नीमचमध्यप्रदेश
भारत विकास परिषद का तीन दिवसीय सनातन संस्कार निःशुल्क प्रशिक्षण शिविर शुभारंभ

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शिविर तीन दिवसीय 14 जून बुधवार तक आयोजित होगा। इस अवसर पर भारत विकास परिषद विवेकानंद शाखा महिला प्रकोष्ठ प्रमुख प्रियंका रांगनेकर,शिविर संयोजक मीना मनावत, गुंजन दरक, शिविर सह संयोजिका विष्णुकांता विजयवर्गीय , संध्या राठी,ज्योति मारू, डिंपल पोरवाल, शिविर सहयोगी अलका विजयवर्गीय , सुरभी सिंहल, पिंकी गर्ग, लक्ष्मी विजयवर्गीय ,पुष्पा दानगढ़, ज्योति बाहेती टीना गट्टानी, प्रविशा गट्टानी, रेखा पाटीदार ,अलका विजयवर्गीय,भारत विकास परिषद विवेकानंद शाखा अध्यक्ष मनीष विजयवर्गीय सचिव ललित राठी, कोषाध्यक्ष कन्हैया सिंहल आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।
निशुल्क प्रशिक्षण शिविर में दीपक बट्ट द्वारा पेंटिंग ,श्वेता जोशी, द्वारा योग , संध्या राठी द्वारा मेहंदी, विनीता मालवीय द्वारा ,आर्ट क्राफ्ट, सेल्फ मेकअप हिना बदलानी द्वारा विधिवत तकनीकी प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन प्रदान किया गया। सेवा भारती की सदस्य लक्ष्मी प्रेमानी में बच्चों को भारतीय संस्कृति के संस्कारों के महत्व के पर प्रकाश डाला। श्रीमती प्रेमानी ने जब बच्चों से पूछा कि हनुमान चालीसा कौन बोल सकता है तब 7 साल की नन्ही बालिका रुतबी बोहरा ने खड़े होकर हनुमान चालीसा धारा प्रवाह सुना दी। उपस्थित अतिथियों द्वारा बालिका को नगद राशि प्रदान कर पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वेदांशी गांग ने भोजन मंत्र , व नव्या बैरागी ने भजन सुनाया जिसकी सभी ने सराहना की। गायत्री शक्तिपीठ के कार्यकर्ता अशोक धाकड़ ने यज्ञ के जीवन से महत्वपूर्ण संबंध बताते हुए कहा कि जन्म से लेकर मरण तक सोलह संस्कार होते हैं। मां के पेट में बच्चे के जन्म पर पुसवन संस्कार उसके बाद बड़े होने पर नामकरण उसके बाद अन्नप्राशन उसके बाद मुंडन संस्कार उसके बाद जनेऊ यज्ञोपवीत संस्कार संस्कार उसके बाद जन्मदिन , विवाह,संस्कार आदि संस्कारों का महत्व होता है। उन्होंने कहा कि जन्मदिन का संस्कार में विकृतियां आ रही है कुछ लोग जन्मदिन पर मोमबत्ती बुझाते हैं जबकि भारतीय संस्कृति के अनुसार हमें दीपक जलाना चाहिए। गौ सेवा करनी चाहिए तभी हमारा जन्मदिन मनाना सार्थक होता है। मुंह पर केक लगाना भारतीय संस्कृति नहीं है। प्रतिदिन माता-पिता के चरण वंदन कर आशीर्वाद ग्रहण करने का संस्कार सीखें तभी उनके जीवन का कल्याण हो सकता है।यज्ञ करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सरलता से उपाय हो सकता है।
इसके साथ ही शिविर प्रशिक्षण शिविर का समापन समारोह14 जून को थैलेसीमिया पर ब्लड बैंक सत्येंद्र सिंह राठौड़ मार्गदर्शन देंगे। सामान्य ज्ञान, चित्रकला ,मेहंदी प्रतिस्पर्धा पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के साथ आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर आशीष दरक मुंबई द्वारा निःशुल्क वास्तु कला कुंडली विवेचन सामान्य चर्चा एवं समाधान उपाय बताए गए। सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ वंदे मातरम गीत प्रांजलि अरोंदेकर एवं रश्मि बोहरा द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन मीना मनावत, सुरभि सिंहल, गुंजन दरक ,द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।