
नीमच नगर पालिका क्षेत्र ंमें स्थित बंगला नं. 36 के पूर्वी भाग का
पुलिस अधीक्षक नीमच, लोकायुक्त भोपाल एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल को की गई शिकायत
नीमच- शहर स्थित बंगला एरिया के व्यवस्थापन नियम 2016 में प्रावधान है कि 5000 वर्ग फीट की भूमि तक व्यवस्थापन काफी कम दर पर किया जाता है और 5000 से अधिक वर्गफीट भूमि बाजार मूल्य पर पूर्ण राशि जमा कर उसका व्यवस्थापन किया जाता है कि इसके लिये वर्ष 2010 के पूर्व का रजिस्टर्ड लेख या न्यायालयीन डिक्री होना अनिवार्य है। इस बारेमें म.प्र. राजपत्र में प्रकाशित नीमच नगर पालिका क्षेत्र बंगला एरिया व्यवस्थापन नियम 2016 स्पष्ट रूप से है।
नीमच नगर पालिका क्षेत्र में बंगला नं. 36 जैन भवन के सामने स्थित है । जो शिवशंकर प्रसाद जगधारी ने अपने चचेरे भाई जमना प्रसाद के साथ मिलकर दिनांक 22.04.1939 को क्रय करना बताया गया है व जमना प्रसाद जी द्वारा अपने हिस्सते में आये भाग में से सन 1960 में 10 लोगों को पश्चिमी भाग का विक्रय करना दर्शाया गया है। शिवशंकर प्रसाद के वारिसों द्वारा मौखिक बंटवारा बताते हुए वर्तमान में प्रचलित नीमच बंगला भूमि व्यवस्थापन नियम 2016 में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नीमच के समक्ष व्यवस्थापन हेतु प्रकरण प्रस्तुत किये गये थे जो प्रकरण क्र. 1586 से 1588 व 1591 से 1605 तक दर्ज होकर इसमें वर्ष 2022 में व्यवस्थापन की कार्यवाही प्रारंभ की गई।
उपरोक्त व्यवस्थापन नियम में प्रावधान है कि 5000 वर्गफीट से अधिक भूमि का व्यवस्थापन नहीं होकर उसे धारक को प्रचलित बाजार मूल्य जो उप पंजीयन कार्यालय की गाइडलाईन में दर्शित है, वह अदा कर भूमि क्रय करनी होगी । इससे बचने के लिये कथित रूप से असत्य फर्जी 100 रूपये का स्टाम्प जो प्रीति व वनिता द्वारा अनिल कुमार के पक्ष में मुख्तार आम के लिये दिनांक 29.04.2008 को भोपराज मेहता स्टाम्प वेण्डर द्वारा जारी किया गया था। अर्थात जब स्टाम्प मुख्तार आम के लिए जारी किया गया था तो उसका दुरूप्योग कर उस पर यादी बंटवारा लेख वर्ष 2021 में शासन को नुकसान पहुंचाने की दृष्यिनत से शासकीस राशि का गबन करते हुए करोडों रूपये की राशि बचाने के लिय यादी मौखिक विभाजन दर्शाकर भूति को टुकडे-टुकडे में बता दिया गया और पृथक-पृथक 5000 वर्ग फीट से कम भूखण्ड दर्शाकर उनका व्यवस्थापन कराने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि सूंर्पण भूमि को एक साथ मानकर यादि व्यवस्थापन राशि की गणना की जाए तो काफी बडी राशि बनती है उससे बचने के लिये यह पृथक-पृथक बताए गए है इस कारण उक्त वर्णित जगधारी परिवार के सदस्यगण व उसमें सहयोग करने वाले शासकीय अधिकारी व नगरपालिका नीमच निर्वाचित अध्यक्ष जिम्मेदार है। इसे मान्य करने वाले अधिकारी भी इसमें सहयोगी है और नगर पालिका नीमच और शासन को काफी बडा आर्थिक नुकसान हो रहा है। व्यवस्थापन हेतु बनाए गऐ नियम में पात्रता की शर्ते देखी जावे तो शर्त क्र. 02 में अधिभोगी के पास सर्वे अधिसूचना दिनांक से पूर्व का पंजीकृत वैध दस्तावेज होना आवश्यक था । वर्ष 2010 के पूर्व सम्पत्ति के पंजीयन का प्रमाण पत्र आवश्यक है अर्थात वर्ष 2010 के पूर्व का पंजीकृत वैध दस्तावेज होना आवश्यक था पंरतु व्यवस्थापन कार्यवाही में दिनांक 19.03.2021 को न्यायालय में प्रस्तुत वाद के आधार पर न्यायालयीन डिक्री दिनांक 24.12.2021 को आधार मानकर व्यवस्थापन के पृथक-पृथक प्रकरण प्रचलित किये गये है। जबकि वर्ष 2010 की स्थिति में कोई मौखिक बंटवारा या उस आधार पर न्ययालयीन वाद या डिक्री अस्तित्व में नही थी। इस कारण डिक्री दिनांक 24.12.21 के आधार पर की गई समस्त कार्यवाहियां प्रारंभ से अवैध शून्य होकर निरस्त होने योग्य है और यह समस्त कार्यवाही करोडों रूये की शासकीय धन की चोरी करने का प्रयास होने से दस्तावेजों की कूटर चनाव भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है। व्यवस्थापन के प्रकरणों में विभिन्न विभागों द्वारा दिये गये अभिमत में भी जानबूझकर इस तथ्य को छिपाया गया है व जगधारी परिवार के भूमि स्वामियो को अवैध लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है। व्यवस्थापन प्रकरणों में व्यवस्थापन राशि नगर पालिका नीमच द्वारा कोष में जमा कर ली गई जबकि उपरोक्त बिन्दुओं के प्रकाश में काफी बडी राशि की चोरी स्पष्ट प्रस्तुत हो रही है जिसे रोका जाना व संबंधित अधिकारियों को दण्डित किया जाना आवश्यक है। अवैधानिक कार्यवाही को संरक्षण देने के लिय नगर पालिका नीमच द्वारा दिनांक 21.02.2024 को परिषद की बैठक पार्षदों के हस्ताक्षरित आवेदन के आधार पर आयोजित की गई थी। और जगधारी परिवार द्वारा येन-केन-प्रकारेण उक्त शासकीय धन की चोरी को परिषद के माध्यम से नियमित करवाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसमें सभी जिम्मेदार व्यक्तियों की सांठगांठ साफ दिख रही है। व्यवस्थापन प्रक्रिया में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नीमच द्वारा जो आदेश दिनांक 07.07.2023 को पारित किया गया है, वह आदेश व व्यवस्थापन राशि गणना पत्रक दिनांक 29.03.2023 से स्पष्ट है कि बडे स्तर पर सोचे समझे ढंग से सांठगांठ कर शासन को करीब 25 करोड रूपये जो पूर्ण सम्पत्ति के बाजार मूल्य अनुसार नगर पालिका में जमा होने थे । उसका गबन कर प्रत्येक आरोपी द्वारा आर्थिक लाभ लेना दर्शित हो रहा है । जो स्पष्ट रूप में से दस्तावेज साक्ष्य के आधार अपराध की श्रेणी में आता है। इस पुरे प्रकरण की शिकायत दिनांक 20.02.2024 को नीमच पुलिस अधीक्षक को भी की गई है।