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प्रभु भक्ति में मंत्रो का अहम योगदान – संत श्री ज्ञानानंदजी महाराज

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यज्ञोपरित धारक कर्म कार्यक्रम बुधवार को
मन्दसौर। नगर के खानपुरा स्थित श्री केशव सत्संग भवन में चातुर्मास हेतु ज्ञानानंदजी महाराज हरिद्वार विराजित है जिनके मुखारविन्द से प्रतिदिन श्रीमद भागवत कथा के एकादश स्कंद का वाचन किया जा रहा है, जिसका श्रवण करने के प्रतिदिन प्रातः 8.30 बजे से 10 बजे तक बडी संख्या में धर्मालुजन पधार रहे है।
सोमवार को धर्मसभा में संतश्री ज्ञानानंदजी महाराज ने कहा कि हम प्रभु की भक्ति करते है उनका भजन करते है जिसका लाभ हमें हमारे सांसारिक जीवन में होता है। लेकिन प्रभु भक्ति की मंत्रों के साथ की जाती है तो उसका और अधिक प्रभाव हमारे जीवन पर होता है। आपने कहा कि हिन्दू शास्त्रों में मंत्रों का बहुत महत्व है। मंत्र हमारी साधना को पूर्ण करते है यज्ञ हो या फिर हवन सभी में मंत्रों को विशेष महत्व होता है। धर्मसभा में शिवस्तोत्र मंत्र का जाप भी किया गया।
धर्मसभा में केशव सत्संग भवन के अध्यक्ष जगदीशचंद्र सेठिया ने बताया कि हमारे हिन्दू सनातनी धर्म में जनेउ का विशेष महत्व है। इसी हेतु यज्ञोपरित धारण कर्म का आयोजन बुधवार 30 अगस्त को प्रातः 9 बजे ब्रम्ह चेतन्य आश्रम खानपुरा में किया जा रहा है। जिसे पं जगदीश लाड संपन्न करवायेंगे। श्री सेठिया ने बताया कि जनेउ धारण कर्म में पुराने जनेउ धारी एवं जो नये हो दोनों सादर आमंत्रित है।
सोमवार को धर्मसभा के अंत में भगवान की आरती उतारी गई जिसके पश्चात् प्रसाद का वितरण किया गया। धर्मसभा में विशेष रूप से केशव सत्संग भवन के अध्यक्ष जगदीशचंद्र सेठिया, मदनलाल गेहलोत, पं शिवशंकर शर्मा, शंकरलाल सोनी, प्रवीण देवडा, संतोष जोशी, आंनदीलाल मोदी, कमल देवडा, राव विजय सिंह राधेश्याम गर्ग, जगदीश गर्ग, इंजि आर सी पाण्डेय, भगवतीलाल पिलौदिया, घनश्याम भावसार, सहित बडी संख्या में महिलाएं पुरूष उपस्थित थे।

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