश के मोहम्मद इस्लाम 45 वर्षों से कर रहें रामचरितमानस का पाठ
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के एक गांव में रहने वाले मोहम्मद इस्लाम पिछले 45 सालों से रामचरितमानस और रामायण का पाठ करते आ रहे हैं। मोहम्मद इस्लाम को रामायण पाठ और सुंदरकांड पाठ के लिए कई राज्यों में भी बुलाया आता हैं।
इस वक्त पूरे देश में राम नाम की गूंज है। देश के कोने से कोने भगवान राम की अनोखे ढंग से भक्ति करने वालों की लगातार खबरें आ रही हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में एक ऐसा रामभक्त मिला जो अपने आप में धर्मनिर्पेक्ष भारत की तस्वीर हैं। दरअसल, मिर्जापुर पहाड़ी ब्लॉक के धर्मदेवा गांव में 64 साल के मोहम्मद इस्लाम रहते हैं। ये पिछले 45 वर्षों से रामचरितमानस और रामायण का पाठ करते आ रहे हैं। मोहम्मद इस्लाम पाठ करने के लिए जनपद के अलग-अलग क्षेत्रों में तो जाते ही हैं। इसके अलावा इन्हें दिल्ली, मुंबई, मध्य प्रदेश, बिहार सहित कई प्रदेशों से भी रामायण पाठ करने के लिए बुलावा आता हैं।
मोहम्मद इस्लाम ,5 साल पहले अयोध्या में टाट में स्थापित रामलला का दर्शन करने गए थे। मोहम्मद इस्लाम का कहना हैं कि राम मंदिर को बहुत पहले बन जाना चाहिए था। मोहम्मद इस्लाम ने बताया कि वे पिता के साथ सिलाई का काम करते थे। 19 वर्ष की उम्र में वे गांव में होने वाले रामायण पाठ और सुंदरकांड सुनने जाते थे। इसके बाद वे रामचरित मानस का पाठ करने लगे और पाठ करना उन्हें अच्छा लगने लगा। मोहम्मद इस्लाम व्यास गद्दी से रामायण का पाठ करते हैं।
मोहम्मद इस्लाम ने बताया कि वे जब घर पर रहते हैं तो पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं। रामचरित मानस का पाठ करने जाते है। राम की महिमा गाकर वे ईश्वर की इबादत करते हैं, क्योंकि इंसान को बनाने वाला एक ही है। लोग अलग-अलग रूप में मानते हैं। रामचरित मानस का पाठ करने में आज तक उनको किसी ने नहीं टोका, बल्कि हमेशा उत्साहित ही किया हैं।