कृषि दर्शनमंदसौरमध्यप्रदेश

नस्ल सुधार से जिले के किसानों का बढ़ेगा दूध उत्पादन, पिछले का पहला गिर प्रोजेक्ट शुरू

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मंदसौर। जिले में पहला गिर प्रोजेक्ट सीतामऊ रोड पर गांव गुर्जर बर्डीया में नए वर्ष पर प्रारंभ हुआ। इस प्रोजेक्ट के संबंध में गांव के किसानों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के द्वारा किसानों को भी फायदा होगा। एक समय था जब गिर गायों को देखने के लिए मंदसौर जिले से बाहर राजस्थान, गुजरात, महू एवं अन्य क्षेत्रों में जाना पड़ता था। वहां पर गिर गाय देखने को मिलती थी। लेकिन अब यह सुविधा गांव गुर्जर बर्डीया में ही प्रारंभ हो गई है। अब किसान को गिर प्रोजेक्ट के बारे में जानना है या गिर गाय को पालना हो। जिसके लिए किसान आसानी से गांव के केंद्र पर जाकर उसके बारे में जानकारी ले सकता है। यह प्रोजेक्ट निश्चित रूप से किसानों की आर्थिक विकास का प्रेरणा स्त्रोत बनेगा। इस केंद्र के माध्यम से किसानों को शासकीय दर पर ही गिर नस्ल के केड़े प्राप्त होंगे। जिससे किसानों के घर पर जो पशु हैं, उसमें नस्ल सुधार होगा। जब नस्ल सुधार होगा। उससे दूध का उत्पादन बढ़ेगा और दूध के उत्पादन के बढ़ने से किसान आर्थिक रूप से सशक्त होगा।

पशुपालन विभाग के उपसंचालक डॉ मनीष इंगोले (09425048261) का कहना है कि वर्तमान में 25 गिर गायों को उनके बच्चों सहित लाया गया है। यह गाय दूध देने में सबसे अच्छी हैं। इसके साथ ही यह सभी मौसम के अनुकूल ढल जाती है। यह प्राचीन गिर गाय की नस्ल है। इनके रहने के लिए बाड़ों का निर्माण किया गया है। इनका वंश भी बड़ेगा। इसके साथ ही जिले में नस्ल सुधार का कार्य भी होगा। यह क्षेत्र बेहतर गिर गाय नस्ल का क्षेत्र बनेगा। गिर गाय केंद्र को देखकर किसानों के अंदर भी इनको पालने की प्रेरणा जागेगी। जिससे किसान दूध के क्षेत्र में, जैविक कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे।

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