नीमचमध्यप्रदेश

समाचार मध्यप्रदेश नीमच 24 जनवरी 2024

 

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सभी संबंधित विभाग समन्‍वय के साथ लंबित कार्य प्राथमिकता से पूर्ण कराएं-श्री जैन

कलेक्‍टर ने समय सीमा पत्रों की समीक्षा

नीमच 23 जनवरी 2024, कलेक्‍टर श्री दिनेश जैन ने मंगलवार को कलेक्‍टोरेट सभाकक्ष नीमच में विभागवार समय-
सीमा पत्रों की एक-एक कर सभी विभागों की समीक्षा की। बैठक में संबंधित विभाग आपसी समन्‍वय से लंबित कार्यो
को प्राथमिकता से पूर्ण करवाये। योजनाओं की प्रगति बढाये, शासकीय भवनों को चिहिंत कर, राजस्‍व निकार्ड में दर्ज
करवाये। यह निर्देश कलेक्‍टर श्री दिनेश जैन ने मंगलवार को कलेक्‍टोरेट सभाकक्ष में नीमच में जिला अधिकारियो
की बैठक में विभागवार समीक्षा करते हुए दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री गुरूप्रसाद, सभी एसडीएम एंव जिला
अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्‍टर ने समय-सीमा पत्रों की समीक्षा करते हुए गणतंत्र दिवस पर भारत पर्व के आयोजन में
अधिकारी कर्मचारी अनिवार्यत: उपस्थित होने के निर्देश दिए। विभिन्‍न विभागों द्वारा निकाली जाने वाली झांकी एवं
उत्‍कृष्‍ट कार्य करने वाले सेवकों को सम्‍मानित करने के निर्देश दिए। 25 जनवरी 2024 को राष्‍ट्रीय मतदाता
दिवस की तैयारियों की समीक्षा की। कलेक्‍टर ने कहा कि जिन विभागों को किसी भवन व अन्‍य निर्माण के कार्य
स्‍वीकृत हुए है, और ज़मीन संबंधी विवाद हो, तो ऐसे प्रकरणों में ज़मीन आवंटन करवाकर, कार्य तत्‍काल प्रारम्‍भ
करवाये। बडी योजनाओं, कार्यो की समय-समय पर नियमित रूप से मॉनिटरिंग कर सुनिश्चित करें,कि किसी दशा में
प्रोजेक्‍ट के कार्य में अवरोध उत्‍पन्‍न ना हो।
कलेक्‍टर श्री जैन ने सभी नगरीय निकायों की स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण रैंक की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए, कि वे
स्‍वच्‍छता गतिविधियां बढायें। विशेष स्‍वच्‍छता अभियान चलाएं, स्‍वच्‍छता कार्य में नगरीय निकायों की रैंक में
सुधार लाने का प्रयास करें। उन्‍होने खुले बंद पडे बोरवेल बंद करवाने के निर्देश दिए। जिले में बंद पडे सूखे बोरवेल,
टयूबवेल को चिहिंत कर, उन्‍हे बंद करवाये या ढंकवाये, ताकि दुर्घटना की कोई सम्‍भावना ना हो। लोक स्‍वास्‍थ्‍य
यांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए, कि वे ड्रिलींग मशीन संचालको को पाबंद करे, कि वे नलकूप खनन के पूर्व नलकूप
खनन की जानकारी लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग या तहसील कार्यालय में अनिवार्य रूप से दर्ज करवाये। सूखे हुए
सभी नलकूपों को मिट्टी भरवाकर बंद करवाना सुनिश्चित किया जाये।

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कलेक्‍टर एवं जिला पंचायत सी.ई.ओ.ने की जनसुनवाई-57 लोगों की सुनी समस्‍याएं

नीमच 23 जनवरी 2024,कलेक्‍टर कार्यालय नीमच में मंगलवार को कलेक्‍टर श्री दिनेश जैन एवं जिला पंचायत
सी.ई.ओ.श्री गुरूप्रसाद ने जनसुनवाई करते हुए-57 लोगों से रूबरू होकर, उनकी समस्‍याएं सुनी और उनका निराकरण
करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। इस मौके पर संयुक्‍त कलेक्‍टर सुश्री प्रिती संघवी, डिप्‍टी कलेक्‍टर
श्री संजीव साहू, सुश्री किरण आंजना, सभी एसडीएम, सहित विभिन्‍न विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे।
जनसुनवाई में काश्‍वी तहसील जीरन के मिटठुसिंह राजपूत ने पुत्र के उपचार हेतु आर्थिक सहायता पर
कलेक्‍टर श्री दिनेश जैन ने नशामुक्ति केन्‍द्र में भर्ती करवाने के निर्देश दिए। लासुर की फुलकुंवर ने धोके से जमीन
बेचने की शिकायत पर कलेक्‍टर ने तहसीलदार जावद को जॉच कर कार्यवाही के निर्देश दिए, स्‍कीम नं. नीमच के
भंवरलाल ने लाईट चोरी करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करने, जावद के इकबाल ने वार्ड नं. 2 से अतिक्रमण हटवाने
एवं कछाला के छोगालाला धाकड ने बैंक खाते में कटोत्री राशि पुन:दिलवाने संबंधी आवेदन जनसुनवाई में प्रस्‍तुत
किया।
इसी तरह रामपुरा दरवाजा नीमच सिटी की दिपीका, मनोज खरे, सीताबाई, अम्‍बेडकर कालोनी नीमच के
मोहनलाल भील, रजा कालोनी निम्‍बाहेडा जिला चित्‍तौडगढ की शाहीन बी, पिपलोन के देवकिशन, बावल दरवाजा
जावद की रूकमणबाई धाकड, आफीसर कालोनी के रहवासीगण, नीमच के शिवराम पाटीदार, नयागॉव की वीरूबाई
गायरी, बघाना के लक्ष्‍मण, नीमच के अफजल पठान, विकास नगर नीमच के राजेन्‍द्र प्रसाद, बराडा के मुकेश कुमार
एवं मुलचंद मार्ग के माधवलाल गुचबंदिया ने भी अपना आवेदन जनसुनवाई में प्रस्‍तुत कर समस्‍याएं सुनाई।

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शिव पार्वती प्रसंग सुनकर मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु, दूसरे दिन श्रीमद् भागवत कथा का हुआ भव्य आयोजन
नीमच। ग्राम डुंगलावदा में इन दिनों तीर्थधाम जैसा नजारा दिख रहा है। यहां श्रीमद्भागवत कथा सुनने सेकड़ो श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। भगवान के जयकारे लगातार लग रहे हैं। कथा के दौरान राधे राधे की गूंज पूरे इलाके में गूंज रही हैं। पंडित शिवजी महाराज के श्रीमुख से श्रीमद भागवत कथा सुन श्रद्धालु धन्य हो रहे हैं। बांके बिहारी की मूर्ति के समक्ष शीश झुका प्रणाम करके कथा स्थल पर कथा सुनने जा रहे हैं। मंगलवार को कथा का दूसरा दिवस था। भूरालाल प्रजापति परिवार द्वारा इस आयोजन में दूसरे दिवस पर गणेश वंदना, हनुमान चालीसा एवं दिव्य मंत्रो के साथ श्रीमद भागवत कथा की शुरुआत की गई।
भागवत कथा के दूसरे दिन शुकदेव की वंदना के बारे में वर्णन करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत की अमर कथा एवं शुकदेव के जन्म का विस्तार से वर्णन किया। कैसे श्रीकृष्ण ने शुकदेव महाराज को धरती पर भेजा भागवत कथा गायन करने को ताकि कलियुग के लोगों का कल्याण हो सके।
शिवजी ने कथा वाचन करते हुए कहा कि भगवान मानव को जन्म देने से पहले कहते हैं ऐसा कर्म करना जिससे दोबारा जन्म ना लेना पड़े। मानव मुट्ठी बंद करके यह संकल्प दोहराते हुए इस पृथ्वी पर जन्म लेता है। प्रभु भागवत कथा के माध्यम से मानव का यह संकल्प याद दिलाते रहते हैं। भागवत सुनने वालों का भगवान हमेशा कल्याण करते हैं। भागवत ने कहा है जो भगवान को प्रिय हो वही करो, हमेशा भगवान से मिलने का उद्देश्य बना लो, जो प्रभु का मार्ग हो उसे अपना लो, इस संसार में जन्म-मरण से मुक्ति भगवान की कथा ही दिला सकती है। भगवान की कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है। राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं किंतु भगवान के नियम ना तो गलत हो सकते हैं और नहीं बदले जा सकते हैं। शुकदेव जी के जन्म के बारे में यह कहा जाता है कि ये महर्षि वेद व्यास के अयोनिज पुत्र थे और यह बारह वर्ष तक माता के गर्भ में रहे। भगवान शिव, पार्वती को अमर कथा सुना रहे थे। पार्वती जी को कथा सुनते-सुनते नींद आ गयी और उनकी जगह पर वहां बैठे सुकदेव जीने हुंकारी भरना प्रारम्भ कर दिया। जब भगवान शिव को यह बात ज्ञात हुई, तब उन्होंने शुकदेव को मारने के लिये दौड़े और उनके पीछे अपना त्रिशूल छोड़ा। शुकदेव जान बचाने के लिए तीनों लोकों में भागते रहै भागते-भागते वह व्यास जी के आश्रम में आये और सूक्ष्मरूप बनाकर उनकी पत्नी के मुख में घुस गए। वह उनके गर्भ में रह गए। ऐसा कहा जाता है कि ये बारह वर्ष तक गर्भ के बाहर ही नहीं निकले। जब भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं आकर इन्हें आश्वासन दिया कि बाहर निकलने पर तुम्हारे ऊपर माया का प्रभाव नहीं पड़ेगा, तभी ये गर्भ से बाहर निकले और व्यासजी के पुत्र कहलाये। गर्भ में ही इन्हें वेद, उपनिषद, दर्शन और पुराण आदि का सम्यक ज्ञान हो गया था। जन्म लेते ही ये बाल्य अवस्था में ही तप हेतु वन की ओर भागे, ऐसी उनकी संसार से विरक्त भावनाएं थी। परंतु वात्सल्य भाव से रोते हुए व्यास भी उनके पीछे भागे। मार्ग में एक जलाशय में कुछ कन्याएं स्नान कर रही थीं, उन्होंने जब शुकदेव महाराज को देखा तो अपनी अवस्था का ध्यान न रख कर शुकदेव का आशीर्वाद लिया। लेकिन जब शुकदेव के पीछे मोह में पड़े व्यास वहां पहुंचे तो सारी कन्याएं छुप गयीं। ऐसी सांसारिक विरक्ति से शुकदेव महाराज ने तप प्रारम्भ किया। इस अवसर पर ग्राम डुंगलावदा स्थित कथा पांडाल में भीड़ का जत्था सराबोर दिखाई दिया, भक्ति में लीन होकर श्रद्धालू झुमते गाते दिखाई दिए।

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