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दिव्यांगजन निःशुल्क शिक्षा के लिए सामाजिक न्याय विभाग मंदसौर में करें आवेदन
मंदसौर 25 अगस्त 24/ प्रभारी डिप्टी कलेक्टर एवं उप संचालक सामाजिक न्याय विभाग श्रीमती देवकुवर सोलंकी द्वारा बताया गया, कि ऐसे दिव्यांगजन जो देख नहीं सकते, सुन नहीं सकते साथ ही वो शिक्षा ग्रहण करने में असमर्थ है। ऐसे दिव्यांगजन सामाजिक न्याय विभाग मंदसौर में आवेदन कर सकते हैं। दिव्यांगजनों को निःशुल्क शिक्षा देने का प्रयास प्रशासन द्वारा किया जाएगा।
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सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर 2 लाख रू स्वीकृत
मंदसौर 25 अगस्त 24/ कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग के आदेशानुसार मोटरयान दुर्घटना पीडित प्रतिकर स्कीम 2022 के अंतर्गत सड़क दुर्घटना में रणजीतसिंह पिता गदसिंह निवासी माल्याखेड़ी
तहसील व जिला मंदसौर की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर क्षतिपूर्ति के रूप में 2 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई।
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जवाहर नवोदय विद्यालय कक्षा 6वीं प्रवेश के लिए आवेदन 16 सितंबर तक करें
मंदसौर 25 अगस्त 24/ जवाहर नवोदय विद्यालय लदूना के प्राचार्य द्वारा बताया गया कि जवाहर नवोदय विद्यालय की कक्षा 6वीं में प्रवेश के लिए आवेदन 16 सितंबर 2024 तक कर सकते है। वर्ष 2024-25 में कक्षा 5वीं में अध्ययनरत छात्र-छात्रायें विद्यालय समिति की वेबसाईट http://navodaya.gov.in पर आवेदन कर सकते है। आवेदन करते समय विद्यार्थी फोटो, कक्षा 5वीं में अध्ययनरत प्रधानाध्यापक द्वारा प्रमाणित आवेदन पत्र, आधार कार्ड एवं मूलनिवास प्रमाण पत्र साथ ले जावे। विद्यार्थी तीसरी एवं चौथी कक्षा शासकीय/ मान्यताप्राप्त विद्यालय में उत्तीर्ण किया हो। विद्यार्थी का जन्म 1 मई 2013 से 31 जुलाई 2015 के मध्य हुआ हो। अधिक जानकारी के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय लदूना के प्राचार्य के मो.नं 8103118945 पर संपर्क कर सकते है।
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भूमि आवंटित करने में आपत्ति 27 अगस्त तक करें प्रस्तुत
मंदसौर 25 अगस्त 24/ तहसीलदार तहसील मल्हारगढ़ द्वारा बताया गया कि आवदेक अंकुश शर्मा बॉस कुंवारी नरसिंहपुर द्वारा ग्राम गोगरपुरा तहसील मल्हारगढ़ के सर्वे क्रं. 405/10 रकबा 7.910 हें. भूमि दुधी प्रोजेक्ट योजना के लिये भूमि आबंटन के लिये आवेदन प्रस्तुत किया गया है। भूमि आबंटन संबंधी प्रकरण न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। इस संबंध में जिस किसी व्यक्ति अथवा संस्था को कोई आपत्ति हो प्रकरण नियत पेशी दिनांक 27 अगस्त 2024 तक स्वयं अथवा किसी वैद्य प्रतिनिधि के माध्यम से प्रस्तुत कर सकता है।
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रति रविवार योग रुचि विजय जी म.सा. की पावन मिश्रा में 100 से अधिक बच्चे सीख रहे हैं अष्टप्रकारी पूजा करना
मंदसौर। नई आबादी स्थित आराधना भवन मंदिर में चातुर्मास के उपलक्ष में विविध धार्मिक गतिविधियां हो रही है । प्रति रविवार प्रातः 7:30 से 9:00 बजे तक 100 से अधिक बच्चे यहां अष्ट प्रकारी पूजा कैसे की जाए यह ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। जैन संत श्री योगरुचि विजय जी महाराज साहब की पावन प्रेरणा व निश्रा में आराधना भवन श्री संघ व ट्रस्ट के द्वारा यह धार्मिक आयोजन किया जा रहा है और बच्चों को अष्ट प्रकार की पूजा कैसे की जाए यह ज्ञान दिया जा रहा है। 5 वर्ष से 16 वर्ष तक की आयु के बच्चे धोती कुर्ता व पारंपरिक पोशाक पहनकर पूर्ण आदर भाव से अष्ट प्रकारी पूजा करने का ज्ञान ले रहे हैं । इस मौके पर संभव जैन भंडारी दिपाखेड़ा विधि कारक के रूप में बच्चों को पूजा करने की विधि समझा रहे हैं । कल रविवार को बरसते पानी में भी 100 से अधिक बच्चे यहां पहुंचे और उन्होंने अष्ट प्रकारी पूजा का धर्म लाभ लिया।
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राग द्वेष कसाय को छोड़ो, दया करुणा धर्म को अपनाओ-साध्वी श्री रमणीक कुंवर
मंदसौर। मानव जीवन में राग, द्वेष, लोभ, हिंसा सदैव मनुष्य की दुर्गति करने का ही काम करती है। यह सब हमें छोड़ना चाहिए और दया, करुणा, दान तप, तपस्या मानव को अपनाना चाहिए। जीवन में जो चीज छोड़ने योग्य है हम उसे पकड़े रहते है, लेकिन जो चीजें पाने योग्य है उनसे दूर रहते हैं। हमें इस पर चिंतन कर धर्म के सही स्वरूप को समझना चाहिए।
उक्त उदगार परम पूज्य जैन साध्वी श्री रमणीक कुंवर जी म. सा. ने कहे । आपने रविवार को नई आबादी शास्त्री कॉलोनी में आयोजित धर्मसभा में कहा कि हमारे जीवन में राग द्वेष कषाय के जो अवगुण है हम उन्हें छोड़े और दया करुणा को अपनाये। जीवन में हमें दान पुण्य तप तपस्या का महत्व समझते हुए धर्म आराधना की ओर प्रवृत होना चाहिए।
सांसारिक आसक्ति को छोड़े- साध्वी श्री रमणीक कुंवर जी ने धर्म सभा में सुमति कुमार युवक जो की संभ्रांत परिवार का था उसका वृतांत बताते हुए कहा कि सांसारिक मोह (आसक्ति) का जब तक हम त्याग नहीं करेंगे तब तक हम धर्म और संयम की मार्ग की ओर प्रवृत्त नहीं हो पाएंगे । जब 12 वर्ष तक सुमति कुमार जैसा युवा सांसारिक मोह को छोड़ संयम को अपना सकता है तो हम भी सांसारिक मोह छोड़ सकते हैं
पुण्या श्रावक से प्रेरणा लो – साध्वी ने पुण्या श्रावक का वृतांत भी बताया। पुण्या श्रावक की धर्म आराधना, साधर्मी भक्ति एवं सामायिक आराधना उत्कृष्ट प्रकार की थी। प्रभु महावीर ने राजा क्षणिक के सम्मुख उसकी प्रशंसा भी की थी। पुण्या श्रावक साधारण श्रावक था लेकिन उसने अपरिग्रह को जिस प्रकार अपनाया वह प्रेरणादायक है । वह जितनी जरूरत है उतना कमाता था शेष समय सामायिक में लगाता था। पुण्या श्रावक जब सामायिक करता था तब उसका पूरा ध्यान उसी पर रहता था। जीवन में हम भी पुण्या श्रावक जैसा पुण्य अर्जित करें । पुण्या श्रावक का पुण्य इतना जबरदस्त था कि प्रभु महावीर अपने प्रवचनों में उसकी धर्म आराधना की प्रशंसा करते थे। धर्मसभा में बड़ी संख्या में धर्मालुजन उपस्थित थे। धर्मसभा में साध्वी चंदनाश्रीजी म. सा. ने भी अपने विचार रखें।