महिला बाल विकास गंगेव की परियोजना अधिकारी का कथित रिश्वत लेने का वीडियो सोशल मीडिया में हुआ वायरल

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मध्य प्रदेश में महिला बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्र कमाई के साधन बने हुए हैं कुछ को तो छोड़ दे अधिकांश आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में सिर्फ कमाई का जरिया बने हुए हैं आंगनबाड़ी केंद्र अक्सर बंद रहते हैं और कागजों में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होते हैं आंगनबाड़ी केदो के निरीक्षण के लिए सुपरवाइजर ब्लॉक परियोजना अधिकारी नियुक्त होती हैं उनसे भी बड़े अधिकारी जिला परियोजना अधिकारी होती हैं लेकिन आंगनबाड़ी केदो की जांच पड़ताल समय पर नहीं होने से आंगनबाड़ी केदो में हो रही अनियमित के लिए बड़े अधिकारी भी बराबर के जिम्मेदार हैं इस पर आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण नहीं किया जाता ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी आंगनबाड़ी केंद्र है जिनके कार्यकर्ता शहर में रहकर अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं और उनकी नौकरी उनके पति या उनके रिश्तेदार करते नजर आते हैं स्थानीय पंचायत और जिम्मेदार अधिकारी भी ध्यान नहीं देते तो वही महिला बाल विकास विभाग गंगेव की परियोजना अधिकारी द्वारा कथित रिश्वत लेने का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ है।
परियोजना अधिकारी ने बताया षड्यंत्र
इस संबंध में यह जानकारी नहीं हो पाई है की वीडियो कब बनाई गई है और किसने बनाया है लेकिन जब परियोजना अधिकारी निर्मला मिश्रा से इस संबंध में जानकारी चाहिए गई तो उन्होंने कहा कि कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मातृत्व वंदना योजना की फीडिंग मेरे द्वारा कराई गई थी उसकी राशि 200 रुपए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के खाते में आते हैं फीडिंग करने वाले ऑपरेटर को मेरे द्वारा भुगतान किया जा चुका था वही भुगतान कार्यकर्ताओं द्वारा मुझे लौटाया गया था वीडियो पुराना है किसी शरारती तत्व द्वारा वीडियो बनाकर मुझे षडयंत्र पूर्वक बदनाम करने के लिए यह वीडियो वायरल किया गया है रिजवान लेने जैसा आप का मैं खंडन करती हूं।