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कौन हैं भजनलाल शर्मा, जिन्हें भाजपा ने बनाया राजस्थान का नया सीएम

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राजस्थान समेत पूरे देश की जनता को जिस नाम का इंतजार था वह सामने आ गया है। भारतीय जनता पार्टी ने सभी कयासों पर ब्रेक लगाते हुए भजनलाल शर्मा को राजस्थान का नया मुख्यमंत्री बनाया है। 3 दिसंबर को राजस्थान विधानसभा चुनाव के परिणाम आए थे। इसके बाद से ही वसुंधरा राजे, बाबा बालकनाथ समेत विभिन्न नेताओं को सीएम पद की रेस में माना जा रहा था। हालांकि, इन सभी को पछाड़ते हुए भजनलाल शर्मा का नाम सीएम पद के लिए तय हो गया है।

पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा

भजनलाल शर्मा राजस्थान की सांगानेर विधानसभा सीट से विधायक हैं। वह भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान ईकाई के प्रदेश महामंत्री का पद भी संभाल रहे थे। भरतपुर से ताल्लुक रखने वाले 56 वर्षीय भजनलाल शर्मा ब्राह्मण समाज से आते हैं। खास बात ये है कि 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में वह पहली बार विधायक बने हैं। भजनलाल शर्मा को संघ और संगठन दोनों का करीबी माना जाता है।

विधायकों ने चुना नेता

जयपुर में राजनाथ सिंह की अगुवाई में तीन पर्यवक्षकों द्वारा विधायक मंडल की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में विधायकों ने भजनलाल शर्मा को अपना नेता चुना है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, खुद वसुंधरा राजे ने नए मुख्यमंत्री के रूप में भजनलाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा है।

वसुंधरा की विदाई

भजनलाल शर्मा के रूप में नए सीएम के ऐलान के बाद अब राज्य से वसुंधरा राजे की विदाई हो गई है। राजे ने 2 बार राज्य के सीएम पद की कमान संभाली थी। भाजपा की ओर से पहले से ही इशारा कर दिया गया था कि पार्टी किसी नए चेहरे को सीएम पद की कमान सौंप सकती है। इस कारण ये तय माना जा रहा था कि वसुंधरा इस बार सीएम नहीं बनेंगी।

 भजनलाल शर्मा का जीवन परिचय –

पहला विधानसभा चुनाव भाजपा के खिलाफ लड़ा ओर चुनाव हार गये।

27 साल की उम्र में अटारी गांव में सरपंच का चुनाव जीतकर राजनीति में आए थे।

उसके बाद 2003 में नदबई (भरतपुर) विधानसभा सीट से सामाजिक न्याय मंच से चुनाव लड़ा था, बीजेपी के ही खिलाफ लेकिन भजनलाल शर्मा जी कीं जमानत जब्त हों गई ।

भजनलाल शर्मा 34 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने 10वीं क्लास 1984 और 12वीं क्लास 1986 में नदबई के गगवाना हाईस्कूल से पास की थी। इसके बाद बीए 1989 में एमएसजे कॉलेज भरतपुर से की थी। 1993 में राजस्थान यूनिवर्सिटी से नॉन कॉलेज स्टूडेंट के तौर पर राजनीति शास्त्र से एमए किया था।

युवा मोर्चा के नदबई मंडल के अध्यक्ष बनकर भजनलाल की बीजेपी में एंट्री हुई थी। नदबई में वे एबीवीपी के अध्यक्ष और प्रमुख रहे, फिर भरतपुर जिले के सह संयोजक और कॉलेज इकाई प्रमुख व जिला सह प्रमुख बने थे।

इसके बाद वे पार्टी में ही तरक्की करते गए थे। युवा मोर्चा भरतपुर के जिला मंत्री, जिला उपाध्यक्ष, जिला महामंत्री और 3 बार जिला अध्यक्ष भी रहे। इसके बाद भाजपा में जिला मंत्री, जिला महामंत्री और जिला अध्यक्ष भी रहे।

1992 में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में जेल भी जा चुके हैं। 1990 में एबीवीपी के कश्मीर मार्च में भी सक्रिय रूप से जुड़े और उधमपुर तक का मार्च किया था। इस दौरान उन्होंने गिरफ्तारी भी दी थी।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से उनके संबंध पुराने हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले से जेपी नड्डा गोवर्धन परिक्रमा के लिए भरतपुर आते थे, तब भजनलाल भरतपुर के भाजपा जिला अध्यक्ष थे। उस समय से ही उनके करीबी बने हुए हैं।

साथ ही निंबाराम जब आरएसएस के सह प्रांत प्रचारक थे, तब उनका केंद्र भरतपुर था। उस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष होने के नाते भजनलाल की निम्बाराम से भी नजदीकियां बढ़ गई थीं। ऐसे में पूर्व में एबीवीपी से जुड़ाव और संघ का साथ मिलने से संगठन में उन्हें जल्द आगे बढ़ने के मौके मिले।

भजनलाल को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहे अशोक परनामी, मदन लाल सैनी, सतीश पूनिया और वर्तमान अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ महामंत्री के रूप में काम करने का अनुभव भी हैं। भजनलाल प्रदेश महामंत्री के रूप में अपने तीन-तीन साल के दो कार्यकाल पूरे करने के बाद लगातार तीसरी बार भी महामंत्री बने रहे। इससे पहले वे प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे हैं।

संघ के बैकग्राउंड के कारण महामंत्री रहते उनके अच्छे संबंध संगठन महामंत्री चंद्रशेखर जी से भी बन गए। इस कारण उन्हें भाजपा ने महत्वपूर्ण और सेफ सीट से सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर, उन्हें मौका दिया। टिकट भी केंद्रीय नेतृत्व के दखल से तय किया गया था

56 साल के भजनलाल शर्मा का पैतृक गांव भरतपुर के नदबई कस्बे के अटारी गांव में है। पिता किशन स्वरूप शर्मा और मां गोमती देवी हैं। दोनों अभी अटारी गांव में ही रहते हैं। भजनलाल खेती और खनिज उपकरण की सप्लाई के काम से जुड़े हैं। ये उनका निजी व्यवसाय है। फिलहाल वे जयपुर के मालवीय नगर में रह रहे हैं।

भजनलाल की पत्नी गीता भी पंचायत समिति सदस्य रह चुकी हैं। बड़ा बेटा आशीष प्रतियोगी परीक्षा (RAS) की तैयारी कर रहा है, वहीं छोटा बेटा कुणाल डॉक्टर है।

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