Renault Kwid Electric आ रही है बाजार में धूम मचाने, इतनी सस्ती कि पेट्रोल कारें भी फीकी लगेंगी!

भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में Electric कारों की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, लेकिन महंगी कीमतें अब भी आम ग्राहकों की जेब पर भारी पड़ रही हैं। ऐसे में Renault कंपनी ने एक बड़ा दांव खेलने का मन बना लिया है। खबरें आ रही हैं कि रेनॉल्ट अपनी पॉपुलर कार क्विड का इलेक्ट्रिक अवतार भारतीय बाजार में पेश करने जा रही है। यह कार भारत में सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार बनने की पूरी तैयारी कर चुकी है। इस कदम से टाटा और मारुति जैसी दिग्गज कंपनियों को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है।
Renault Kwid Electric का शानदार लुक और दमदार फीचर्स
इंटरनेट पर लीक हुई तस्वीरों में Kwid Electric का नया लुक साफ नजर आ रहा है। इसमें रियर में वाई-शेप टेललैंप, नया फ्रंट बंपर और आकर्षक हेडलैंप सेटअप शामिल है। साइड में स्टील व्हील्स और नया Renault लोगो इसकी इलेक्ट्रिक पहचान को और खास बना देते हैं। खास बात ये है कि इस कार का डिजाइन ग्लोबल मार्केट में पहले से धूम मचा रही सिटी के-जेडई इलेक्ट्रिक से इंस्पायर किया गया है। यानी भारतीय ग्राहकों को इंटरनेशनल टच के साथ शानदार लुक मिलने वाला है।
Renault Kwid Electric के हाईटेक फीचर्स और सेफ्टी का भरोसा
Renault Kwid Electric में कंपनी कई एडवांस फीचर्स जोड़ने की प्लानिंग कर रही है, जो आमतौर पर महंगी कारों में ही मिलते हैं। इसमें 7-इंच डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, 10-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल और वायरलेस चार्जिंग जैसी शानदार सुविधाएं दी जा सकती हैं। वहीं, सुरक्षा के लिहाज से एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS), मल्टीपल एयरबैग्स और रियर व्यू कैमरा जैसे फीचर्स भी शामिल किए जाने की संभावना है। यानी कम बजट में भी ग्राहकों को सेफ्टी और लग्जरी का पूरा मजा मिलेगा।
Renault Kwid Electric की बैटरी, रेंज और संभावित कीमत
Renault Kwid Electric में 26.8 kWh की बैटरी मिलने की उम्मीद है, जो करीब 220 किलोमीटर की रेंज दे सकती है। यह रेंज शहर के रोजाना के सफर के लिए काफी है और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से राहत भी दिलाएगी। अगर Renault इस कार को 6-7 लाख रुपए के बीच लॉन्च करती है, तो यह सचमुच भारत की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार बन जाएगी। इससे न सिर्फ बड़े शहरों बल्कि छोटे कस्बों में भी इलेक्ट्रिक कारों की पहुंच बढ़ेगी। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह कदम बड़ा बदलाव ला सकता है।