रुद्राक्ष वही धारण कर सकता जो शुद्ध शाकाहारी हो -महंत मंगलपुरीजी
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नाहरगढ़ मे चल रही भव्य शिवमहापुराण कथा
नाहरगढ़ (तुलसीराम राठौर)–नगर मे सत्यनारायण धुलचंद धनोतिया परिवार द्वारा श्री देव दरबार रामेश्वर आश्रम गंभीरपुरा (इडर) जिला साबरकांठा गुजरात के प्रसिद्ध शिव कथा वाचक स्वामी महंत श्री मंगलपुरीजी महाराज के मुख़ारबिंद से 7 दिवसीय शिव महापुराण ज्ञान महायज्ञ का आयोजन श्री नानक्या बाग़ हनुमान मंदिर परिसर पर चल रहा है!
कथा के तृतीय दिवस अपार जनसमुदाय व मातृशक्ति की उपस्थिति मे महंत ने नारद जी की तपस्या व सृष्ठी का वर्डन करते हुवे कहा की शरीर परमात्मा का मंदिर है इस शरीर क़ो कभी भी अपवित्र नहीं करना चाहिये एवं रुद्राक्ष उसी व्यक्ति क़ो धारण करना चाहिए जो शुद्ध शाकाहारी हो, उन्होंने मालवा के समस्त क्षेत्र का राजा बाबा महाँकाल व मेवाड़ के राजा एकलिंगजी का उल्लेख करते हुवे खा की जिसको कोई स्वीकार नहीं करता उसे महादेव स्वीकार करते है, नित्य प्रतिदिन तिलक करना सनातन धर्म की शान है, सोये हुवे सनातन धर्म क़ो जगाना ही हम संतो का कर्तव्य है!
वर्तमान पारिवारिक व्यवस्था पर तंज कसते हुवे उन्होंने कहा की जहाँ माँ बाप अपनी सन्तानो से अलग अलग रहते है और सार्वजानिक रूप से उसे कहते है की हमारी फेमेली है, माँ बाप से बड़ा कोई भगवान नहीं है , माता पिता इस कलयुग मे प्रत्यक्ष भगवान है,उन्होंने कहा की माँ बच्चो क़ो चलना सिखाती है और बाप बच्चो क़ो पेरो पर खड़ा होना सिखाता है दुनिया का सबसे दया का पात्र बाप होता है,पाश्चात्य संस्कृति के त्योहारों वेलेंटाइन ड़े जैसे अनेको अवसरो क़ो उन्होंने बर्बादी ड़े की उपाधि दी, आज की कथा मे युवाओं की संख्या अधिक थी, कथा के चौथे दिवस ब्रम्हाजी की मानसिक सृष्ठी, दक्ष प्रजापती की उत्पत्ति व सती प्रसंग की कथा रहेगी ।